ईद-ए-मिलाद – इतिहास, रिवाज़ और भारत में ख़बरें
क्या आप जानते हैं कि ईद-ए-मिलाद सिर्फ एक दिन नहीं बल्कि कई देशों में अलग‑अलग रूप से मनाया जाता है? यह त्योहार पैगंबर मुहम्मद ﷺ की जन्म जश्न को दर्शाता है। हर साल इस दिन लोग नयी उम्मीद और प्रेम के साथ मिलते हैं, खास प्रार्थनाएँ पढ़ते हैं और दान‑परोपकार करते हैं।
ईद-ए-मिलाद का इतिहास
मुस्लिम कैलेंडर में रबी’ उल-अव्वल को ईद-ए-मिलाद कहा जाता है। इस दिन पैगंबर ﷺ के जन्म की याद में मस्जिदों में नफ़्ल प्रार्थना और दुआँ पढ़ी जाती हैं। शुरुआती शिया और सुन्नी दोनों समुदायों ने अलग‑अलग रीति‑रिवाज़ अपनाए, लेकिन मूल भावना एक ही रहती है – बख़्शीश और भाईचारे का संदेश देना। इतिहासकार बताते हैं कि 12वीं सदी में इस्लामी विद्वानों ने इसे आधिकारिक तौर पर मान्यता दी थी, तब से लेकर अब तक यह हर साल लाखों लोगों के दिल को छूता आया है।
भारत में ईद-ए-मिलाद कैसे मनाते हैं?
भारतीय मुसलमान अपने रीति‑रिवाज़ों में कुछ विशेष चीज़ें जोड़ते हैं। सुबह-सुबह मस्जिद में नफ़्ल नमाज के बाद घर की छत या बगीचे में सजावट लगाकर मिलनसार माहौल बनाते हैं। मिठाई जैसे शहरी और खीर, साथ ही फजली जैसी परम्परागत पकवान तैयार होते हैं। कई शहरों में विशेष जश्न के रूप में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं – कवियों की शेर-ओ-ग़ज़ल प्रस्तुति, नृत्य और सामाजिक कार्य।
यदि आप अपने क्षेत्र की ताज़ा खबरें चाहते हैं तो दैनिक समाचार इंडिया पर देखें: हाल ही में दिल्ली के जामिया मस्जिद ने 1 लाख से अधिक भक्तों को मिलाद-उजले की रोशनी में एकत्र किया, लखनऊ में शैक्षिक संस्थानों ने इस अवसर पर मुफ्त खानपान का आयोजन किया और मुंबई में कई NGOs ने जरूरतमंद परिवारों को दान‑पैकेट वितरित किए। ये सभी उदाहरण दिखाते हैं कि ईद-ए-मिलाद सिर्फ धार्मिक समारोह नहीं बल्कि सामाजिक एकता का भी जरिया है।
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तो अगली बार जब ईद-ए-मिलाद आए, तो बस अपनी मुस्कुराहट ले आएँ और इस दिन को प्यार‑भरे इरादों से भरपूर बनाएं। चाहे आप घर पर हों या बाहर, छोटे‑छोटे कदम बड़े बदलाव लाते हैं। दैनिक समाचार इंडिया के साथ जुड़े रहें, ताकि हर साल का यह पावन अवसर आपके लिए यादगार बने।
मुंबई में गणपति विसर्जन टकराव से बचने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने ईद-ए-मिलाद की आधिकारिक छुट्टी को पुनर्निर्धारित किया
महाराष्ट्र सरकार ने गणपति विसर्जन टकराव से बचने के लिए मुंबई में ईद-ए-मिलाद की आधिकारिक छुट्टी को 16 सितंबर से 18 सितंबर तक पुनर्निर्धारित किया है। इस निर्णय को नवी मुंबई पुलिस द्वारा बुलाई गई शांति बैठक के बाद लिया गया।