क्वांट म्युटुअल फंड: बेसिक समझ और इस्तेमाल का तरीका
अगर आप अभी भी सोच रहे हैं कि क्वांट म्यूचुअल फंड असली में क्या है, तो इस लेख को पढ़िए। ये फंड उन लोगों के लिए बनाया गया है जो मार्केट की जटिलताओं से बचते हुए अच्छे रिटर्न चाहते हैं। आसान शब्दों में कहें तो, आपका पैसा एक प्रोफ़ेशनल टीम के पास जाता है और वो इसे विभिन्न स्टॉक्स, बॉन्ड या अन्य एसेट्स में बाँट देती है। इससे जोखिम कम होता है और लम्बे समय में बढ़िया रिटर्न मिल सकता है।
क्वांट म्यूचुअल फंड की खासियतें
सबसे बड़ी बात यह है कि क्वांट फंड कंप्यूटर मॉडल या एल्गोरिद्म का उपयोग करके शेयरों को चुनते हैं। ये मॉडल बाजार के बड़े डेटा, आर्थिक संकेतकों और कंपनी के फ़ाइनैंशियल स्टेटमेंट्स को पढ़कर तय करते हैं कौन‑सी स्टॉक्स में निवेश करना चाहिए। इसलिए फंड मैनेजर की व्यक्तिगत भावनाएँ या हॉट टिप्स इस पर असर नहीं डालतीं। दूसरा फायदा यह है कि क्वांट मॉडल रीयल‑टाइम में पोर्टफोलियो को रीबैलेंस करता रहता है, जिससे नुकसान कम होते हैं और अवसरों का फायदा उठाया जाता है।
क्वांट फंड अक्सर दो तरह के होते हैं – एक जो रिस्क लेवल कम रखता है (जैसे क्वालिटी‑फ़ोकस्ड) और दूसरा जो हाई ग्रोथ पर ध्यान देता है (जैसे टेक‑ड्रिवेन)। आपका जोखिम प्रोफ़ाइल तय करेगा कि कौन‑सा फंड आपके लिये सही रहेगा। अगर आप एंटी‑ट्रेण्ड या मार्केट में उतार‑चढ़ाव से डरते हैं तो कम रिस्क वाला क्वांट फंड चुनिए।
सही क्वांट म्यूचुअल फंड कैसे चुनें
पहला कदम – फ़ी और खर्चा देखें। क्वांट मॉडल बनाए रखने में टेक्नोलॉजी की लागत होती है, इसलिए एसे फंड का एक्स्पेंस रेशियो थोड़ा ज़्यादा हो सकता है। लेकिन अगर रिटर्न बेहतर मिलता है तो ये वज़न उठाता है। दूसरा, फंड की ऐतिहासिक परफ़ॉर्मेंस देखें, मगर केवल एक साल या दो साल के डेटा से नहीं, तीन‑से‑पांच साल का ट्रैक रिकॉर्ड देखिए।
तीसरा, एसेट अलोकेशन समझिए। कुछ क्वांट फंड बड़े कॅप कंपनी में ज़्यादा निवेश करते हैं, जबकि कुछ छोटे‑मध्य कॅप या सेक्टर‑स्पेसिफिक होते हैं। आपका पोर्टफोलियो विविधता रखे और एक ही सेक्टर पर भारी न पड़े, इसलिए ऐसे फंड चुनिए जो विभिन्न इंडस्ट्रीज़ को कवरेज करें।
चौथा, फंड मैनेजर की टीम का प्रोफ़ाइल देखें। क्वांट मॉडल में भी इंसानों का हाथ होता है – डेटा साइंटिस्ट, रिसर्च एनालिस्ट और पोर्टफोलियो मैनेजर मिलकर काम करते हैं। अगर उनकी पृष्ठभूमि मजबूत हो तो आपके निवेश पर भरोसा बढ़ता है।
अंत में, टैक्स इम्पैक्ट को न भूलें। क्वांट फंड अक्सर शेयरों की जल्दी‑जल्दी खरीद‑बिक्री करते हैं, जिससे शॉर्ट‑टर्म कैपिटल गेन टैक्स लग सकता है। अगर आप टैक्स बचत चाहते हैं तो एसे फंड देखें जिनमें टर्नओवर रेट कम हो या जो इक्विटी लोन स्कीम (ELSS) के तहत आते हों।
समाप्ति में, क्वांट म्यूचुअल फ़ंड उन लोगों के लिये एक स्मार्ट विकल्प है जो तकनीक‑आधारित निवेश चाहते हैं लेकिन खुद रिस्क मैनेज नहीं कर पाते। सही फंड चुनने की कुंजी खर्चा, परफ़ॉर्मेंस, एसेट अलोकेशन और टीम की योग्यता को समझना है। इन बातों का ध्यान रखिए और अपनी वित्तीय लक्ष्य के अनुसार क्वांट फ़ंड में निवेश शुरू कीजिये।
क्वांट म्यूचुअल फंड पर सेबी की जांच: फ्रंट-रनिंग के आरोपों के तहत तलाशी अभियान
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने क्वांट म्यूचुअल फंड पर फ्रंट-रनिंग के आरोपों की जांच हेतु तलाशी अभियान चलाया है। इस फंड के प्रबंधित संपत्तियों का मूल्य ₹93,000 करोड़ है। यह जांच यह पुष्टि करने के लिए की जा रही है कि कहीं फंड के अंदरूनी लोग बड़े लेन-देन की जानकारी का दुरुपयोग तो नहीं कर रहे हैं।