ममूटी की दमदार एक्शन से भरपूर 'Turbo' : समीक्षा, रेटिंग और समीक्षा

ममूटी की 'Turbo': मलयालम फिल्म की समीक्षा

मलयालम सिनेमा के मशहूर अभिनेता ममूटी एक बार फिर धमाकेदार एक्शन के साथ बड़े पर्दे पर वापसी कर रहे हैं। उनकी नवीनतम फिल्म 'Turbo', जिसे जाने-माने निर्देशक वैषक ने निर्देशित किया है, एक्शन प्रेमियों के लिए मनोरंजन का बेहतरीन पैकेज लेकर आई है। हालाँकि फिल्म की शुरुआत थोड़ी धीमी होती है, लेकिन दूसरे भाग में यह गति पकड़ लेती है और दर्शकों को रोमांचित करती है।

फिल्म की कहानी और मुख्य पात्र

'Turbo' की कहानी ममूटी के किरदार जोस के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक जीप चालक है। जोस अपने गाँव में आने वाले विदेशी पर्यटकों की मदद करता है, लेकिन वहीं अपनी परिवार के प्रति भी अत्यंत सुरक्षात्मक होता है। फिल्म की कथानक सरल और सीधा है, लेकिन ममूटी का शक्तिशाली प्रदर्शन इसे अलग पहचान देता है।

जोसे का किरदार अपने सादगी और समर्पण की वजह से दर्शकों के दिल में बस जाता है। फिल्म में दिखाए गए उनके एक्शन सीक्वेंस न सिर्फ रोमांचक हैं बल्कि ममूटी के अभिनय की गहराई को भी प्रदर्शित करते हैं।

दूसरे भाग का रोमांच और क्लाइमेक्स

फिल्म का पहला भाग भले ही धीमा हो, लेकिन दूसरे भाग में एक्शन की बाढ आ जाती है। ममूटी के एक्शन सीक्वेंस और उनकी अद्भुत बॉडी लैंग्वेज जबरदस्त प्रभाव छोड़ती है। फिल्म का क्लाइमेक्स ऐसा है जो दर्शकों को स्क्रीन से बांधे रखता है और हर पल रोमांचित करता है।

समर्थक पात्रों का योगदान

फिल्म में सिर्फ ममूटी ही नहीं, बल्कि अन्य पात्र भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। राज बी शेट्टी, जो एक सहायक किरदार निभा रहे हैं, अपने अभिनय से फिल्म में और भी जान डालते हैं। उनकी भूमिका थोड़ी है, लेकिन बहुत ही प्रभावशाली है।

अन्य पात्र भी अपनी अभिनय कौशल से फिल्म को और भी रोचक बना देते हैं। हर किरदार को अच्छी तरह से गढ़ा गया है और उनकी अदाकारियों में नयापन है।

संभावित सीक्वल और अंतिम विचार

फिल्म का अंत ऐसा है जो संभवतः एक सीक्वल की ओर इशारा करता है। निर्देशक ने कहानी को खुला छोड़ा है जिससे दर्शकों में उत्सुकता बरकरार रहती है। 'Turbo' का कुल मिलाकर एक्शन से भरपूर अनुभव है जो ममूटी के प्रशंसकों और एक्शन प्रेमियों को निश्चित रूप से पसंद आएगा।

फिल्म का निर्देशन, सिनेमैटोग्राफी और एक्शन कोरियोग्राफी सभी ने मिलकर 'Turbo' को एक मनोरंजक फिल्म में बदलने में अपना योगदान दिया है। इसलिए, अगर आप एक्शन फिल्मों के शौकीन हैं, तो 'Turbo' निश्चित रूप से आपकी उम्मीदों पर खरी उतरेगी।

11 टिप्पणि

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    saurabh vishwakarma

    मई 24, 2024 AT 20:34
    ये फिल्म तो बस एक्शन का धमाका है। ममूटी का हर एक्शन सीक्वेंस एक नए लेवल का है। लेकिन कहानी का कोई गहराई नहीं, सिर्फ दिखावा।
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    MANJUNATH JOGI

    मई 26, 2024 AT 05:02
    मलयालम सिनेमा के इतिहास में ये एक मील का पत्थर है। ममूटी ने एक साधारण जीप चालक को एक ऐसा चरित्र बना दिया जो न सिर्फ शक्तिशाली है, बल्कि मानवीय भी। ये फिल्म दक्षिण भारतीय सिनेमा की शक्ति को दर्शाती है।
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    Sharad Karande

    मई 27, 2024 AT 18:34
    क्लाइमेक्स के दौरान एक्शन कोरियोग्राफी का टेक्निकल एक्यूरेसी और सिनेमैटोग्राफी का लाइटिंग डिज़ाइन बहुत ही उन्नत स्तर का है। निर्देशक ने रियलिस्टिक फिजिकल इंटरेक्शन को बहुत सावधानी से कैप्चर किया है।
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    Sagar Jadav

    मई 27, 2024 AT 23:20
    फिल्म बहुत बोरिंग है। सिर्फ एक्शन के लिए बनाई गई है। कोई गहराई नहीं।
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    Dr. Dhanada Kulkarni

    मई 28, 2024 AT 23:15
    ममूटी का अभिनय देखकर लगता है कि वो अपने किरदार के दिल को समझ गए हैं। ये फिल्म उनके दर्शकों के लिए एक उपहार है। आप सभी को इसे देखने की सलाह देती हूँ।
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    Rishabh Sood

    मई 30, 2024 AT 22:33
    हर एक्शन फिल्म एक नए युग की शुरुआत करती है, लेकिन क्या ये वाकई एक नई पहचान है? या फिर बस एक और बार एक ही नायक की नकल? दर्शकों को ये सवाल जवाब देना होगा।
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    Saurabh Singh

    मई 31, 2024 AT 19:25
    तुम सब इतना बड़ा शोर क्यों कर रहे हो? ये फिल्म तो एक औसत एक्शन फिल्म है। ममूटी तो हर बार वही करते हैं। निर्देशक ने कुछ नया नहीं बनाया।
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    Mali Currington

    जून 2, 2024 AT 12:41
    हाँ, बिल्कुल। एक्शन तो है, बस दिमाग बंद करके देख लो। और फिर बताना कि तुम्हें क्या लगा।
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    INDRA MUMBA

    जून 2, 2024 AT 18:03
    ममूटी का जोस जैसा किरदार तो बस एक जीवित विचार है - जो गाँव की मिट्टी से उगा हुआ है, लेकिन दुनिया के ज़िक्र को नहीं भूलता। इस फिल्म में जो भी दिखाया गया, वो एक बार फिर दक्षिण भारत के असली आत्मा को दर्शाता है। बहुत खूबसूरत बात है।
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    Anand Bhardwaj

    जून 4, 2024 AT 02:51
    अच्छी फिल्म। न ज्यादा बोली, न ज्यादा चिल्लाई। बस एक्शन, भावना, और एक अच्छा जीप। बस इतना ही चाहिए था।
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    RAJIV PATHAK

    जून 5, 2024 AT 08:04
    मैंने सुना है कि ये फिल्म एक्शन के लिए बनी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब एक्शन बिना दर्शन के होता है, तो वो बस एक बहाना हो जाता है? अब तक जो भी इसे पसंद किया, वो असली सिनेमा को नहीं जानते।

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