सीबीएसई कक्षा 10 और 12 बोर्ड परीक्षाओं की शुरुआत

सीबीएसई बोर्ड परीक्षाएं: महत्वपूर्ण जानकारी और समय-सारणी

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी, 2025 से शुरू कर दी हैं। ये परीक्षाएं 18 मार्च, 2025 (कक्षा 10) और 4 अप्रैल, 2025 (कक्षा 12) तक चलेंगी। परीक्षाएं ऑफलाइन (पेन और पेपर) मोड में आयोजित की जा रही हैं। इसका उद्देश्य छात्रों की वास्तविक क्षमता का आकलन करना है।

परीक्षाओं का समय सुबह 10:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक होगा। विद्यार्थियों को सुबह 10:30 बजे तक परीक्षा केंद्र पर पहुंचना अनिवार्य है। अन्यथा, उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी। विद्यार्थी समय-सारणी और परीक्षा की तिथियां सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट cbse.gov.in पर देख सकते हैं।

प्रतियोगितात्मक प्रश्न और परीक्षा पैटर्न में बदलाव

इस वर्ष परीक्षा पैटर्न में कुछ बदलाव किए गए हैं। कक्षा 10 और कक्षा 12 की परीक्षाओं में प्रतिस्पर्धात्मक प्रश्नों का हिस्सा बढ़ाया गया है। सीबीएसई ने लंबे उत्तर के प्रश्नों की संख्या कम कर दी है ताकि छात्रों का ध्यान बेहतर ढंग से विषय पर केंद्रित हो सके।

सीबीएसई ने इस वर्ष से प्रश्नपत्र में उन प्रश्नों को शामिल किया है जो अधिकतर विद्यार्थियों के लिए हितकारी होंगे। इससे उन्हें त्वरित सोच और तात्कालिक निर्णय लेने की क्षमता विकसित होगी।

  • कक्षा 10 की परीक्षाएं 18 मार्च, 2025 तक समाप्त होंगी।
  • कक्षा 12 की परीक्षाएं 4 अप्रैल, 2025 तक चलेंगी।
  • व्यावहारिक परीक्षाएं 1 जनवरी से 14 फरवरी, 2025 तक आयोजित की गईं।
  • खाली जगह परीक्षा 17 जुलाई से 22 जुलाई, 2025 तक होंगी।

परीक्षाओं के परिणाम 1 अगस्त, 2025 को घोषित होने की उम्मीद है। 2024 में इस परीक्षा में शामिल हुए छात्रों की संख्या 34 लाख से अधिक थी, और इस वर्ष की परीक्षा में भी बड़ी संख्या में छात्र हिस्सा ले रहे हैं।

19 टिप्पणि

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    udit kumawat

    फ़रवरी 17, 2025 AT 11:00
    ये परीक्षा तो बस एक और रूटीन है... बच्चों को तो घर पर बैठकर पढ़ने दो, क्या जरूरत है इतनी गड़बड़ की?
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    sandeep anu

    फ़रवरी 18, 2025 AT 17:28
    ये बोर्ड परीक्षा अब बस एक ट्रेनिंग कैंप बन गई है! बच्चों को तो जिंदगी जीना है, न कि पेपर फिल करना! 💪📚
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    Paras Chauhan

    फ़रवरी 20, 2025 AT 12:54
    मुझे लगता है कि इस बदलाव से छात्रों की वास्तविक समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता का विकास हो रहा है। लंबे उत्तरों की जगह छोटे, गहरे प्रश्न बहुत बेहतर हैं।
    हमें यही सोचना चाहिए कि हम किस तरह के नागरिक बना रहे हैं।
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    Jinit Parekh

    फ़रवरी 20, 2025 AT 13:23
    अब तक तो सीबीएसई का नाम ही गुणवत्ता का प्रतीक था। अब ये नया पैटर्न तो बस एक अंधाधुंध बदलाव है। जब तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति को नहीं समझा जाएगा, तब तक ये बदलाव बेकार के हैं!
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    Prasanna Pattankar

    फ़रवरी 21, 2025 AT 18:02
    ओहो... फिर से ‘प्रतिस्पर्धात्मक प्रश्न’ का जादू? क्या आप लोगों को लगता है कि बच्चे एक नया गेम खेल रहे हैं? ये सब तो बस एक बड़ा धोखा है।
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    Indra Mi'Raj

    फ़रवरी 23, 2025 AT 06:22
    मैंने अपने भाई को देखा है जो कक्षा 12 में है... उसका मन बहुत तनाव में है। इतनी जल्दी से ये बदलाव क्यों? बच्चों को थोड़ा समय दो
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    Ankit Gupta7210

