हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024: वोटिंग और एग्जिट पोल परिणाम पर ताज़ा अपडेट
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024: चुनावी चर्चा का मंच
हरियाणा की राजनीति में इस समय जबरदस्त चुनावी गहमा-गहमी है, क्योंकि प्रदेश के 90 विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता अपने जन प्रतिनिधियों के चयन के लिए पोलिंग बूथ पर पहुंच रहे हैं। यह चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके परिणाम राज्य के राजनीतिक परिदृश्य को काफी हद तक प्रभावित कर सकते हैं। मौजूदा भाजपा सरकार ने लगातार दो बार सत्ता में रहने के बाद, तीसरी बार सत्ता पाने का लक्ष्य रखा है। इस प्रयास में भाजपा के मुख्यमंत्री नयाब सिंह सैनी और उनकी पूरी टीम जुटी हुई है।
मुख्यमंत्री पद की दौड़ में प्रमुख चेहरे
जहां एक तरफ भाजपा ने कम से कम 50 सीटें जीतने का दावा किया है, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी भी सत्ता में वापसी की कोशिश में है। भूतपूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा इस चुनाव में एक प्रमुख चेहरा हैं और उन्होंने प्रदेश की जनता को एक स्थायी और समृद्ध सरकार का आश्वासन दिया है। कांग्रेस के साथ ही अन्य विपक्षी पार्टियां, जैसे कि आम आदमी पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा भी राज्य में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए प्रयासरत हैं।
वोटिंग का महत्व और जनता की भूमिका
इस बार कुल 1,031 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं और लगभग 2.1 करोड़ मतदाता अपने विकल्प का चयन करने के लिए स्वतंत्र हैं। विशेष ध्यान देने योग्य बात यह है कि इनमें से 9.5 लाख महिलाएं और 4.52 लाख पहली बार के मतदाता शामिल हैं। इसके अलावा, 1,49,142 दिव्यांगजनों, 2,31,093 वरिष्ठ नागरिकों और 8,821 शतायु मतदाताओं की भी महत्वपूर्ण भागीदारी देखने को मिल सकती है।
चुनाव आयोग की तैयारियां
मतदान प्रक्रिया को सुचारू रूप से सम्पन्न करवाने के लिए चुनाव आयोग ने कुल 20,632 पोलिंग बूथ बनाए हैं। आयोग ने वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग मतदाताओं के लिए भी विशेष तैयारियां की हैं, ताकि ये लोग बिना किसी कठिनाई के अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें। मतदान के बाद, शाम 6:30 बजे से एग्जिट पोल के परिणाम जारी किए जाएंगे, जो चुनाव के रुझानों को दर्शाएंगे।
भाजपा बनाम कांग्रेस: मुठभेड़ का विश्लेषण
इस चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है, जिसके लिए दोनों दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा की कोशिश है कि वे अपने शासन में बेहतरीन विकास कार्यों का हवाला देकर जनता का विश्वास जीत सकें, जबकि कांग्रेस का कहना है कि भाजपा के कार्यकाल में प्रदेश विकास के सही पथ पर नहीं चल पाया। दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (JJP) भी इस बार अपनी पहचान बनाने के लिए जोर-शोर से जुटी है, जबकि आम आदमी पार्टी भी पारंपरिक दलों की नीतियों के खिलाफ नई सोच के साथ मैदान में है।
विकल्प और भविष्य की उम्मीदें
