Doritos – सभी अपडेट और रोचक जानकारी
When working with Doritos, एक लोकप्रिय कॉर्न स्नैक ब्रांड है जो मसालेदार फ्लेवर वाले टॉर्टिला चिप्स पर आधारित है. Also known as फ्राइटो‑ले का ड्रैगन चिप, it भारत और विदेशों में युवा वर्ग में बहुत पसंद किया जाता है. इस स्नैक को Frito‑Lay ने विकसित किया और इसका बेस टॉर्टिला चिप है, जबकि विभिन्न फ्लेवर इसे विविध बनाते हैं।
1960 के दशक में अमेरिकी बाजार में लॉन्च हुए Doritos ने जल्दी ही स्नैक वर्ग में अपनी जगह बना ली। शुरुआत में सिर्फ साधारण कॉर्न चिप्स थे, लेकिन Frito‑Lay ने रंग‑बिरंगे मसाले और पके हुए चीज़ पाउडर से उन्हें अलग बनाने का प्रयोग किया। इस प्रयोग ने ‘नाचो चीज़’ जैसे बेस्ट‑सेलर को जन्म दिया, जो आज भी सबसे लोकप्रिय विकल्पों में से एक है। भारत में 1990 के दशक में आयात के बाद, स्थानीय उत्पादन की शुरुआत ने कीमतों को घटाया और उपलब्धता बढ़ी।
आज Doritos की फ्लेवर रेंज में न केवल क्लासिक नाचो चीज़ और कूल रैंच शामिल हैं, बल्कि भारत‑विशेष मसालेदार ‘भुजिया’ या ‘टंग दि पलेज़’ जैसे सीमित संस्करण भी आते हैं। हर नया स्वाद बाज़ार अनुसंधान पर आधारित होता है, क्योंकि विविध स्वाद उपभोक्ताओं की पसंद को प्रभावित करते हैं। जब कोई नया फ्लेवर लैन्स होता है, तो सोशल मीडिया पर ट्रेंड शुरू हो जाता है और बिक्री में तुरंत उछाल देखी जाती है। इस तरह फ्लेवर का प्रभाव Doritos की लोकप्रियता को सीधे बढ़ाता है।
उत्पादन प्रक्रिया में टॉर्टिला चिप बेस को पहले ट्रैडिशनल मैश्ड कॉर्न से बनाया जाता है, फिर इसे पतला करके फॉर्म किया और कुरकुरा किया जाता है। इसके बाद विभिन्न मसाले और पाउडर को स्प्रे या कोटिंग के माध्यम से चिप्स पर लगाया जाता है। इस चरण में Frito‑Lay की उन्नत लीन उत्पादन तकनीक की जरूरत पड़ती है, जिससे समान स्वाद और गुणवत्ता हर बैच में बनती रहे। पैकेजिंग भी महत्त्वपूर्ण है; एरोज़न पाउडर को बंद封 करने के लिए एअर‑टाइट बैग उपयोग किए जाते हैं, जिससे खुराक की ताजगी बनी रहती है।
पोषण के मानकों को देखते हुए, एक पैक (28 g) Doritos में लगभग 150 kcal, 8 g वसा और 190 mg सोडियम होते हैं। जबकि यह स्नैक तेज़ ऊर्जा देता है, अधिक मात्रा में सेवन न करने की सलाह दी जाती है। तुलना में बटर और मीठे स्नैक्स में अधिक शुगर और ट्रांस‑फैट होते हैं, इसलिए संतुलित आहार में Doritos को कभी‑कभी लेना बेहतर विकल्प हो सकता है। कई लोग इसे दही या सॉल्टेड डिप के साथ खा कर नमी और प्रोटीन जोड़ते हैं, जिससे स्नैक अधिक संतोषजनक बनता है।
मार्केटिंग की बात करें तो Doritos ने हमेशा पॉप‑कल्चर की ताकत का इस्तेमाल किया है। बॉलीवुड और ओलीवूड की फिल्मों के साथ को‑ब्रांडिंग, क्रिकट्रॉनिक गेम्स के भीतर वर्चुअल इवेंट्स, और बड़े खेल टूर्नामेंट्स में स्पॉन्सरशिप ने ब्रांड को युवाओं के बीच और लोकप्रिय बनाया है। डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर चैलेंज, मीम्स् और इन्फ्लुएंसर सहयोग ने वायरल कैंपेइन चलाए हैं, जिससे नयी पीढ़ी में ब्रांड एंगेजमेंट बढ़ा है। भारत में प्रमुख शॉपिंग मॉल और ऑनलाइन ग्रॉसरी साइट्स पर ख़ास डिस्काउंट और बंडल ऑफ़र भी अक्सर देखे जाते हैं।
भारतीय उपभोक्ता अब सिर्फ स्वाद नहीं, बल्कि स्थानीय झुकाव, जैविक सामग्री और सीमित‑समय पेशकशों को भी महत्व देते हैं। इसलिए Doritos ने विविध क्षेत्रों के आधार पर ‘मसाला’, ‘सिंघाड़ा’ और ‘अवोकैडो पापड’ जैसे संस्करण लॉन्च किए हैं। ई‑कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म पर तेज़ डिलीवरी और सब्स्क्रिप्शन मॉडल ने भी ग्राहकों को बार‑बार खरीदने के लिए प्रेरित किया है। इन सभी रणनीतियों से Doritos ने भारतीय स्नैक मार्केट में अपने पैर जमा रखे हैं और आगे भी नई संभावनाओं को खोजता रहेगा।
आगे आप इस पेज पर Doritos से जुड़ी नवीनतम खबरें, प्रोडक्ट लॉन्च, विज्ञापन विश्लेषण और उपभोक्ता रिव्यू देखेंगे। चाहे आप नया फ्लेवर ढूँढ रहे हों या मार्केट ट्रेंड जानना चाहते हों, यहाँ की सामग्री आपकी रुचियों को पूरी तरह सपोर्ट करेगी।
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