जिंद के गणपति भक्त ने 3000+ मूर्तियों से गिनीज रिकॉर्ड तोड़ा

जिंद में एक अनूठी भक्ति कथा

हर साल गणेश चतुर्थी पर घर-घर में छोटे-छोटे गणपति की मूर्ति स्थापित की जाती है, पर जिंद के एक रहने वाले ने इस परंपरा को एक नई ऊँचाई पर पहुंचा दिया। माना जाता है कि उन्होंने अपने गृह परिसर में गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड के तहत 3000 से अधिक गणपति मूर्तियों को सजाया, जिससे यह रिकॉर्ड स्थापित हुआ।

भक्त का नाम रवि कुमार (नाम गोपनीय) बताया गया है, जो स्थानीय व्यापारी परिवार से है। बचपन से ही वह गणपति की आराधना में डूबे रहे, और वे हर साल बजरंगबली के रूप को अपने छोटे-छोटे घर में जाया करते थे। 2022 में उन्होंने सोचा – क्यों न इस भक्ति को इतने बड़े स्तर पर ले जाया जाए?

रिकॉर्ड बनाने की तैयारी और प्रक्रिया

रिकॉर्ड बनाने की तैयारी और प्रक्रिया

वीकेंड में रवि ने खुद ही एक छोटी टीम बनाई, जिसमें स्थानीय कलाकार, माली और सजावट के शौकीन लोग शामिल थे। उन्होंने दो महीने तक अलग-अलग पहलुओं पर काम किया:

  • विभिन्न आकार और सामग्री की गणपति मूर्तियों का चयन – मिट्टी, प्लास्टर, पॉलिमर क्ले, फिर चाहे रेजिन।
  • रंग-रूप का मानक तय किया – सभी मूर्तियों पर लाल, मुद्रित सिंदूर के रंगों में एक ही शैली बनाई गई।
  • घर के प्रत्येक कोने, बालकनी, दरवाजे और यहां तक कि छत के नीचे तक भर दिया गया।
  • नियमित शुद्धिकरण और पूजा के लिए आवाज़ प्रणाली व धूप दीप स्थापित किया गया।

रिकॉर्ड की आधिकारिक पुष्टि के लिए रवि ने गिनीज के आधिकारिक अभिकर्ता को आमंत्रित किया, जिससे उन्होंने जलवायु, सुरक्षा और सजावट के मानकों की जाँच की। चार दिन की निरीक्षण के बाद, गिनीज ने यह घोषणा की कि यह विश्व में सबसे अधिक गणपति मूर्तियों वाले निजी घर का रिकॉर्ड है।

स्थानीय लोग इस घटना से भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं। कई पड़ोसीयों ने बताया कि उन्होंने इस प्रतिबद्धता को देखकर अपने-अपने घरों में भक्ति का स्तर बढ़ाया। जिंद के बाजार में भी गणपति की आकृतियों की माँग बढ़ी, जिससे छोटे व्यवसायियों को लाभ हुआ।

गिनीज प्रतिनिधि ने कहा, "ऐसे व्यक्तिगत प्रयास सामाजिक बंधन को मजबूत करते हैं और सांस्कृतिक धरोहर को भी नवीनीकृत करते हैं।" इस तरह रवि का नाम न केवल जिंद में बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी मशहूर हो गया।

भविष्य की योजना के तौर पर रवि ने बताया कि अगले वर्ष वे इस रिकॉर्ड को तोड़ने की कोशिश नहीं करेंगे, बल्कि इस पहल को एक सामाजिक अभियान में बदलना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि इस साल के दौरान उनके घर में आयी श्रद्धालु और दर्शक छोटे दान के जरिये जरूरतमंद बच्चों और वृद्धाश्रमों को मदद कर सकें।

19 टिप्पणि

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    udit kumawat

    सितंबर 27, 2025 AT 00:42
    ये सब क्या है? 3000 मूर्तियाँ? घर का एक कोना भी नहीं बचता। इतनी बड़ी भक्ति का क्या फायदा? जरूरतमंदों को खाना दो, ये मूर्तियाँ तो धूल खा रही हैं।
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    Ankit Gupta7210

    सितंबर 28, 2025 AT 10:00
    ये गिनीज रिकॉर्ड बनाने वाले लोग हमेशा बड़े बड़े नंबर दिखाते हैं लेकिन असली धर्म क्या है वो नहीं जानते। भगवान को दिल से पूजो न कि बाहरी दिखावे से। ये सब बस फेसबुक वाला शो है।
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    Drasti Patel

    सितंबर 29, 2025 AT 13:41
    इस प्रयास को एक सांस्कृतिक उपलब्धि के रूप में समझना चाहिए। यह भारतीय अस्मिता का एक अद्वितीय प्रतीक है, जिसने व्यक्तिगत श्रद्धा को सामाजिक स्तर पर उठाया है। यह आधुनिक युग में परंपराओं के जीवित रहने का एक अद्भुत उदाहरण है।
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    Shraddha Dalal

    सितंबर 30, 2025 AT 07:59
    इस अभियान का सांस्कृतिक आयाम अत्यंत महत्वपूर्ण है। गणपति की मूर्तियों के माध्यम से एक सामुदायिक अनुभव का निर्माण हुआ है, जिसने आध्यात्मिक अभिव्यक्ति को वस्तुनिष्ठ रूप से व्यक्त किया है। यह एक नवीन धार्मिक प्रक्रिया है जो सामाजिक संबंधों को पुनर्संरचित कर रही है।
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    mahak bansal