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार का चुनाव न सिर्फ प्रदेश की राजनीति को नया मोड़ दे सकता है, बल्कि यह राजनीति के कई नए आयाम भी प्रस्तुत कर सकता है। मतदाता भी यह उम्मीद करते हैं कि जो भी सत्ता में आएगा, वह उनके हितों का ध्यान रखेगा और राज्य के समृद्धि के लिए प्रभावी कदम उठाएगा। सभी दलों के लिए यह चुनाव बड़ी परीक्षा है और इसके परिणाम प्रदेश के विकास की दिशा को स्पष्ट करेंगे।
sandeep anu
अक्तूबर 6, 2024 AT 09:29ये चुनाव तो बस एक निर्णय नहीं, बल्कि हरियाणा के भविष्य की नींव है। मैंने देखा है कि जहां भाजपा ने सड़कें बनाईं, वहीं कांग्रेस ने वादे किए। अब समय है कि हम वादों की जगह काम को चुनें।
Shreya Ghimire
अक्तूबर 7, 2024 AT 04:12ये सब बस धोखा है... जब भी कोई सरकार आती है, तो वो बस अपने घर बनाती है, जमीन खरीदती है, और फिर मतदाता को भूल जाती है। आज तक किसी ने गांवों की स्वच्छता नहीं की, न ही पानी का इंतजाम किया। ये सब बस चुनावी नाटक है। अगर आप वाकई बदलाव चाहते हैं, तो आज कोई भी पार्टी नहीं चुनिए।
Prasanna Pattankar
अक्तूबर 7, 2024 AT 20:32भाजपा का विकास? वो तो सिर्फ शहरों के लिए है... गांवों में तो बिजली नहीं, बल्कि बातों की बिजली चलती है। कांग्रेस वाले भी तो वही लोग हैं जिन्होंने 2014 में यहां जमीन बेच दी थी। अब फिर से बहाना बना रहे हैं। ये चुनाव तो बस एक बड़ा गलत फैसला होने वाला है।
Prabhat Tiwari
अक्तूबर 9, 2024 AT 08:13हरियाणा की जमीन अब बाहरी लोगों के हाथों में जा रही है। आम आदमी पार्टी और JJP जैसी पार्टियां तो बस बाहरी शक्तियों के लिए बनाई गई हैं। ये चुनाव असल में देश की नींव को हिलाने की कोशिश है। हमें अपनी जमीन, अपनी संस्कृति, अपने बच्चों के भविष्य के लिए लड़ना होगा। भाजपा अभी भी सबसे अच्छी विकल्प है।
Indra Mi'Raj
अक्तूबर 11, 2024 AT 00:34मैंने अपनी माँ को पोलिंग बूथ पर ले जाया था। उन्होंने कहा, 'बेटा, जो भी आएगा, वो हमारे लिए बेहतर होगा अगर वो हमें याद रखे।' इस बार तो मैं उन्हें देखकर खुद को बदलने का फैसला कर रही हूँ। वोट तो बस एक कार्रवाई है, लेकिन उसके पीछे एक जीवन होता है।
Harsh Malpani
अक्तूबर 12, 2024 AT 20:21मैंने पहली बार वोट दिया। मैंने सोचा था कि किसी को चुनना है, लेकिन फिर देखा कि सब एक जैसे बोल रहे हैं। तो मैंने अपने दोस्त के साथ एक नोट लिखा - 'हम वोट देते हैं, लेकिन अब हमें सुनना भी चाहिए।'
Bhupender Gour
अक्तूबर 14, 2024 AT 09:57अगर भाजपा ने तीसरी बार जीत ली तो ये बहुत बड़ी बात है... लेकिन अगर उन्होंने अपने वादों को नहीं निभाया तो अगली बार तो बस बेहतर लोग चुनने होंगे। बस नाम नहीं, बल्कि काम देखना होगा।
sri yadav
अक्तूबर 15, 2024 AT 13:36आप सब बस यही बात कर रहे हैं कि भाजपा या कांग्रेस। क्या कोई इस बारे में सोचता है कि ये सभी पार्टियां एक ही चार्ट पर चल रही हैं? एक बार तो सोचिए - क्या होगा अगर हम एक नया दल बनाएं जो असली लोगों के लिए हो? न तो बाहरी फंड, न तो नाम का झूठ।
Pushpendra Tripathi
अक्तूबर 16, 2024 AT 20:15हरियाणा में तो अब तक कोई भी सरकार ने जमीन के नाम पर लोगों को नहीं बेचा। लेकिन आज ये सब फिर शुरू हो रहा है। आप जो भी वोट देंगे, ये चुनाव आपके बच्चों के भविष्य के लिए है। और अगर आप ये भूल गए, तो आपके बच्चे आपको याद करेंगे - और गुस्सा होंगे।
Palak Agarwal
