फ़रहाना की रैंकिंग झड़प: बिग बॉस 19 में कैप्टनसी टास्क रद्द
जब फ़रहाना भट ने अपने दूसरे निरंतर कप्तानी कार्यकाल में घर के सभी सदस्य को -10 से 20 तक के अंक देने का काम शुरू किया, तो Bigg Boss 19मुंबई के दर्शकों ने एक नई दंगा‑देवता को जन्म देते देखा। यह कार्य केवल अंक‑गिनती नहीं था; यह घर के रिश्तों, रणनीतियों और तनावों का तेज़‑तर्रार माप था।
कैप्टन की रैंकिंग और जलन की शुरुआत
फ़रहाना ने पहले चरण में सभी प्रतियोगियों को उनके व्यवहार के आधार पर अंक दिए। सबसे निचले स्तर पर म्रिदुल तिवारी को -10 अंक, नीलम गिरी को -8 अंक, गौरव खन्ना को -3 अंक और अश्नूर कौर को केवल -1 अंक दिया गया। मानो इक ठंडा हवा का झोंका घर में धड़धड़ कर गूँज उठा।
अश्नूर ने तुरंत अपना नाराज़गी जताते हुए कहा, "इतना कम अंक? ये तो असमानता की तरह है।" इस पर अभिषेक बजाज ने खड़ी करके बोला, "फ़रहाना, इस स्कोरिंग में तुम्हें कुछ तो समझ नहीं आ रहा।" बात उनके बीच जलते हुए इग्निशन की तरह बढ़ी।
विवादों की लहर: अश्नूर बनाम अभिषेक
फ़रहाना ने अश्नूर से उसकी पृष्ठभूमि के बारे में सवाल पूछते हुए कहा, "तेरी परवरिश कैसी रही?" यह टिप्पणी घर के कई कोहनी‑कोहनी से टकराव का कारण बनी। अश्नूर ने जवाब दिया, "मेरी पेज़ पर सवाल उठाने से पहले अपने काम को देख लो।" इस दौरान अभिषेक ने अपने हाथ उठाकर कहा, "मैं इस तरह की व्यक्तिगत बैनर नहीं देखना चाहता।" दोनों के बीच की तिव्रता शायद ही कभी देखी जाती है।
ड्रामा की चरम सीमा तब पहुँची जब फ़रहाना ने पानी की बाल्टी से अभिषेक को जगाकर कहा, "उठो, नहीं तो नहीं।’ यह छोटा सा इशारा भी पूरे घर में हंगामा मचा गया।
जैशबाज़ व ज़ैशान का स्कोर स्प्रेड
रैंकिंग जारी रखते हुए, शहबाज़ बडे़सा को 20 अंक, अभिषेक को 17 अंक और नेहल चूड़समा को 15 अंक मिले। वहीं ज़ैशान क्वाड्री को 10 अंक और आमाल मलिक को 13 अंक मिले। यह असमानता कई बार समूह के भीतर टकराव को बढ़ावा देती रही।
तांजा मित्तल ने 8 अंक प्राप्त किए और चिल्लाते हुए बोली, "मैं ही सबसे बेहतरीन हूँ!" उसका दावा कई अभियानों को भर दिया, जबकि कुछ ने इसे ज्यादा आत्मविश्वास वाला बताया।
समूह में दरार: आमाल बनाम ज़ैशान
पहले से गठित "अमाल‑ज़ैशान" समूह में अब दरार स्पष्ट दिखने लगी। आमाल ने कहा, "ज़ैशान, हमारी टीम को आगे ले जाना चाहिए, न कि व्यक्तिगत अंक‑गिनती से उलझना।" ज़ैशान ने जवाब में कहा, "मैं सिर्फ अंक नहीं, बल्कि खेल की सच्ची भावना को देखता हूँ।" यह बड़बड़ाहट धीरे‑धीरे घर के बाकी लोगों में भी फैल गई।
