फ्रंट‑रनिंग: आसान शब्दों में क्या होता है?
जब आप स्टॉक्स या कमोडिटी खरीदते हैं, तो कभी‑कभी बड़े ट्रेडर्स आपके ऑर्डर से पहले खुद ही वही शेयर ले लेते हैं। इसको फ्रंट‑रनिंग कहते हैं। ऐसा करने वाला अपना फायदा उठाता है क्योंकि कीमतें जल्दी ऊपर‑नीचे होती हैं और पहला कदम रखने वाले को बेहतर मूल्य मिल जाता है। आम आदमी के लिए ये बड़ी समस्या बन सकती है, खासकर जब बड़े संस्थान आपके ट्रेड को देखकर अपनी पोजीशन बदलते हैं।
फ्रंट‑रनिंग कैसे काम करती है?
सोचिए, आप किसी कंपनी के शेयर को 500 रुपये पर खरीदना चाहते हैं और अपने ब्रोकर को ऑर्डर देते हैं। अगर आपका ब्रोकर या कोई हाई‑फ़्रीक्वेंसी ट्रेडिंग (HFT) फर्म उस जानकारी को देख लेती है, तो वे पहले वही शेयर थोड़ा कम कीमत में खरीद कर रख लेते हैं। फिर जब आपका ऑर्डर एक्सिक्यूट हो जाता है, तो कीमत थोड़ी ऊपर चली जाती है और वो लोग अपना शेयर महंगे दाम पर बेच देते हैं। इस प्रक्रिया में आप ऊँची कीमत चुकाते हैं जबकि उन्होंने नफ़ा बना लिया।
ऐसे कई संकेत होते हैं जो बता सकते हैं कि फ्रंट‑रनिंग हो रही है: एक ही स्टॉक के लिए बहुत तेज़, छोटे-छोटे ऑर्डर अचानक बढ़ना; ट्रेडिंग वॉल्यूम में अनियमित उछाल; और कीमतों का अचानक झटका। अगर आप इन पैटर्न को पहचानते हैं तो समय से पहले कार्रवाई कर सकते हैं।
फ्रंट‑रनिंग से बचाव के आसान उपाय
सबसे पहला कदम है भरोसेमंद ब्रोकर चुनना। बड़े, मान्यता प्राप्त ब्रोकरेज अक्सर ऐसे प्रैक्टिस को रोकने के लिए कड़े नियम लागू रखते हैं। दूसरा, लिमीट ऑर्डर इस्तेमाल करें बजाय मार्केट ऑर्डर के। लिमीट ऑर्डर में आप कीमत तय कर देते हैं, इसलिए अगर कोई आपका ऑर्डर पहले लेता भी है तो वह आपकी निर्धारित कीमत नहीं पहुंच पाएगा।
तीसरा उपाय है ट्रेडिंग टाइम को बदलना। बहुत सारा फ्रंट‑रनिंग प्री‑मार्केट या ओपनिंग सेशन में होता है, जब वॉल्यूम कम होता है। आप अपना ऑर्डर देर के समय या लंच ब्रेक के बाद लगाएँ तो जोखिम घटेगा। चौथा, अगर संभव हो तो छोटे-छोटे हिस्सों में खरीदें—इसे डॉलर्स‑कॉस्ट एवरजिंग कहते हैं—जिससे एक बड़े ऑर्डर से कीमत पर असर कम पड़ेगा।
अंत में, मार्केट न्यूज़ और विश्लेषण को नियमित रूप से पढ़ते रहें। अगर किसी कंपनी के बारे में अचानक बड़ी खबर आती है तो तुरंत ट्रेडिंग करना जोखिम भरा हो सकता है क्योंकि वही समय फ्रंट‑रनर्स भी सक्रिय होते हैं। सूचनाओं पर भरोसा करके सही टाइम चुनना हमेशा फायदेमंद रहता है।
फ्रंट‑रनिंग एक जटिल प्रक्रिया लग सकती है, लेकिन ऊपर बताये गए साधारण कदमों से आप काफी हद तक खुद को सुरक्षित रख सकते हैं। याद रखें, शेयर बाजार में सफलता का मूलमंत्र है – जानकारी, सतर्कता और सही रणनीति।
क्वांट म्यूचुअल फंड पर सेबी की जांच: फ्रंट-रनिंग के आरोपों के तहत तलाशी अभियान
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने क्वांट म्यूचुअल फंड पर फ्रंट-रनिंग के आरोपों की जांच हेतु तलाशी अभियान चलाया है। इस फंड के प्रबंधित संपत्तियों का मूल्य ₹93,000 करोड़ है। यह जांच यह पुष्टि करने के लिए की जा रही है कि कहीं फंड के अंदरूनी लोग बड़े लेन-देन की जानकारी का दुरुपयोग तो नहीं कर रहे हैं।