इंडिया vs इंग्लैंड टेस्ट में सबसे ज्यादा शतक: जो रूट से ड्रविड़-तेंदुलकर तक के दिग्गज

इंडिया बनाम इंग्लैंड: टेस्ट क्रिकेट के शतकों की होड़

भारत और इंग्लैंड की टेस्ट प्रतिद्वंद्विता सिर्फ मैदान पर टक्कर की कहानी नहीं है, बल्कि ये बैटिंग मास्टर्स की अद्भुत पारियों का भी इतिहास है। जब कभी इन दोनों टीमों की भिड़ंत होती है, फैन्स को टक्कर तो मिलती ही है, साथ ही कई रिकॉर्ड भी दोनों टीमों के दिग्गज बल्लेबाजों के नाम जुड़ जाते हैं।

इंग्लैंड के जो रूट इस लिस्ट में सबसे ऊपर हैं। रूट ने भारत के खिलाफ टेस्ट में 10 शतक लगाए हैं, जिनमें से कई शतक भारत और इंग्लैंड दोनों जगहों की मुश्किल कंडीशन्स में आए हैं। 2021-22 की सीरीज में उनका लगातार रन बनाना भारत के गेंदबाज़ों के लिए सिरदर्द रहा। रूट की तकनीकी मजबूत बैटिंग और परिस्थितियों के हिसाब से खुद को ढालने की कला ने उन्हें इंग्लैंड का सबसे बड़ा सैकड़ों का खिलाड़ी बना दिया है।

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एलिस्टर कुक ने भी भारतीय गेंदबाज़ी के खिलाफ खूब रन बटोरे। कुक के नाम भारत के विरुद्ध 7 टेस्ट शतक हैं। इनमें 2011 में एजबेस्टन पर खेली गई 294 रन की मैराथन पारी टेस्ट इतिहास में हमेशा याद रखी जाएगी। उनका स्ट्रेट बैट और हिम्मत तोड़ने वाली डिफेंसिव टेक्निक भारत के जुझारूपन के लिए बड़ी चुनौती रही है।

अब बात करें भारत के बैटिंग दिग्गजों की तो राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर इस रेस में सबसे आगे हैं। दोनों के नाम इंग्लैंड के खिलाफ 7-7 टेस्ट शतक हैं। द्रविड़ को 'द वॉल' यूं ही नहीं कहा जाता—इंग्लैंड के खिलाफ 21 पारियों में उनका एवरेज 60.93 था। चाहे मैच बचाना हो या जीत की ओर ले जाना, द्रविड़ बार-बार संकटमोचक साबित हुए हैं। साल 2002 में लीड्स में खेली उनकी 148 रन की पारी या 2007 में द ओवल में कप्तान रहते हुए शतक, उनकी दृढ़ता की मिसाल हैं।

तेंदुलकर ने भी इंग्लैंड के खिलाफ कई यादगार पारियां खेलीं। उनका 193 रनों का स्कोर 2002 के हेडिंग्ले टेस्ट में आया, जब टीम को बड़ी साझेदारी की सख्त जरुरत थी। सचिन हर बार नई परिस्थितियों में अपनी बैटिंग को ढालते नजर आए—चाहे वो चेन्नई की स्लो पिच हो या लंदन के लॉर्ड्स का स्विंग ट्रैक।

मोहम्मद अजहरउद्दीन से लेकर इंग्लिश लैजेंड्स तक

भारत के मोहम्मद अजहरउद्दीन का रिकॉर्ड भी खास है। अज़हर ने इंग्लैंड के खिलाफ 6 टेस्ट शतक बनाए हैं। उनकी बेहतरीन टाइमिंग और अपरंपरागत शॉट्स ने इंग्लैंड के बॉलर का खेल बिगाड़ा। दिलीप वेंगसरकर का नाम भी हर भारतीय को याद आता है—खासकर लॉर्ड्स में उनके तीन शानदार शतक। वेंगसरकर को 'लॉर्ड्स का लॉर्ड' कहना भी कम नहीं है।

इंग्लैंड के पुराने दिग्गज ग्राहम गूच ने 1990 में लॉर्ड्स टेस्ट में 333 और फिर उसी मैच की दूसरी पारी में 123 बनाकर इतिहास रच दिया था। ये टेस्ट में किसी भी बल्लेबाज के लिए खास उपलब्धि है। इसी टेस्ट में रॉबिन स्मिथ के नाबाद 100 ने इंग्लैंड को निर्णायक जीत दिलाई थी।

