बजट 2025 – क्या बदलेगा भारत का आर्थिक परिदृश्य?
हर साल फरवरी‑मार्च में सरकार बजट पेश करती है और देश भर के लोग बड़ी उत्सुकता से देखते हैं कि टैक्स, निवेश और विकास योजनाओं में कौन‑से बदलाव आएँगे। 2025 का बजट भी कुछ नया लेकर आया है – लेकिन क्या यह आपके जेब में फर्क डालता है? चलिए सीधे बात करते हैं, ताकि आपको समझ आ जाए कि इस साल के प्रमुख पॉइंट्स क्या हैं.
मुख्य घोषणाएँ और टैक्स बदलाव
सबसे पहले बात करते हैं टैक्स की। बजट 2025 में व्यक्तिगत आयकर स्लैब को थोड़ा सरल किया गया है – 5 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं, 5‑10 लाख के बीच 5% दर, और 10 लाख से ऊपर 20% दर रखी गई है. यह बदलाव छोटे व्यापारियों और फ्रीलांसरों को खासा राहत देगा.
साथ ही, बीमा प्रीमियम पर कटौती की सीमा बढ़ाकर 30 हजार रुपये कर दी गई। अगर आप अपने परिवार के लिए जीवन बीमा या स्वास्थ्य बीमा लेते हैं तो इस साल आपका टैक्स बिल और कम आएगा. छोटे व्यवसायों को भी उत्साह मिलेगा क्योंकि उत्पादन‑आधारित इकाइयों के लिए डिप्रिशिएशन रेट को 10% से घटाकर 7% कर दिया गया है.
एक और बड़ा कदम – GST में कुछ एसेट क्लास पर दरें कम की गईं। इलेक्ट्रिक वैक्यूम क्लीनर, सोलर पैनल और कई हरे‑ऊर्जा उत्पादों को 5% रेट पर लाया गया. इससे पर्यावरण‑सुरक्षित प्रोडक्ट्स का उपयोग बढ़ेगा और आपके घर में भी खर्च बचता दिखेगा.
सेक्टर‑वाइज़ अवसर और चुनौतियाँ
बजट ने कुछ सेक्टरों को विशेष ध्यान दिया है. सबसे पहले, इन्फ्रास्ट्रक्चर पर भारी निवेश – 4 लाख करोड़ रुपये नई हाईवे, रेलवे लाइन और बंदरगाह परियोजनाओं में लगेंगे. यदि आप रियल एस्टेट या निर्माण उद्योग से जुड़े हैं तो इस बजट के बाद प्रोजेक्ट्स की डिमांड बढ़ेगी.
दूसरा बड़ा सेक्टर – कृषि। सरकार ने किसान ऋण पर ब्याज को 6% तक घटाने का वादा किया और नयी सिचाई योजना के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए. यह छोटे किसान को फसल‑सुरक्षा में मदद करेगा और ग्रामीण क्षेत्र में खर्चीली मशीनरी की मांग भी बढ़ेगी.
टेक्नोलॉजी स्टार्टअप्स को भी इस बजट से फायदा मिलेगा। स्टार्टअप फ़ंड में 20 बिलियन रुपये का नया पूल जोड़ा गया, और एंजेल इनवेस्टर्स के लिए टैक्स छूट दो साल तक बढ़ा दी गई. अगर आप नई ऐप या AI‑प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं तो फंडिंग की संभावना अब ज़्यादा होगी.
पर चुनौतियां भी कम नहीं हैं. बजट में बताया गया है कि सार्वजनिक खर्च को 5% तक सीमित रखना होगा, इसलिए हर विभाग के लिए फाइनेंस का प्रबंधन कड़ा रहेगा. यह उन लोगों के लिये कठिनाई पैदा कर सकता है जो सरकारी ठेके या सब्सिडी पर निर्भर होते थे.
अंत में, बजट की एक रोचक बात – बकाया कर्ज को 2028 तक घटाकर 55% जीडीपी बनाना. इसका मतलब है कि ब्याज दरों में स्थिरता आ सकती है और लोन लेने वाले लोगों के लिये शर्तें आसान हो सकती हैं.
तो, बजट 2025 आपके लिए क्या मायने रखता है? अगर आप टैक्सदाता, व्यापारी या निवेशक हैं तो नई स्लैब और कटौतियों से आपका खर्च घट सकता है. अगर आप रियल एस्टेट, कृषि या टेक्नोलॉजी में काम करते हैं तो सरकारी खर्च बढ़ाने की योजनाएँ नए प्रोजेक्ट्स और फंडिंग के दरवाज़े खोलेंगी. और यदि आप सामान्य नागरिक हैं, तो बेहतर बुनियादी ढाँचा और कम ब्याज वाले लोन आपके रोज़मर्रा के जीवन को आसान बना सकते हैं.
उम्मीद है अब बजट 2025 की मुख्य बातें साफ़ हो गई होंगी. अपने सवाल या राय नीचे शेयर करें – हम आगे भी ऐसे ही सरल भाषा में अपडेट देते रहेंगे.
बजट 2025: शेयर बाजार पर प्रभाव और वित्तीय विश्लेषण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी 3.0 के दूसरे पूर्ण बजट की प्रस्तुति के दौरान 1 फरवरी, 2025 को भारतीय शेयर बाजार ने उतार-चढ़ाव भरा सत्र देखा। बाजार की शुरुआत लाल निशान पर हुई, जहां तेल और गैस, एफएमसीजी और पीएसयू बैंक सबसे ज्यादा गिरे। दिन के अंत में, निफ्टी 50 0.06% निचला जबकि सेंसक्स 0.11% ऊँचा बंद हुआ।