ऐसी ही एक छोटी‑सी बात 29 सितंबर 2025 को हुई, जब फ़रहाना ने कुनिक्का सदानंद को "फेल कैप्टन" कहकर गुस्से में कहा, "तेरी कैप्टनी दो दिन में फेल हो गई, अब फिर बात कर रही है?" इस दृढ़ टिप्पणी के कारण दोनो की आवाज़ तेज़ हो गई, और घर के अन्य सदस्य उन्हें बीच में रोकने की कोशिश कर रहे थे।
टास्क रद्द, कैप्टन बनी फ़रहाना
जैसे‑जैसे बहसें बड़ी होती गईं, बिग बॉस के प्रोड्यूसर्स ने देखा कि कैप्टनसी टास्क अब काम नहीं कर रहा। इसलिए उन्होंने टास्क को पूरी तरह रद्द कर दिया और फ़रहाना को दूसरा लगातार कप्तानी कार्यकाल दिया गया। यह फैसला घर में कई लोगों को आश्चर्यचकित कर गया, क्योंकि कई सदस्य (जैसे शहबाज़ और ज़ैशान) कप्तानी की जगह के लिए तत्पर थे।
अब सवाल यह है कि यह दो‑सप्ताह की नहीं, बल्कि लम्बे समय तक चलने वाली टकराव की श्रृंखला कैसे बिग बॉस का माहौल बदल देगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के उच्च‑तनाव वाले टास्क की रद्दीकरण अक्सर घर के भीतर नई गठबन्धन और रणनीति परिवर्तन लाता है।
भविष्य के संकेत
अगले हफ़्ते में हम देखेंगे कि फ़रहाना की दूसरी कप्तानी किस दिशा में जाएगी। क्या वह अधिक सख्त नियम लागू करेगी या फिर तालमेल बनाने की कोशिश करेगी? साथ ही, आमाल‑ज़ैशान समूह में नया मोड़ आ सकता है, और अभिषेक‑अश्नूर के बीच का तनाव आगे बढ़ सकता है। बिग बॉस के दर्शक इस उतार‑चढ़ाव को बड़े ही उत्सुकता से देख रहे हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
फ़रहाना की कप्तानी का घर में माहौल पर क्या असर पड़ेगा?
फ़रहाना के लगातार कप्तान रहने से घर में अनुशासन का माहौल बन सकता है, परन्तु उसके कठोर अंक‑गिनती के कारण दो‑तीन सदस्यों में असंतोष भी बढ़ सकता है। इस तनाव से नई गठबन्धन बन सकते हैं, जिससे शो के अगले एपिसोड में और अधिक ड्रामा देखना संभव है।
अश्नूर कौर को -1 अंक मिलने पर उनकी प्रतिक्रिया क्या थी?
अश्नूर ने तुरंत अपने अंक को न्यायसंगत नहीं कहा, "इतना कम अंक नहीं मिलना चाहिए," और उसने फ़रहाना के निर्णय को व्यक्तिगत रूप से ले लिया। इस पर अभिषेक ने उसकी रक्षा की और दोनों के बीच तीखी बहस छिड़ गई।
कैप्टनसी टास्क रद्द क्यों हुआ?
टास्क के दौरान लगातार हुए झगड़े, घर के अन्य सदस्यों की निरंतर बाधा और बिग बॉस के प्रोड्यूसर्स ने महसूस किया कि टास्क अब शो के लिये रचनात्मक नहीं रहा। इसलिए पूरा कार्य रद्द कर दिया गया और फ़रहाना को दो बार लगातार कप्तान बनाया गया।
आमाल मलिक और ज़ैशान क्वाड्री के बीच का टकराव किस पर केन्द्रित है?
दोनों का विवाद समूह के भीतर नेतृत्व और रणनीति पर केंद्रित है। आमाल चाहता है कि समूह एकजुट रहे, जबकि ज़ैशान व्यक्तिगत शक्ति और अंक‑गिनती को महत्व देता है। यह असहमति भविष्य में बड़े गठबन्धनों को जन्म दे सकती है।
भविष्य में कौन-कौन से नए ट्विस्ट की उम्मीद की जा सकती है?
