महाराष्ट्र राजनीति: अभी क्या चल रहा है?
अगर आप महाराष्ट्र की राजनीति को समझना चाहते हैं तो सबसे पहले यह जान लीजिए कि इस साल कौन‑से बड़े इवेंट भड़के हुए हैं। राज्य में मुख्यमंत्री चुनाव, लोकसभा सीटों की फेरबदल और कई नई गठबंधन की अफवाहें घुम रही हैं। इस लेख में हम आपको साफ़‑साफ़ बताते हैं कि कौन‑से मुद्दे अभी सबसे ज्यादा चर्चा में हैं और क्या असर डाल सकते हैं।
मुख्य पार्टियों की स्थिति
भाजपा ने पिछले दो साल में अपने प्रदर्शन को रीसेट करने की कोशिश की है। नई फ़ाइलिंग, सामाजिक कल्याण योजनाओं और ग्रामीण विकास पर ज़ोर देकर वे महाप्रांत में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहते हैं। दलील यह है कि नयी युवा वर्ग को रोजगार देने की योजना उनका सबसे बड़ा हथियार होगी।
शिवसेना, जो दीर्घकालिक रूप से महाराष्ट्र में प्रमुख शक्ति रही है, अब मौजूदा गठबंधन को तोड़कर अपनी स्वतंत्र दिशा चुन रही है। पार्टी नेता ए.एस. देसाई ने कहा है कि वे भरोसेमंद सामाजिक सेवाओं और छोटे उद्यमियों को मदद करने वाले प्रोजेक्ट्स पर काम करेंगे।
कांग्रेस ने फिर से गठबंधन की बात नहीं छोड़ी है। राज्य में कई युवा नेता अब उनका प्रमुख चेहरा बन रहे हैं, और वे युवा वोटर को आकर्षित करने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और किसानों की मदद को सबसे बड़ा एजेंडा बना रहे हैं।
आगामी चुनाव और प्रमुख मुद्दे
2025 में आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टियों ने अपने‑अपने रैलियों का दौर शुरू कर दिया है। सबसे चर्चा में है जल-संकट, किसान राहत पैकेज और मुंबई‑पुन्हा‑रहना (ऑफिस‑नौकरी) का सवाल। लोगों का विचार है कि सरकार को अब इन बुनियादी समस्याओं को सॉलिड सॉल्यूशन देना चाहिए, न कि सिर्फ शब्दों में घुमा देना चाहिए।
बाजार में चल रहे घोटालों की भी बड़ी आवाज़ है। कई राजनैतिक वर्चुअल फोरम पर यह कहा जा रहा है कि पारदर्शिता बढ़ाने के लिए एक स्वतंत्र ऑडिट बोर्ड होना चाहिए। अगर ऐसा होगा तो जनता का भरोसा फिर से बढ़ सकता है।
एक और दिलचस्प बात जो सामने आई है, वह है डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास। महाराष्ट्र में 5G, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट और ई‑गवर्नेंस के ज़रिये राजनीति भी अब टेक्नोलॉजी के साथ चल रही है। युवा वर्ग इन्हें अपनाने में पहले से ही उत्साहित है।
अंत में, यह कहा जा सकता है कि महाराष्ट्र की राजनीति अब सिर्फ काग़ज़ी लड़ाइयों तक सीमित नहीं रही। यह जमीन, पानी, डिजिटल पहल और युवा ऊर्जा से जुड़ी कई नई लड़ाइयों का मिश्रण है। यदि आप इस बदलते माहौल में कूदना चाहते हैं तो इन पहलुओं को समझना ही सबसे ज़रूरी होगा।
अजीत पवार–IPS विवाद: सोलापुर कॉल पर सियासत गरम, कार्रवाई की मांग तेज
सोलापुर के कर्डु गांव की अवैध मुर्रम खुदाई पर कार्रवाई के बीच उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और SDPO अंजना कृष्णा की फोन बातचीत का वीडियो वायरल हुआ। पवार पर धमकाने के आरोप लगे, जबकि उन्होंने दखल से इनकार किया। शिवसेना (उद्धव) और एनसीपी (एसपी) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी, परिवार में भी अलग-अलग आवाजें। अभी तक कोई एफआईआर नहीं, गृह विभाग से कार्रवाई की मांग बढ़ी।