हिना खान ने स्टेज 3 स्तन कैंसर का किया खुलासा: शुरुआती जांच और जेनेटिक परीक्षण कब और क्यों जरूरी?

हिना खान का खुलासा और स्तन कैंसर की बढ़ती समस्या

अभिनेत्री हिना खान ने हाल ही में अपने प्रशंसकों और फॉलोवरों के साथ एक दिल दहला देने वाली खबर साझा की, जिसमें उन्होंने बताया कि वह स्टेज 3 स्तन कैंसर से जूझ रही हैं। यह खबर न केवल उनके लिए, बल्कि उनके चाहने वालों के लिए भी एक बड़ा झटका है। स्तन कैंसर के मामले में हिना खान की कहानी ने उस प्रमुख समस्या पर फिर से ध्यान केंद्रित किया है, जो हमारे समाज की सबसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य चिंताओं में से एक है।

स्तन कैंसर: भारतीय संदर्भ में बढ़ता खतरा

भारत में स्तन कैंसर के मामले निरंतर बढ़ रहे हैं। 2016 में जहां 1.5 लाख स्तन कैंसर के मामले सामने आए थे, वही संख्या 2022 में बढ़कर 2 लाख तक पहुँच गई है। खासकर, युवा महिलाओं में, यह रोग और भी तेजी से फैल रहा है। डॉक्टर रमेश सरिन के अनुसार, जो इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल, दिल्ली के एक वरिष्ठ ऑन्कोलॉजिस्ट हैं, ट्रिपल नेगेटिव कैंसर के मामलों में वृद्धि देखी गई है। यह एक आक्रामक प्रकार का कैंसर है, जो विशेष रूप से युवा महिलाओं को प्रभावित करता है।

क्यों है शुरुआती जांच महत्वपूर्ण?

क्यों है शुरुआती जांच महत्वपूर्ण?

स्तन कैंसर की शुरुआती जांच अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि जल्दी पता चलने से उपचार की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। जब तक रोग की पहचान की जाती है, तब तक यह शरीर के अन्य भागों में फैल सकता है, जिससे उपचार कठिन हो जाता है। डॉक्टरों का सुझाव है कि पहली मैमोग्राफी जांच 40 वर्ष की उम्र में करानी चाहिए और उसके बाद हर साल इसका पालन करना चाहिए।

जेनेटिक परीक्षण की जरूरत क्यों?

जिन महिलाओं के परिवार में स्तन और अंडाशय के कैंसर के मामले हो चुके हैं, उनके लिए जेनेटिक परीक्षण भी महत्वपूर्ण हो सकता है। BRCA1 और BRCA2 जीन में उत्परिवर्तन होने से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। इसके साथ ही, जीवनशैली से जुड़े कारक जैसे अनुचित आहार, मोटापा, व्यायाम की कमी, धूम्रपान और हार्मोनल उपचार भी जोखिम को बढ़ा सकते हैं।

उपचार और बचने के उपाय

उपचार और बचने के उपाय

अक्सर महिलाएं स्तन कैंसर के खतरे को कम करने के लिए स्वस्थ जीवन शैली अपनाने पर ध्यान केंद्रित कर सकती हैं। स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और धूम्रपान से दूरी बनाने से जोखिम कम किया जा सकता है। इसके अलावा, नियमित जांच और समय-समय पर डॉक्टर से परामर्श ले कर भी इस बीमारी से बचा जा सकता है।

अतिरिक्त जांच की आवश्यकता

जिन महिलाओं में भारी स्तन ऊतक होते हैं या जिन महिलाओं में स्तन कैंसर का उच्च जोखिम होता है, उन्हें अतिरिक्त जांच प्रक्रियाओं जैसे अल्ट्रासाउंड और एमआरआई की भी आवश्यकता हो सकती है।

देरी से पहचान के कारण

देरी से पहचान के कारण

अक्सर स्तन कैंसर की पहचान में देरी के कारणों में स्क्रीनिंग का अभाव, घनी स्तन ऊतक और आक्रामक अंतराल कैंसर शामिल होते हैं। समय पर जांच न हो पाने से कैंसर का पता चलने में देरी हो सकती है, जिससे उपचार कठिन हो जाता है।

निष्कर्ष

हिना खान की कहानी ने एक बार फिर से इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर ध्यान केंद्रित किया है। स्तन कैंसर से बचाव के लिए शुरुआती जांच और जागरूकता अत्यंत महत्वपूर्ण है। सभी महिलाओं को नियमित जांच करवानी चाहिए और समय-समय पर डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।