    फ़रवरी 24, 2025 AT 13:06
    ये सब तो बस एक बड़ा फेक है... सीबीएसई अपने बजट के लिए ये सब बना रहा है। वो जानते हैं कि जब तक बच्चे तनाव में हैं, तब तक उनके पास बहुत सारे ट्यूशन सेंटर्स हैं!
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    Yash FC

    फ़रवरी 25, 2025 AT 23:35
    हम सब भारत के भविष्य के निर्माता हैं। ये परीक्षा बस एक टेस्ट नहीं, बल्कि एक अवसर है। अगर हम इसे डर से नहीं, बल्कि जिज्ञासा से देखें, तो ये हमें बहुत कुछ सिखा सकती है।
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    Jasvir Singh

    फ़रवरी 27, 2025 AT 07:29
    मैंने अपने बेटे को ये पैटर्न दिखाया और वो बहुत खुश हुआ। उसे लगा कि अब वो अपने दिमाग से सोचेगा, न कि याद करेगा। बहुत अच्छा बदलाव है।
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    Harsh Malpani

    फ़रवरी 27, 2025 AT 18:29
    ये तो बहुत अच्छा है! मैंने अपने भाई को बताया और वो बोला कि अब वो पढ़ने में मजा आएगा। बस थोड़ा धैर्य रखो दोस्तों!
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    Shreya Ghimire

    मार्च 1, 2025 AT 07:37
    क्या आप जानते हैं कि ये सब एक गुप्त नियोजन है? ये बदलाव अमेरिका के लॉबी से आया है। वो चाहते हैं कि हमारे बच्चे अपनी पहचान भूल जाएं। ये एक जातीय शोषण है।
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    Pushpendra Tripathi

    मार्च 2, 2025 AT 14:13
    मैंने देखा है कि ये परीक्षा पैटर्न बस एक तरह का राष्ट्रीय नियंत्रण है। बच्चों को इतना दबाव देने का मकसद क्या है? क्या हम बस एक बड़ी मशीन के गियर बन गए हैं?
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    mahak bansal

    मार्च 4, 2025 AT 11:27
    कक्षा 10 के लिए ये प्रश्न अच्छे हैं। बच्चों को अभी ज्यादा दबाव नहीं देना चाहिए। बस एक अच्छा आधार बनाएं। धीरे-धीरे आगे बढ़ें।
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    INDRA SOCIAL TECH

    मार्च 4, 2025 AT 11:51
    ये बदलाव बहुत सोच-समझ के बाद हुआ है। शिक्षा का उद्देश्य याद करना नहीं, समझना है। ये बदलाव सही दिशा में है।
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    Prabhat Tiwari

    मार्च 6, 2025 AT 10:47
    ये सब एक बड़ा विकृत राष्ट्रीय शिक्षा योजना का हिस्सा है। बच्चों को विदेशी मूल्यों से जोड़ने की कोशिश हो रही है। ये तो एक बड़ा षड़यंत्र है।
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    Bhupender Gour

    मार्च 6, 2025 AT 17:50
    अब तो बच्चे बस एक फॉर्मूला याद करते हैं और उसे लिख देते हैं। ये बदलाव तो बस एक झूठा नया नाम है। कुछ नहीं बदला।
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    Shraddha Dalal

    मार्च 7, 2025 AT 21:38
    परीक्षा पैटर्न में इस तरह का बदलाव एक गहरी शिक्षाविद्या की आवश्यकता को दर्शाता है। जब अधिगम की संरचना से विषय की गहराई निकाली जाती है, तो वह एक अध्ययन की अभिव्यक्ति बन जाती है। यह एक नवीन दृष्टिकोण है जिसमें व्यक्तिगत अनुभव और विश्लेषणात्मक विकास का समावेश होता है।
    इस प्रक्रिया में छात्र केवल ज्ञान नहीं, बल्कि अपनी आत्मा का भी अन्वेषण करता है।
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    sri yadav

    मार्च 9, 2025 AT 00:15
    क्या आप लोगों को लगता है कि ये सब बच्चों के लिए है? नहीं। ये सब उन लोगों के लिए है जिन्हें ये परीक्षा बेचनी है। बच्चों की जिंदगी बेच रहे हो तुम।
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    Paras Chauhan

    मार्च 10, 2025 AT 21:29
    मैंने इस बदलाव को देखकर अपने बच्चे के साथ एक चर्चा की। उसने कहा कि अब वो अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए तैयार है। ये बदलाव वास्तव में उसकी आत्मविश्वास बढ़ा रहा है।

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