  • जो रूट - 10 शतक (इंग्लैंड)
  • एलिस्टर कुक - 7 शतक (इंग्लैंड)
  • राहुल द्रविड़ - 7 शतक (भारत)
  • सचिन तेंदुलकर - 7 शतक (भारत)
  • मोहम्मद अजहरुद्दीन - 6 शतक (भारत)
  • दिलीप वेंगसरकर - 6 शतक (भारत)
  • ग्राहम गूच - 5 शतक (इंग्लैंड)

भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट मुकाबलों का इतिहास जब-जब खंगालेंगे, इन बल्लेबाजों की शानदार पारियां जरूर सामने आएंगी। हर दौर में किसी न किसी की बैटिंग ने फैंस के दिलों में जगह बना ली है। अगली बार जब इंडिया-इंग्लैंड टेस्ट हो, तब इन रिकॉर्ड्स और महान पारियों को याद जरूर करें।

11 टिप्पणि

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    Palak Agarwal

    जुलाई 21, 2025 AT 11:19
    रूट के 10 शतक तो बहुत बड़ी बात है, पर द्रविड़ और सचिन ने भारतीय पिचों पर भी ऐसा किया जो दुनिया भर में कम ही लोग कर पाए। ये दोनों ने तो गेंदबाज़ों को भी दिमाग खराब कर दिया।
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    Paras Chauhan

    जुलाई 22, 2025 AT 09:28
    इंग्लैंड के खिलाफ शतकों की बात करें तो अजहर और वेंगसरकर का नाम भूलना बहुत बड़ी गलती होगी। लॉर्ड्स पर वेंगसरकर के शतक तो ऐसे थे जैसे कविता लिख रहे हों। 🌿
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    Jinit Parekh

    जुलाई 23, 2025 AT 06:34
    रूट के 10 शतक? अच्छा लगा। पर भारत के खिलाफ उनके शतकों में कितने धोखे वाले डिलीवरी थे? हमारे गेंदबाज़ तो बहुत अच्छे थे, बस उन्हें बर्बर ऑफसाइड लाइन देकर गेम खराब कर दिया गया।
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    udit kumawat

    जुलाई 23, 2025 AT 10:59
    ये सब शतक तो बहुत अच्छे हैं, लेकिन आज के दौर में ऐसे शतक बनाना बहुत आसान हो गया है। पिचें भी अच्छी हैं, गेंद भी अच्छी है, और टेस्ट भी 5 दिन के बजाय 4 दिन के हो गए।
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    Ankit Gupta7210

    जुलाई 24, 2025 AT 01:02
    कुक के 7 शतक? ओह बस! तो फिर तेंदुलकर के 100+ शतक क्या हैं? और द्रविड़ के 16000 रन? ये लोग तो बस अपने देश के लिए खेलते थे, ना कि रिकॉर्ड बनाने के लिए।
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    Drasti Patel

    जुलाई 24, 2025 AT 05:38
    इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों की बैटिंग तो एक निरंतरता है, लेकिन भारतीय बल्लेबाज़ों की जीवन शैली और बैटिंग की गहराई को तुलना करना अनुचित है। ये भारत के अहंकार का एक रूप है।
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    Shraddha Dalal

    जुलाई 25, 2025 AT 16:57
    टेस्ट क्रिकेट की वास्तविकता यह है कि शतक बनाने का अर्थ बस रन जमा करना नहीं होता। यह तो एक दर्शन है-जिसमें बैट, पिच, मौसम और मन का सामंजस्य होता है। द्रविड़ ने इसे अपनी बैटिंग में भारतीय दर्शन के साथ जोड़ दिया।
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    mahak bansal

    जुलाई 26, 2025 AT 04:08
    जो रूट अच्छा खिलाड़ी है, ये बात सही है। पर तेंदुलकर के जैसा बल्लेबाज़ दुनिया में दूसरा नहीं मिलेगा। उन्होंने तो टेस्ट क्रिकेट को एक कला बना दिया।
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    Jasvir Singh

    जुलाई 27, 2025 AT 18:53
    मैंने 2002 में लीड्स में द्रविड़ की पारी देखी थी... वो दिन मैंने अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा गर्व महसूस किया। उस दिन टीम का नाम भारत था, बल्कि उसका नाम द्रविड़ था।
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    Yash FC

    जुलाई 28, 2025 AT 08:46
    इंग्लैंड और भारत के बीच टेस्ट क्रिकेट बस एक खेल नहीं है, ये तो एक अनुभव है। जो रूट और द्रविड़ ने दिखाया, वो आत्मसमर्पण का रूप था।
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    sandeep anu

    जुलाई 30, 2025 AT 04:14
    अगर तेंदुलकर ने इंग्लैंड के खिलाफ 10 शतक नहीं बनाए होते तो दुनिया को ये नहीं पता होता कि भारत के पास भी ऐसे खिलाड़ी हैं जो बस बैट उठाकर इतिहास बना देते हैं!!!

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