गणपति विसर्जन: क्या है, क्यों मनाते हैं और नई खबरें
हर साल जब दस दिनों का गणेश उत्सव खत्म होता है, तो लाखों लोग अपनी घर‑घर में गणपति विसर्जन करते हैं। यह रिवाज सिर्फ एक समारोह नहीं, बल्कि भगवान के साथ विदाई का भाव भी है। अगर आप इस रस्म को समझना चाहते हैं या नए अपडेट देखना चाहते हैं, तो नीचे पढ़ें।
गणपति विसर्जन की प्रमुख विधियाँ
विसर्जन में सबसे आम तरीका पानी के साथ पुदीने‑पान और शहद मिलाकर भगवान को अर्पित करना है। कुछ लोग नारियल का जल लेकर, फिर धूप में रखे हुए भांग या मोती के साथ विसर्जन करते हैं। घर में अगर बड़े बर्तन नहीं है तो बाल्टी भी चलेगी – बस साफ‑सुथरा रखें और शांति से करें।
कई इलाके में गणपति मूर्ति को समुद्र, नदी या तालाब में डुबोया जाता है। यह प्रकृति के साथ जुड़ाव दिखाता है और पर्यावरण के प्रति सम्मान भी जताता है। अगर आप शहर में रहते हैं तो सार्वजनिक जलाशयों की जगह प्लास्टिक‑फ्री कपड़े से लिपटे बर्तन का इस्तेमाल कर सकते हैं।
गणपति विसर्जन से जुड़ी ताज़ा ख़बरें
2025 के गणेश उत्सव में कई शहरों ने बड़े पैमाने पर पर्यावरण‑सुरक्षित कार्यक्रम चलाए। दिल्ली में 1 लाख से अधिक भक्तों ने जल संरक्षण अभियान के साथ विसर्जन किया, जबकि मुंबई में समुद्र किनारे स्वच्छता ड्राइव का आयोजन हुआ। इन प्रयासों से न सिर्फ पूजा की शुद्धि बनी, बल्कि कूड़ा कम करने में मदद मिली।
हाल ही में बिहार में एक सामाजिक पहल शुरू हुई है जहाँ गाँव‑गाँव में गणपति विसर्जन के बाद पानी को पुनः प्रयोग करने के लिए टैंक लगाए जा रहे हैं। इससे न सिर्फ जल संकट का हल निकलेगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर जागरूकता भी बढ़ेगी।
अगर आप अपने घर में छोटे‑छोटे बदलाव चाहते हैं तो सोशल मीडिया पर #EcoGanesh ट्रेंड को देख सकते हैं। लोग यहाँ बायोडिग्रेडेबल पॉट और रीसायक्लेबल सजावट की तस्वीरें शेयर कर रहे हैं, जिससे दूसरों को भी प्रेरणा मिल रही है।
गणपति विसर्जन के दौरान कई बार सुरक्षा संबंधी खबरें आती रहती हैं – जैसे बड़े जल निकायों में धारा तेज़ होने पर बचाव टीम ने त्वरित कार्रवाई की। इस साल मुंबई पुलिस ने लोगों को सुरक्षित दूरी बनाए रखने का निर्देश दिया, जिससे कोई बड़ी घटना नहीं हुई।
भक्ति और सावधानी दोनों को साथ ले कर ही हम गणपति विसर्जन को सही मायने में मनाते हैं। अगर आप भी कुछ नया करना चाहते हैं तो प्लास्टिक‑फ्री विकल्प चुनें, पानी बचाएँ और अपने आस‑पास के लोगों को भी जागरूक करें।
आखिरकार, यह त्यौहार हमें एकता, समर्पण और पर्यावरण के प्रति सम्मान सिखाता है। अगले साल जब फिर से गणेश चतुर्थी आएगी, तो इस बार थोड़ा अलग सोचें – कैसे अपने विसर्जन को भी धरती‑मित्र बना सकते हैं।
मुंबई में गणपति विसर्जन टकराव से बचने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने ईद-ए-मिलाद की आधिकारिक छुट्टी को पुनर्निर्धारित किया
महाराष्ट्र सरकार ने गणपति विसर्जन टकराव से बचने के लिए मुंबई में ईद-ए-मिलाद की आधिकारिक छुट्टी को 16 सितंबर से 18 सितंबर तक पुनर्निर्धारित किया है। इस निर्णय को नवी मुंबई पुलिस द्वारा बुलाई गई शांति बैठक के बाद लिया गया।