विश्व पर्यावरण दिवस: हर घर में हरित बदलाव कैसे लाएँ
हर साल 20 अप्रैल को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारे रोज़मर्रा के छोटे‑छोटे कामों से भी ग्रह की हालत बदल सकती है। अगर आप सोच रहे हैं कि इस अवसर पर क्या करें, तो पढ़िए ये आसान सुझाव—कोई बड़ा खर्च नहीं, बस थोड़ा ध्यान चाहिए।
पर्यावरण दिवस के मुख्य थीम और भारत में कार्यक्रम
प्रत्येक वर्ष यूएन ने एक विशेष थीम तय की होती है, जैसे ‘सिर्फ़ प्लास्टिक को न कहें’ या ‘जलवायु परिवर्तन से लड़ें’। भारतीय सरकार इन थीम को लेकर स्कूलों, कॉलेजों और पंचायतों में जागरूकता कार्यक्रम चलाती है। कई शहर में वृक्षारोपण मुहिम, स्वच्छता ड्राइव और साइकिल‑ड्राइव आयोजित होते हैं। आप अपने स्थानीय निकाय की वेबसाइट या सोशल मीडिया पेज पर तारीख़ें देख सकते हैं।
घर से शुरू होने वाले 5 इको-टिप्स
1. प्लास्टिक कम करें: एक बार इस्तेमाल करने वाली बोतलों की जगह स्टेनलेस या काँच की बोतल रखें।
2. ऊर्जा बचाएँ: रात में लाइट बंद रखिए, एसी को 24°C पर सेट रखें और ऊर्जा‑सेविंग बल्ब बदलें।
3. पानी बचत: नहाते समय बकेट का उपयोग करें, टपकते नल को ठीक कराएँ और बारिश के पानी को संग्रहित करने की सोचीए।
4. वृक्षारोपण: अपने आँगन या बालकनी में छोटे पौधे लगाइए—यह हवा को साफ़ करता है और मन को शांति देता है।
5. रीसायक्लिंग: कागज़, कार्डबोर्ड, कपड़े और इलेक्ट्रॉनिक सामान अलग-अलग बॉक्सों में रखें ताकि रीसायक्लिंग प्लांट तक आसानी से पहुँच सके।
इन छोटे‑छोटे कदमों को रोज़मर्रा की आदत बनाकर आप न सिर्फ पर्यावरण दिवस बल्कि पूरे साल धरती के लिए एक सकारात्मक बदलाव लाएँगे। याद रखिए, बड़ा परिवर्तन हर व्यक्ति की छोटी‑सी जिम्मेदारी से शुरू होता है।
यदि आपके पास समय और संसाधन हों तो सामुदायिक स्तर पर भी भाग ले सकते हैं—जैसे स्कूल में पर्यावरण क्लब बनाना या पड़ोस के साथ साफ़-सफ़ाई अभियान चलाना। इस तरह का समूह कार्य ऊर्जा बचाने, कचरा कम करने और जागरूकता फैलाने में मददगार साबित होता है।
अंत में, यह दिन सिर्फ एक इवेंट नहीं बल्कि हमें लगातार हरित विकल्प चुनने की याद दिलाता है। तो अगले विश्व पर्यावरण दिवस पर अपने कैलेंडर में ‘हरित कदम’ का प्लान बनाइए और उसे पूरा करके खुद को गर्व महसूस करिए।
विश्व पर्यावरण दिवस विशेष: प्लास्टिक प्रदूषण से मुक्ति के लिए आम कार्रवाइयाँ और सतत समाधान
इस लेख में प्लास्टिक प्रदूषण और पर्यावरणीय क्षरण के खिलाफ सामूहिक कार्रवाइयों और सतत समाधानों की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। इसमें प्लास्टिक प्रदूषण के खतरनाक प्रभावों पर प्रकाश डाला गया है और बताया गया है कि यह स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरे उत्पन्न कर सकता है। साथ ही, यह भी बताया गया है कि सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के साथ-साथ नागरिकों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है।