    अक्तूबर 1, 2025 AT 09:04
    क्या ये सब वाकई उतना अच्छा है जितना दिख रहा है? मैं सोच रहा हूँ कि क्या इस तरह की भक्ति वास्तव में लोगों को जोड़ रही है या बस एक नया तरीका बन गया है अपने आप को दिखाने का।
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    Jasvir Singh

    अक्तूबर 3, 2025 AT 02:25
    बहुत अच्छा काम किया। इतनी मेहनत और भक्ति के बाद जो भी लोग इसका फायदा उठा रहे हैं, वो बहुत खुश होंगे। ये तो असली धर्म है जो दूसरों की मदद करता है।
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    Yash FC

    अक्तूबर 3, 2025 AT 14:41
    इस तरह की चीजें देखकर लगता है कि भक्ति का अर्थ बदल रहा है। ये सब बड़ा है, लेकिन क्या दिल का भाव भी इतना बड़ा है? शायद यही सच्ची भक्ति है।
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    sandeep anu

    अक्तूबर 4, 2025 AT 20:39
    वाह भाई! ये तो देश का गर्व है! एक आदमी ने ऐसा कर दिखाया कि पूरा भारत हैरान रह गया! ये तो गिनीज नहीं, ये तो भगवान की ओर जाने का रास्ता है!
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    Shreya Ghimire

    अक्तूबर 5, 2025 AT 01:16
    इसके पीछे कोई बड़ा षड्यंत्र है। ये सब बस एक तरह का राजनीतिक दिखावा है। लोगों को भक्ति के नाम पर धोखा दिया जा रहा है। ये मूर्तियाँ कहीं से आ रही हैं? क्या ये सब विदेशी फंडिंग से है? किसी को ये सब सच में विश्वास है?
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    Prasanna Pattankar

    अक्तूबर 5, 2025 AT 16:25
    3000 मूर्तियाँ? तो फिर ये भक्ति है या एक फैक्ट्री? जब तक तुम अपने घर के बाहर भी जरूरतमंदों की मदद नहीं करते, तब तक ये सब बस एक बड़ा नाटक है।
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    Bhupender Gour

    अक्तूबर 6, 2025 AT 07:00
    अरे यार ये तो बहुत बढ़िया है! लेकिन अगले साल तो लोगों को भी बताओ कि वो भी अपने घर में एक दर्जन मूर्ति लगाएं। फिर देखो देश कितना बदल जाता है!
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    sri yadav

    अक्तूबर 6, 2025 AT 11:39
    मैंने सुना है कि ये सब बस एक ट्रेंड है। अब तो हर कोई गणेश की मूर्ति लगा रहा है। ये भक्ति नहीं, ये फैशन है। और फिर गिनीज रिकॉर्ड? ये सब असली भक्ति के खिलाफ है।
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    Pushpendra Tripathi

    अक्तूबर 7, 2025 AT 07:22
    ये घर के बाहर लोगों को नहीं देखता। जिंद के लोगों को जानने दो, वो इस रिकॉर्ड के बारे में क्या सोचते हैं? क्या उनके बच्चे खाना खा पाते हैं? ये सब बस एक दिखावा है।
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    Indra Mi'Raj

    अक्तूबर 8, 2025 AT 08:58
    मैंने इस बारे में सोचा था कि भक्ति क्या है। अगर कोई अपने दिल से कुछ करता है तो उसका आकार छोटा या बड़ा होना असली बात नहीं है। ये आदमी अपने तरीके से भगवान को पूज रहा है।
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    Harsh Malpani

    अक्तूबर 8, 2025 AT 15:53
    वाह बहुत बढ़िया! अब तो हम भी अपने घर में 10 मूर्ति लगाएंगे। ये तो देश के लिए बहुत अच्छा है। भगवान को खुश करना है तो बड़े से बड़े काम करो!
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    INDRA SOCIAL TECH

    अक्तूबर 10, 2025 AT 07:09
    इस तरह की भक्ति का आध्यात्मिक अर्थ क्या है? क्या बाहरी दिखावा भक्ति का एकमात्र आधार है? यह एक गहरा प्रश्न है जिसका उत्तर हमें अपने भीतर ढूंढना चाहिए।
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    Prabhat Tiwari

    अक्तूबर 11, 2025 AT 17:54
    ये सब बस एक राष्ट्रवादी धोखा है। गिनीज रिकॉर्ड के नाम पर लोगों को भ्रमित किया जा रहा है। ये मूर्तियाँ तो कहीं चीन से आ रही हैं। ये भारतीय नहीं हैं। इसका नेतृत्व कौन कर रहा है? क्या ये विदेशी खुफिया एजेंसी का हिस्सा है?
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    Palak Agarwal

    अक्तूबर 12, 2025 AT 00:01
    क्या ये सब असल में लोगों को जोड़ रहा है? बस एक बार घूमकर देख लो कि लोग इस बारे में क्या कह रहे हैं। शायद ये बहुत ज्यादा नहीं है, लेकिन अच्छा है।
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    Paras Chauhan

    अक्तूबर 13, 2025 AT 14:22
    इस तरह की भक्ति देखकर लगता है कि भगवान के प्रति हमारी भावनाएँ बहुत गहरी हैं। ये एक नया तरीका है धर्म को जीवित रखने का। 🙏

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