ड्रोन हमले: क्या है खतरा और हम कैसे सुरक्षित रह सकते हैं?
पिछले कुछ सालों में ड्रोन के इस्तेमाल से कई बार सीमा‑पर या बड़े शहरों में अचानक हमला हुआ है। ये छोटे‑से‑उड़ने वाले यंत्र तेज़ी से लक्ष्य तक पहुँचते हैं, कैमरे या विस्फोटक ले जाते हैं और बहुत कम समय में नुकसान कर देते हैं। अगर आप भी इन खबरों को रोज़ देखते हों तो सोचना स्वाभाविक है – क्या हमें सच मच सुरक्षित रहने के लिए कुछ करना चाहिए?
हालिया ड्रोन हमले कौन‑से हुए?
2024 में पाकिस्तान की सीमा पर कई बार छोटे‑ड्रोन देखे गये, जिनमें से दो ने कश्मीर के गाँवों को नुकसान पहुंचाया। उसी साल चीन‑इंडोनेशिया जल सीमाओं के पास भी अनजान ड्रोन का पता चला, जो संभावित जासूसी या नज़रबंदी की कोशिश दिखाते थे। भारत में सबसे बड़ी खबर 2025 की थी – जब एक सिविल एयरलाइन हवाई अड्डे पर लैंडिंग करते समय छोटा कैमरा‑ड्रोन टकराया और उड़ान को अस्थायी रूप से रोकना पड़ा। इन सभी घटनाओं ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है।
आमतौर पर ड्रोन दो तरह के होते हैं – रीकॉनसेंस (जासूसी) वाले जो कैमरों या सेंसरों से जानकारी इकट्ठा करते हैं, और हमले‑उपकरण वाले जो विस्फोटक या ज्वलनशील पदार्थ ले जाते हैं। भारत में अधिकांश रिपोर्टेड केस रीकॉनसेंस ड्रोन थे, पर कुछ छोटे‑विस्फोटक वाले भी पकड़े गये।
सरकार की प्रतिक्रिया और बचाव के उपाय
ड्रोन खतरे को लेकर केंद्र ने कई कदम उठाए हैं। सबसे पहले, डिफेन्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने ‘ड्रोन जेमिन’ नाम का एंटी‑ड्रोन सिस्टम तैयार किया है जो इलेक्ट्रॉनिक जामिंग से ड्रोन की उड़ान रोकता है। इसके अलावा, सीमांत राज्यों में मोबाइल रडार और सीनियर इंटेलिजेंस टीम को तैनात किया गया है ताकि कोई भी अनजान उड़ान तुरंत पकड़ ली जाए।
स्थानीय स्तर पर लोग भी मदद कर सकते हैं। अगर आपको किसी अजीब आवाज़ या तेज़ गूँज वाला छोटा यंत्र दिखे तो फ़ोन से 112 या स्थानीय पुलिस को तुरंत रिपोर्ट करें, और खुद आगे नहीं बढ़ें। ड्रोन अक्सर ऊँचाई 200‑400 फ़ीट पर उड़ते हैं, इसलिए उन्हें देख कर हाथ में कैमरा उठाना जोखिम भरा हो सकता है।
कुछ शहरों ने सार्वजनिक जागरूकता अभियान चलाए हैं – स्कूल और कॉलेज में ड्रोन की पहचान और सुरक्षा प्रोटोकॉल सिखाया जाता है। घरों में भी आसान एंटी‑ड्रोन जेम्स (जैसे रेडियो फ्रीक्वेंसी ब्लॉकर्स) लगवाने से छोटी निजी समस्याओं को रोका जा सकता है, पर ध्यान रखें कि ये उपकरण सरकारी नियमों के अंतर्गत ही इस्तेमाल हों।
अंत में, ड्रोन का उपयोग हमेशा वैध नहीं होता – कई बार सिविल ऑपरेशन्स जैसे फ़सल सर्वे या फोटोग्राफी के लिए भी ड्रोन होते हैं। इसलिए जब आप समाचार पढ़ते हैं तो स्रोत की जाँच करें और अफवाहों से बचें। सही जानकारी ही हमें डर को कम करके वास्तविक खतरे का सामना करने में मदद करती है।
सुरक्षा अब सिर्फ सरकार या सेना की जिम्मेदारी नहीं, हर नागरिक का कर्तव्य बन गया है। अगर आप इन सरल कदमों को अपनाएँगे तो ड्रोन हमले के जोखिम को काफी हद तक घटा सकते हैं। याद रखें – सतर्क रहें, जल्दी रिपोर्ट करें और सही जानकारी फैलाएँ।
रूस पर यूक्रेन ने किया अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन हमला: मास्को के पास हमले से भारी तबाही
रूसी अधिकारियों ने यूक्रेन द्वारा रातभर किए गए एक विशाल ड्रोन हमले की रिपोर्ट की है, जिसमें 140 से अधिक ड्रोन शामिल थे। इस हमले के कारण मास्को के पास एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन लोग घायल हो गए। रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उन्होंने 144 यूक्रेनी ड्रोन को नष्ट कर दिया है।
