गणेश उत्सव की तैयारी और महत्व
हर साल अगस्त‑सितंबर में जब शरद ऋतु आती है तो घर-घर में एक ही आवाज़ गूँजती है – ‘ओंकारा ओंकारा’। यही आवाज़ हमारे प्यारे गणपति भाई का स्वागत करती है। अगर आप सोच रहे हैं कि इस बार का उत्सव कैसे खास बनाएं, तो पढ़िए यह आसान‑सरल गाइड।
गणेश जी की कथा और उनका महत्त्व
कथा के अनुसार भगवान शंकर और पार्वती ने जब एक बच्चा चाहते थे तो उन्होंने धूप में चूना मिलाकर एक छोटी मूर्ति बनाई – यही है हमारा गणपति। वह बाधाओं को हटाने, नई शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। इसलिए व्यावसायिक लोग नए प्रोजेक्ट की शुरूआत पर या छात्र पढ़ाई के पहले इस पूजा को अपनाते हैं।
गणेश उत्सव सिर्फ धार्मिक नहीं, सामाजिक भी है। पड़ोस में बिनोदली लगती है, मिठाइयों का स्टॉल लगा रहता है और सब मिलकर गाना‑बजाना करते हैं। यही माहौल आपके घर में लाने से रिश्तों में नयापन आएगा।
घर में आसान गणेश पूजा: कदम‑दर‑कदम
1. स्थान चुनें – साफ़ टेबल या अल्मारी के पीछे, जहाँ थोड़ा धूप या artificial light हो।
2. मूर्ति रखें – यदि नई नहीं है तो पुराने को साफ़ पानी में धोकर रखें।
3. सजावट – फूल (गेंदे का पत्ता, मारवाड़ की गुलाब), रांगोली या मोरिंगा व्रत के रंगीन कपड़े डालें। यह दिखने में सुंदर और मन को शान्त रखता है।
4. पूजा सामग्री – चंदन, दही, हल्दी, कुंबा, नारियल, मिठाई (लड्डू, मोदक) रखें।
5. आवाज और मंत्र – “ॐ गं गणपतये नमः” को तीन बार ज़ोर से पढ़ें, फिर ध्वनि वाले बासुड़ी या डमरू बजाएँ।
पूजा के बाद मिठाई बांटने का मतलब है सभी में सुख‑समृद्धि बाँटना। लड्डू और मोदक को हाथ में लेकर सबको दें, यह परम्परा आपके घर को खुशी से भर देगी।
उत्सव की तैयारी: बिनोदली, संगीत और व्यंजन
गणेश उत्सव के लिए बिनोदली लगाना बहुत आसान है – बस रेत या धूप में रंगीन पाउडर डालें, फिर हाथों से चित्र बनाएं। आप छोटे‑छोटे गणपति के आकार बना सकते हैं, इससे बच्चे भी मज़ा लेंगे और बड़े भी याद करेंगे कि यह त्यौहार कितना सरल हो सकता है।
भोजन की बात करें तो नारियल पानी, फालूदा, पकोड़े और खास तौर पर “साबुदाना खिचड़ी” बहुत लोकप्रिय है। इन व्यंजनों को तैयार करना ज्यादा समय नहीं लेता, लेकिन स्वाद में भरपूर होता है। यदि आप बाहर खाने का मन कर रहा हो तो स्थानीय मिठाई की दूकानों से लड्डू या मोदक ऑर्डर कर सकते हैं।
उत्सव के अंत में “विदाई” करना न भूलें। गणपति को फिरसे घर के बाहर ले जाएँ, हाथों में हल्का दीपक लेकर और “पुकारा” गाते हुए विदा करें। यह एक पुरानी परम्परा है जो मानती है कि भगवान जब वापस जाते हैं तो बुराइयाँ भी साथ नहीं ले जा पातीं।
तो अब आप तैयार हैं, न केवल पूजा के लिए बल्कि पूरे उत्सव को यादगार बनाने के लिये भी। इस गणेश उत्सव में छोटी‑छोटी चीज़ों का ध्यान रखें – साफ़-सफ़ाई, मिठाइयाँ बाँटना और संगीत की धुनें। यह आपके घर में शांति, खुशहाली और नई शुरुआत लाएगा।
मुंबई में गणेश उत्सव के लिए Swiggy Instamart ने स्थापित किया फ्री मोदक डिस्पेंसर
गणेश उत्सव के अवसर पर Swiggy Instamart ने मुंबई के कार्टर रोड पर मुफ्त मोदक डिस्पेंसर स्थापित किया है। यह डिस्पेंसर 6 और 7 सितंबर को उपलब्ध था और हर दिन 1,000 मोदक फ्री में देता था। डिस्पेंसर एक डिजाइन में आता है जो राहगीरों को आकर्षित करता है और घंटी बजाने पर ऑडियो सेंसर द्वारा काम करता है।