यौन उत्पीड़न क्या है और इसे कैसे रोकें?
हर दिन कई लोगों को अनचाहे व्यवहार का सामना करना पड़ता है। यौन उत्पीड़न शब्द सुनते ही अक्सर स्कूल, ऑफिस या सार्वजनिक जगहों की झलक आती है। यह सिर्फ शारीरिक नहीं, बल्कि मौखिक, इशारों और डिजिटल माध्यम से भी हो सकता है। अगर आप खुद या किसी को ऐसे अनुभव से गुजर रहा देखें तो तुरंत कार्रवाई करना जरूरी है।
यौन उत्पीड़न के आम संकेत
पहचानना आसान नहीं होता, लेकिन कुछ स्पष्ट लक्षण होते हैं:
- बिना सहमति के शारीरिक स्पर्श या निकटता।
- अश्लील टिप्पणी, अपमानजनक मजाक या लगातार निजी सवाल।
- डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर अनचाहे संदेश, फोटो या वीडियो भेजना।
- काम या पढ़ाई में दबाव डालकर शारीरिक या मौखिक मांगें रखना।
इन संकेतों को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। अगर आप महसूस करें कि किसी ने सीमा पार कर दी है, तो मदद लेना पहला कदम होना चाहिए।
कदम और समाधान
1. तुरंत रिकॉर्ड रखें: तारीख, समय, स्थान और क्या कहा या किया गया – यह सब लिख लें। अगर संभव हो तो चैट स्क्रीनशॉट या आवाज़ रिकॉर्ड भी रखें। ये बाद में पुलिस या कोर्ट में काम आएगा।
2. भरोसेमंद व्यक्ति से बात करें: दोस्त, परिवार या सहकर्मी को बताएं। अकेले रहना तनाव बढ़ा सकता है, जबकि कोई सुनने वाला मददगार हो सकता है।
3. कंपनी/स्कूल की शिकायत बॉक्स: कई संस्थानों में HR या प्रिंसिपल के पास औपचारिक प्रक्रिया होती है। लिखित शिकायत दें और प्रतिक्रिया का रिकॉर्ड रखें।
4. पुलिस या महिला हेल्पलाइन कॉल करें: भारत में 181 (महिला हेल्पलाइन) या स्थानीय थाने पर रिपोर्ट कर सकते हैं। FIR दर्ज होने से कानूनी कार्रवाई शुरू हो जाती है।
5. वैधानिक अधिकार समझें: भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 354A और 376 जैसे प्रावधानों में यौन उत्पीड़न पर सजा निर्धारित है। अगर आप कामकाजी जगह में हैं तो कार्यस्थल सुरक्षा अधिनियम भी मदद करता है।
6. मनोवैज्ञानिक सपोर्ट लें: इस तरह के अनुभव से मानसिक असर हो सकता है। काउंसलर या थैरेपिस्ट की मदद लेना फायदेमंद रहेगा। कई NGOs मुफ्त में परामर्श देती हैं।
सुरक्षा का एक और तरीका यह है कि आप अपने आसपास के लोगों को भी जागरूक करें। जब सबको पता होगा कि क्या ठीक है, तो उत्पीड़न कम हो सकता है।
यौन उत्पीड़न से लड़ने में सबसे बड़ी ताकत सामुदायिक समर्थन है। अगर कोई देखे या सुने, तो तुरंत हस्तक्षेप करे। छोटे‑छोटे कदम मिलकर बड़े बदलाव लाते हैं।
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मलयालम अभिनेता सिद्दीकी का AMMA महासचिव पद से इस्तीफा: यौन उत्पीड़न के आरोप के बाद
मलयालम अभिनेता सिद्दीकी ने यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स (AMMA) के महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। महिला अभिनेता, जो कभी गुमनाम रही लेकिन कुछ रिपोर्ट में रेवथी संपथ का नाम लिया गया, ने आरोप लगाया है कि 2016 में सिद्दीकी ने उसे होटल में बुलाकर यौन शोषण किया। इस मामले ने मलयालम फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न और शोषण की व्यापकता को उजागर किया है।