फ़राह ख़ान – बॉलीवुड में डांस और फ़िल्मनिर्देशन का आइकन
जब आप किसी बड़े बॉलिवुड गाने के साथ थिरकते हैं, तो अक्सर पीछे की चॉरीओग्राफ़ी को नहीं सोच पाते। वही काम फ़राह ख़ान ने अपने हाथों से किया है। वो सिर्फ डांसर नहीं, बल्कि एक ऐसी शख्सियत हैं जिसने कई सालों में नर्तकों, कलाकारों और दर्शकों के दिल जीत लिए हैं।
चॉरीओग्राफी में फ़राह खान का सफ़र
फ़राह का पहला बड़ा प्रोजेक्ट 1990 की फिल्म Khalnayak था, जहाँ उन्होंने ‘इंडिया’ गाने को ऐसा बनाय़ा कि आज भी लोग इसे याद करते हैं। उसके बाद दिलवाले दुल्हनिया ले जाएँगे, कभी खुशी कभी ग़म और कई अन्य हिट फ़िल्मों में उनका नाम चॉरीओग्राफ़ी के लिए आया। वो सिर्फ कदम नहीं बनाते, बल्कि कहानी को भी नृत्य से बताते हैं। जब आप ‘दिल धड़कने दो’ देखते हैं तो महसूस करते हैं कि हर मूव का एक मतलब है – खुशी, दर्द या जश्न।
फ़राह ने हमेशा नया प्रयोग किया। उन्होंने बॉलीवुड में फ्यूजन डांस लाया, जहाँ भारतीय ताल को पॉप और हिप‑हॉप के साथ मिलाते थे। इससे नयी पीढ़ी की फ़िल्में भी आधुनिक लगीं। उनका काम सिर्फ बड़े स्टार्स तक सीमित नहीं रहा; उन्होंने कई नए टैलेंट को मंच पर लाने में मदद की।
निर्देशक के रूप में नई दिशा
डांस के बाद फ़राह ने फ़िल्म निर्देशक का पद संभाला। 2005 में Main Hoon Na उनके लिए एक बड़ा मोड़ था। फिल्म को बॉक्स‑ऑफ़िस पर बड़ी सफलता मिली और दर्शकों ने उनकी कहानी कहने की शैली को सराहा। उसके बाद Om Shanti Om, Happy New Year जैसे प्रोजेक्ट आए, जहाँ उन्होंने न सिर्फ डांस बल्कि सम्पूर्ण फ़िल्म के टोन को तय किया। उनका निर्देशन हमेशा ऊर्जा से भरपूर रहता है, और अक्सर फिल्म में संगीत और नृत्य का सही मिश्रण होता है।
फ़राह ने अपने काम में सामाजिक पहल भी जोड़ी हैं। उन्होंने कई चैरिटी इवेंट्स में हिस्सा लिया, बच्चों के लिए डांस वर्कशॉप आयोजित कीं और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न प्रोग्राम चलाए। ये बातें उनके व्यक्तित्व को सिर्फ एक एंटरटेनर से अधिक बनाती हैं – वह एक प्रेरणा स्रोत भी हैं।
अगर आप फ़राह ख़ान के बारे में और गहराई से जानना चाहते हैं, तो उनकी फिल्में देखिए, गाने सुनिए और शायद किसी डांस क्लास में भाग लेकर उनका स्टाइल सीखने की कोशिश कीजिए। हर कदम पर आपको एक नई कहानी मिलती है – चाहे वह स्क्रीन पर हो या आपके अपने जीवन में। फ़राह का काम हमें सिखाता है कि नृत्य सिर्फ शरीर की भाषा नहीं, बल्कि दिल की आवाज़ भी है।
फ़राह ख़ान ने कई बार कहा है कि ‘डांस से ज्यादा ज़्यादा कुछ भी बात नहीं कर पाती’। यही कारण है कि उनका हर प्रोजेक्ट दर्शकों के साथ गूंजता है और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहता है।
शाहरुख खान और गौरी खान ने दी फराह खान की मां मेनका ईरानी को अंतिम विदाई
शाहरुख खान, गौरी खान और उनकी बेटी सुहाना खान फराह खान की मां मेनका ईरानी के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। यह कार्यक्रम मुंबई के पारसी जनरल अस्पताल में आयोजित किया गया। फराह खान की मां मेनका ईरानी की अचानक मृत्यु से बॉलीवुड जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।