अक्तूबर 18, 2024 AT 08:13मैंने देखा है कि जहां नई सड़कें बनीं, वहां बच्चे पढ़ रहे हैं। जहां पानी की व्यवस्था हुई, वहां बुजुर्ग बीमार नहीं हो रहे। ये बातें बड़ी नहीं लगतीं, लेकिन इन्हीं में असली बदलाव है।
Paras Chauhan
अक्तूबर 18, 2024 AT 19:19मैं तो सोच रहा था कि अगर हम सब एक साथ एक नए नियम बना दें - जैसे कि कोई भी उम्मीदवार जिसने तीन बार चुनाव लड़ा हो, उसे दोबारा नहीं चलने दिया जाए - तो क्या होगा? शायद नए लोग आएं, नए विचार आएं।
Jinit Parekh
अक्तूबर 19, 2024 AT 05:23हरियाणा की राजनीति में आज कोई भी बाहरी शक्ति को अपना बना लेने की कोशिश कर रही है। ये चुनाव असल में देश की राष्ट्रीयता की परीक्षा है। अगर हम यहां अपनी पहचान खो देंगे, तो दूसरे राज्यों में भी यही होगा।
Shraddha Dalal
अक्तूबर 20, 2024 AT 11:08वोटिंग की जिम्मेदारी एक निश्चित व्यक्तिगत निर्णय नहीं है - यह एक सामाजिक संवाद है। हर मत एक अलग जीवन की कहानी को दर्शाता है: एक ग्रामीण महिला जो अपने बच्चे के लिए शिक्षा की मांग करती है, एक दिव्यांग व्यक्ति जिसे बिना रामबाण विकल्पों के निर्णय लेने की स्वतंत्रता नहीं मिली, एक वरिष्ठ नागरिक जिसका आधारभूत स्वास्थ्य देखभाल का अधिकार नहीं है। ये सब वोट नहीं, बल्कि एक सामाजिक अभियान हैं। चुनाव केवल एक प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक अधिकार का प्रतीक है। जब आप वोट देते हैं, तो आप एक अन्य व्यक्ति के जीवन के साथ साझा कर रहे होते हैं - और इस साझेदारी का सम्मान करना ही संस्कृति का सार है।
INDRA SOCIAL TECH
अक्तूबर 22, 2024 AT 01:37कांग्रेस और भाजपा के बीच लड़ाई तो चल रही है, लेकिन क्या कोई सोचता है कि जो लोग इन दोनों के बीच बाकी हैं, वो क्या करेंगे? वो भी तो हरियाणा के लोग हैं।
Ankit Gupta7210
अक्तूबर 22, 2024 AT 02:25कांग्रेस वाले तो बस अपने पुराने नाम से चल रहे हैं। भाजपा ने जो किया, वो देखो। बस अब ये बात बन गई है कि जो भी आएगा, वो भी यही करेगा। तो फिर वोट क्यों?
Jasvir Singh
अक्तूबर 22, 2024 AT 14:08मैंने अपने गांव में एक वरिष्ठ नागरिक को वोटिंग में मदद की। उन्होंने कहा - 'बेटा, मैंने अब तक जो भी देखा है, वो सब बातों का खेल है। लेकिन आज मैं वोट दूंगा, क्योंकि मेरा बेटा बोला है - अगर तुम नहीं देंगे तो कोई नहीं देगा।' उनकी आंखों में उम्मीद थी। वोट देना तो बस एक काम है, लेकिन उसके पीछे एक दिल होता है।
Yash FC
अक्तूबर 24, 2024 AT 05:03हर वोट एक अलग जीवन की कहानी है। एक लड़की जिसने पहली बार वोट दिया, एक दिव्यांग व्यक्ति जिसे बिना मदद के बूथ तक नहीं पहुंचना था, एक ग्रामीण महिला जिसने अपने बच्चे के लिए शिक्षा की मांग की। ये सब वोट हैं - लेकिन ये सब जीवन हैं।
udit kumawat
अक्तूबर 24, 2024 AT 07:55इतनी बड़ी बातें क्यों कर रहे हो? बस वोट दे दो। कोई भी आएगा, वो भी वही करेगा।
Drasti Patel
अक्तूबर 26, 2024 AT 06:58इस चुनाव में भाजपा की जीत अनिवार्य है, क्योंकि यही एकमात्र दल है जिसने राष्ट्रीय एकता को बरकरार रखा है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल विदेशी शक्तियों के हितों के लिए काम कर रहे हैं। भारत की सांस्कृतिक एकता को बचाने के लिए भाजपा को सत्ता में रखना ही एक देशभक्ति का कर्तव्य है।
mahak bansal
अक्तूबर 26, 2024 AT 19:32मैंने अपने गांव में एक नया बूथ बनवाया। अब लोग आसानी से वोट दे पा रहे हैं। ये छोटी बात है, लेकिन इसमें बड़ा बदलाव है।