झारखंड में NDA की रणनीतिक विफलता: भाजपा नेता असंतोष और संगठनिक कमजोरी
झारखंड में NDA की कमजोर कड़ी
झारखंड में NDA का संगठनात्मक ढांचा पिछले चुनावों के बाद से लड़खड़ा रहा है। इस गठबंधन की कमजोरी की सबसे बड़ी वजह है सामंजस्य की कमी और असंगठित नेतृत्व। एनडीए के लगभग सभी घटक दल, विशेषकर भाजपा, पार्टी की नीति और निर्णय लेने में अखंडता की कमी से पीड़ित रहे हैं। यह स्थिति साफ दिखाई देती है जब गठबंधन के भीतर नियमित बैठकों का अभाव और एकजुट रणनीति की कमी सामने आती है।
दरअसल, विपक्ष ने एनडीए की इस कमजोरी को निशाना बनाते हुए एक मजबूत रणनीति विकसित की है, जिससे उनका हमला और भी घातक बन गया है। भाजपा नेताओं ने हार के लिए स्थानीय आदिवासी मुख्यमंत्री के चेहरा पेश ना करना और स्थानीय मुद्दों की उपेक्षा करना जिम्मेदार ठहराया है। इसके बजाय, उनका ध्यान राष्ट्रीय मुद्दों, जैसे बांग्लादेशी घुसपैठ, पर अधिक रहा है।
आंतरिक विरोध और नेतृत्व की कमी
राज्य में भाजपा नेता भी इस बात से निराश हैं कि पार्टी जमीन स्तर पर आम जनता से संपर्क साधने में नाकाम रही। पार्टी ने अपने रिकॉर्ड नेताओं के ऊपर नए और बाहरी नेताओं को प्राथमिकता दी, जिसके कारण पार्टी के अंदर ही असंतोष पैदा हुआ। वे महसूस करते हैं कि राष्ट्रीय स्तर के अभियान, जो नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने संचालित किए, का असर स्थानीय जनता पर कम पड़ा और यह रणनीति विफल रही।
विश्लेषकों का मानना है कि इस disconnect के कारण एनडीए ने 30 सीटें ही जीतीं, जबकि सत्तारूढ़ गठबंधन ने 50 सीटें हासिल कीं। ऐसे में यह साफ है कि अंदरूनी कलह और रणनीतिक अक्षमता ने झारखंड में एनडीए के प्रदर्शन को कमजोर किया है।
sandeep anu
मार्च 24, 2025 AT 02:38Yash FC
मार्च 25, 2025 AT 06:32आदिवासी समुदाय को समझने के लिए उनकी भाषा, उनकी संस्कृति, उनकी आवाज़ सुननी होगी। न कि बस चुनावी नारे लगाना।
Shreya Ghimire
मार्च 26, 2025 AT 14:54क्या आपने कभी सोचा कि जब भी कोई स्थानीय नेता उभरता है, तो उसे बाहर धकेल दिया जाता है? ये कोई भाग्य नहीं, ये एक योजना है।
Prasanna Pattankar
मार्च 27, 2025 AT 04:16मोदी जी के नाम से चुनाव लड़ना तो आसान है, लेकिन जब तुम्हारे गांव का पानी खराब है, तो कोई नेता आएगा क्या? नहीं। वो तो बस आपके फोन पर बुलाते हैं, फिर बोलते हैं कि तुम्हारा वोट हमारा भविष्य है।
और फिर जब नतीजे आते हैं, तो फिर बोलते हैं कि लोग बेवकूफ हैं।
Bhupender Gour
मार्च 28, 2025 AT 06:08sri yadav
मार्च 29, 2025 AT 02:02ये जो स्थानीय नेता हैं, उनमें से कितने वास्तविक रूप से जनता के लिए काम करते हैं? या फिर वो भी सिर्फ अपनी निजी जरूरतों के लिए चुनाव लड़ रहे हैं?
Pushpendra Tripathi
मार्च 30, 2025 AT 11:06आप लोग ये भूल रहे हैं कि जिस तरह से भाजपा ने अपने नेताओं को बाहर से लाया, उसने राज्य के लोगों को यह महसूस कराया कि वो अपने घर में अतिथि हैं।
Indra Mi'Raj
मार्च 30, 2025 AT 16:41कोई ने पूछा नहीं कि हमारे बच्चे कितने दिन बिना पानी के रहते हैं। कोई ने पूछा नहीं कि हमारे गांव में कोई स्कूल नहीं है।
अब जब हमने दूसरे गठबंधन को वोट दिया, तो उन्होंने आकर कहा, अब हम आएंगे। और वो आए। अब हर हफ्ते कोई न कोई आता है। बस यही बदलाव है।
Harsh Malpani
मार्च 31, 2025 AT 22:04INDRA SOCIAL TECH
अप्रैल 1, 2025 AT 06:28एक नेता तभी सफल होता है जब वो लोगों को अपने साथ ले जाने की क्षमता रखता है, न कि उन्हें अपने लिए बोलने के लिए मजबूर करे।
जब तक यह बात समझी नहीं जाएगी, तब तक यहां का राजनीतिक दृश्य बदलेगा नहीं।
Prabhat Tiwari
अप्रैल 2, 2025 AT 05:11अगर आप लोग अपनी जमीन की रक्षा करना चाहते हैं, तो अपने दिमाग को बंद करके भाजपा का समर्थन करो। वरना आपका भविष्य खत्म हो जाएगा।
Palak Agarwal
अप्रैल 2, 2025 AT 14:29हमें बस एक बार अपने गांव में जाना होगा। बस एक बार।
Paras Chauhan
अप्रैल 3, 2025 AT 11:10कुछ लोग नेतृत्व की कमी देख रहे हैं, कुछ रणनीति, कुछ जमीनी स्तर का संपर्क।
लेकिन अगर हम सब एक साथ बैठकर बात करें, तो शायद हम एक ऐसा समाधान निकाल सकें जो सबके लिए काम करे।
Jinit Parekh
अप्रैल 4, 2025 AT 16:47ये नहीं कि आप गलत हैं, बल्कि आप अपने आप को अपडेट नहीं कर रहे।
udit kumawat
अप्रैल 5, 2025 AT 17:19