शिक्षा का अधिकार – क्या है नया और कैसे लाभ उठाएँ
हर दिन स्कूल‑क्लास से लेकर विश्वविद्यालय तक कई बदलाव होते हैं. अगर आप जानना चाहते हैं कि इन बदलावों का आपके या आपके बच्चों के शिक्षा अधिकार पर क्या असर पड़ेगा, तो ये लेख मदद करेगा.
मुख्य अपडेट – बोर्ड परीक्षा और नई नीतियाँ
सीबीएसई ने 2025 में क्लास 12 भौतिकी पेपर की तारीखें तय कर दी हैं. परीक्षा 21 फरवरी को होगी, कुल 33 प्रश्न पाँच सेक्शन में बाँटे गए हैं. इस साल इलेक्ट्रोस्टैटिक्स और आधुनिक भौतिकी पर अधिक ध्यान है, इसलिए तैयारी में इन टॉपिक को मजबूत करना फायदेमंद रहेगा.
साथ ही सीबीएसई ने क्लास 10 और 12 बोर्ड परीक्षाओं की शुरुआत भी घोषित कर दी. क्लास 10 के लिये 18 मार्च और क्लास 12 के लिये 4 अप्रैल तक परीक्षा समाप्त होगी. एडमिट कार्ड 7 फरवरी को जारी होगा, तो जल्द से जल्द डाउनलोड कर लेँ.
शिक्षा अधिकार कैसे सुनिश्चित करें
कुशल छात्र बनना सिर्फ पढ़ाई पर निर्भर नहीं करता. सरकार ने कई पहलें शुरू की हैं जैसे मुफ्त पुस्तकें, स्कॉलरशिप और डिजिटल कक्षाएँ. अगर कोई स्कूल इन सुविधाओं को प्रदान नहीं कर रहा तो आप राइट‑टू‑एड्यूकेशन (शिक्षा का अधिकार) के तहत शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
सबसे आसान तरीका है अपना स्थानीय शिक्षा बोर्ड या जिला कार्यालय से संपर्क करना. कई बार ऑनलाइन पोर्टल भी होते हैं जहाँ आप अपने मुद्दे को लिखित रूप में भेज सकते हैं. जवाब आमतौर पर दो‑तीन कामकाजी दिनों में आता है.
अगर स्कूल ने शारीरिक या मनोवैज्ञानिक उत्पीड़न की रिपोर्ट नहीं दी, तो बाल अधिकार आयोग से मदद लेनी चाहिए. यह आयोग तुरंत जांच शुरू करता है और आवश्यक कदम उठाता है.
एक और महत्वपूर्ण बात: हर छात्र को अपना पहचान‑पत्र (आधार कार्ड) स्कूल में देना ज़रूरी है. इससे सरकारी योजनाओं जैसे मुफ्त लंच, कपड़े और ट्यूशन का लाभ सीधे आपके खाते में आ जाता है.
अंत में याद रखें कि शिक्षा अधिकार सिर्फ कागज़ पर नहीं, बल्कि रोज़मर्रा की जिंदगी में भी लागू होता है. अगर आप या आपका बच्चा किसी समस्या का सामना कर रहा है, तो तुरंत कार्रवाई करें और अपने अधिकारों को सुरक्षित रखें.
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस: मौलाना अबुल कलाम आजाद के योगदान का महत्व और उनकी याद में समर्पित
हर साल 11 नवंबर को भारत में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है। यह दिन देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के योगदान को सम्मानित करने के लिए समर्पित है। उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के कारण वे भारतीय शिक्षा प्रणाली के पथप्रदर्शक बने। उनकी उपलब्धियों में आईआईटी और यूजीसी की स्थापना शामिल है। यह दिन शिक्षा के महत्व को दर्शाने और सामाजिक प्रगति में इसके योगदान को चिन्हित करता है।