Mahavatar Narsimha OTT: 300 करोड़ कमाने वाली पहली भारतीय एनिमेटेड फिल्म अब Netflix पर
ओटीटी रिलीज, रिकॉर्ड्स और बॉक्स ऑफिस
भारत की पहली 300 करोड़ क्लब में पहुंची एनिमेटेड फीचर अब घर-घर पहुंच चुकी है। Mahavatar Narsimha Netflix पर 19 सितंबर 2025 को दोपहर 12:30 बजे IST से स्ट्रीम हो रही है। थिएट्रिकल रिलीज 25 जुलाई 2025 को हुई थी, यानी लगभग आठ हफ्तों के भीतर डिजिटल प्रीमियर—सीधे-सीधे फैमिली व्यूइंग के पीक फेस्टिव स्लॉट, नवरात्रि से पहले, को टारगेट करता हुआ कदम।
अश्विन कुमार के निर्देशन में बनी इस पौराणिक एक्शन-एडवेंचर ने शुरुआती हफ्ते में सीमित बज के बावजूद दमदार वर्ड-ऑफ-माउथ से रफ्तार पकड़ी। 40 करोड़ के बजट पर फिल्म का घरेलू बॉक्स ऑफिस 200 करोड़ के पार गया और कुल कलेक्शन ने 300 करोड़ का आंकड़ा पार कर एक नया बेंचमार्क सेट किया। 2014 की मोशन-कैप्चर ड्रिवन ‘कोचादैयां’ अब पीछे रह गई—भारतीय एनिमेशन के लिए यह पल मील का पत्थर है।
- स्ट्रीमिंग: Netflix (19 सितंबर 2025, 12:30 PM IST)
- थिएट्रिकल रिलीज: 25 जुलाई 2025
- बजट: लगभग ₹40 करोड़ | घरेलू कलेक्शन: ₹200 करोड़+
- प्रोडक्शन: Kleem Productions | प्रेजेंटेशन: Hombale Films
- म्यूजिक: Sam C. S. | एडिटिंग: अजय वर्मा व निर्देशक अश्विन कुमार
- फॉर्मैट: 2D और 3D | फेस्टिवल: IFFI 2024 (25 नवंबर) में विशेष स्क्रीनिंग
ओटीटी ड्रॉप का टाइमिंग समझदारी भरा है। फैमिली ऑडियंस के लिए त्योहारों के मौसम में पौराणिक विषयों पर आधारित कंटेंट का आकर्षण बढ़ जाता है। थिएटर में जिन्होंने मिस किया, उनके लिए अब बिंज-वॉच का मौका है—और बच्चों से लेकर एल्डर्स तक, सबके लिए सुरक्षित, पारिवारिक व्यूइंग का ऑप्शन।
कहानी, मेकिंग और असर
फिल्म की रीढ़ है श्रद्धा बनाम अहंकार की कालातीत टकराहट। कहानी प्रह्लाद से शुरू होती है—विष्णु-भक्त पुत्र, जिसका पिता हिरण्यकशिपु खुद को भगवान घोषित कर देता है और विष्णु-भक्तों पर अत्याचार करता है। दूसरी धारा में वराह अवतार का प्रसंग है—जब शक्तिशाली दैत्य हिरण्याक्ष पृथ्वी को पाताल में खींच ले जाता है और वराह, महावराह रूप में, धरती को वापस स्थापित करते हैं। चरम पर, विष्णु नरसिंह अवतार धारण करते हैं—आधा मनुष्य, आधा सिंह—धर्म की रक्षा और अत्याचार के अंत के लिए।
स्क्रीनप्ले इस तरह बुना गया है कि मिथकीय प्रसंगों की गरिमा बनी रहे और साथ ही आज के दर्शक, खासकर जेन-ज़ी, कहानी के नैरेटिव हुक से जुड़े रहें। एक्शन सेट-पीसिस में दृश्य-परकता है—विशेषकर स्तंभ-विच्छेदन से पहले की प्रेयशर-कुकर जैसी तैयारी, और वराह-हिरण्याक्ष युद्ध की भौगोलिक स्केलिंग। बैकग्राउंड स्कोर Sam C. S. ने भाव-प्रधान रखा—भक्ति और रौद्र रस का संतुलन, जो थिएट्रिकल अनुभव में भीड़ को सीट से बांधे रखता है, ओटीटी पर हेडफोन के साथ और बेहतर असर डालता है।
एडिटिंग में अजय वर्मा और खुद निर्देशक अश्विन कुमार की पकड़ दिखती है। रनटाइम को बेतरतीब लंबा करने की बजाय, उन्होंने विजुअल्स को सांस लेने दी और एक्सपोजिशन को छोटे-छोटे बीट्स में तोड़ा। रिजल्ट—पहला हाफ इमोशनल सेटअप देता है, दूसरा हाफ एक्शन और कैथार्सिस।
तकनीकी तौर पर, फिल्म के कैरेक्टर-डिजाइन और लाइटिंग ने बड़ा फर्क डाला। देव-रूपों की आभा, दैत्यों की ह्यूमनाइज्ड क्रूरता, और प्राचीन भू-आकृतियों का डिजिटल रेंडर—ये सब मिलकर विश्वसनीयता बनाते हैं। 3D फॉर्मैट में डेप्थ-मैपिंग के चलते क्लाइमेक्स ज्यादा इमर्सिव दिखता है, जबकि 2D में कलर-ग्रेड और टेक्सचरिंग दर्शकों की आंखें थकाए बिना पेस बनाकर रखती है।
रिसेप्शन की बात करें तो थिएटर्स में फैमिली ऑडियंस ने इसे वीकेंड-ड्राइवेन हिट नहीं, बल्कि वर्ड-ऑफ-माउथ लेग्स से आगे बढ़ती फिल्म बनाया। समीक्षकों ने पौराणिक कथाओं के सिनेमैटिक प्रस्तुतिकरण, दिव्य न्याय की थीम, और अडिग आस्था के प्रस्तुतीकरण को पॉजिटिव नोट्स दिए। IFFI 2024 की स्क्रीनिंग ने इसके लिए प्रारंभिक चर्चा पैदा की थी—इंडस्ट्री के लिए यह एक संकेत था कि भारतीय एनिमेशन, केवल बच्चों के लिए नहीं, बड़े स्केल की मेनस्ट्रीम स्टोरीटेलिंग भी संभाल सकता है।
बॉक्स ऑफिस पर सफलता सिर्फ आंकड़े नहीं बताती, यह एक ट्रेंड भी लिखती है। कम बजट में हाई-रिटर्न का मैथमेटिक्स प्रोड्यूसर्स को एनिमेशन और मिथोलॉजी के संगम की तरफ उत्साहित करेगा। साफ संदेश है—सही रिसर्च, क्लियर टोनलिटी और थियेट्रिकल-फ्रेंडली विजुअल डिजाइन के साथ भारतीय एनिमेशन अब ‘नीश’ नहीं रहा।
प्रोडक्शन फ्रेमवर्क भी खास है—Kleem Productions का निवेश और Hombale Films की प्रेजेंटेशन पावर ने इसे अखिल भारतीय पहुंच दी। मार्केटिंग में ओवरप्रोमिस से बचकर, टीम ने कंटेंट-फर्स्ट अप्रोच रखा—इसीलिए शुरुआती बज कम होने के बावजूद, दर्शकों का भरोसा बढ़ता गया।
सबसे दिलचस्प योजनाओं में से एक है ‘महावतार सिनेमैटिक यूनिवर्स’—सात भागों में विष्णु के दशावतार को समेटने की कोशिश। नैरेटिव स्ट्रैटेजी साफ है: हर फिल्म में एक या दो अवतारों की विस्तृत कथा, और एक साझा थीमैटिक थ्रू-लाइन—धर्म, करुणा और न्याय। पहले भाग की सफलता ने फ्रैंचाइज़ के लिए दर्शकों की उम्मीदें काफी बढ़ा दी हैं।
ओटीटी पर देखने से पहले एक टिप—यह भक्ति और वीर-रस प्रधान फिल्म है, तो फैमिली के साथ बड़ा स्क्रीन और अच्छा साउंड रखें। बच्चों के लिए यह सिर्फ कहानी नहीं, भारतीय मिथकीय वैल्यूज़ का सहज परिचय भी है। और अगर आपने थिएटर में 3D देखा था, तो अब 2D में रंगों की बारीकियां पकड़ना मजेदार रहेगा।