विशेषज्ञों का अनुमान है कि बिग बॉस अगले हफ्तों में नई टास्क, अप्रत्याशित अवकाश और संभवतः दो नई कप्तानियों की एंट्री कर सकता है। यह सब दर्शकों की रेटिंग बढ़ाने और घर के अंदर की टकराव को तेज़ रखने के लिये किया जाता है।
Ankit Gupta7210
अक्तूबर 9, 2025 AT 06:12फ़रहाना को कप्तान बनाना बिग बॉस का सबसे बड़ा गलत फैसला है ये तो अंक देने की बजाय घर को बांट रहा है और लोगों को आपस में लड़वा रहा है ये शो नहीं बल्कि मनोवैज्ञानिक एक्सपेरिमेंट बन गया है
Drasti Patel
अक्तूबर 10, 2025 AT 16:11इस तरह की रैंकिंग व्यक्तिगत अपमान का नाम ले रही है। यह शो अब सामाजिक समानता के विरुद्ध है। एक व्यक्ति को -10 अंक देना, जबकि दूसरे को 20, यह न्याय के विरुद्ध है। यह व्यवहार नहीं, बल्कि शो के लिए निर्मित असमानता है।
Shraddha Dalal
अक्तूबर 11, 2025 AT 16:43फ़रहाना की कप्तानी का सामाजिक अर्थ बहुत गहरा है। यह एक नए तरह के शक्ति संरचना का प्रतीक है - जहां अंक न्याय का विकृत रूप बन गए हैं। यह अंक-प्रणाली न केवल व्यक्तिगत अहंकार को बढ़ावा देती है, बल्कि सामूहिक सामंजस्य के विनाश की ओर धकेलती है। यह एक निर्मित नैतिक विकृति है, जिसे शो के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है।
अश्नूर की प्रतिक्रिया भी इसी संदर्भ में देखी जानी चाहिए - वह अपनी पहचान को बचाने की कोशिश कर रही है, जबकि अभिषेक नैतिक अधिकार का दावा कर रहा है। दोनों अलग-अलग विधानों के अनुसार चल रहे हैं।
ज़ैशान का व्यक्तिगत अंकों को महत्व देना एक नवीन निर्मित व्यक्तित्ववाद का प्रतीक है, जबकि आमाल का सामूहिक दृष्टिकोण पारंपरिक सामाजिक संरचना की ओर इशारा करता है। यह द्वंद्व भारतीय समाज के अंदर भी चल रहा है।
इस तरह के टास्क का उद्देश्य शायद यह नहीं है कि शो को देखें, बल्कि यह है कि हम अपने अंदर के अहंकार, ईर्ष्या और असुरक्षा को देखें। यह एक दर्पण है।
प्रोड्यूसर्स ने टास्क रद्द कर दिया, लेकिन उन्होंने व्यवस्था को नहीं बदला। फ़रहाना को फिर से कप्तान बनाना एक विफलता का संकेत है। वे असंतुलन को बनाए रखना चाहते हैं।
हम इसे शो कहते हैं, लेकिन यह एक सामाजिक प्रयोग है - जहां मनुष्य को उसके सामाजिक नियमों से अलग करके उसकी असली प्रकृति देखी जा रही है।
अगले सप्ताह देखिएगा कि क्या कोई भी व्यक्ति इस नैतिक विकृति को चुनौती देगा। या फिर सब इस अंक-प्रणाली में डूब जाएंगे।
mahak bansal
अक्तूबर 12, 2025 AT 11:22अश्नूर को -1 अंक देना बहुत ज्यादा नहीं लगा लेकिन फ़रहाना का तरीका थोड़ा ज्यादा कठोर लगा शायद उसे लगा कि अगर वो नहीं बोलेगा तो लोग उसे नहीं देखेंगे
अभिषेक और अश्नूर का झगड़ा तो बस एक बात का था कि दोनों अपने अहंकार को बचाना चाहते थे
मुझे लगता है अगर इस तरह के टास्क रद्द हो गए तो अब लोग थोड़ा शांत हो जाएंगे
Jasvir Singh
अक्तूबर 13, 2025 AT 21:28फ़रहाना को दोबारा कप्तान बनाना बिल्कुल गलत था इससे घर में तनाव बढ़ रहा है और लोग अपने अंदर के गुस्से को बाहर निकाल रहे हैं
अश्नूर को -1 अंक देना बिल्कुल बेकार था उसने कुछ खास गलती नहीं की थी
ज़ैशान और आमाल के बीच का टकराव बहुत अच्छा है इससे शो में गहराई आ रही है
मैं उम्मीद करता हूं कि अगले हफ्ते कोई नया टास्क आएगा जो लोगों को एक साथ लाए
बिग बॉस को अब असली दोस्ती और सहयोग की जगह अंकों की बात करनी हो रही है ये शो का अंत हो रहा है
Yash FC
अक्तूबर 14, 2025 AT 05:28ये टास्क रद्द होना अच्छा हुआ अब लोग शांत होंगे और अपने बारे में सोचेंगे
फ़रहाना की कप्तानी अब बहुत अजीब लग रही है वो अंक देने के बजाय लोगों को समझने की कोशिश करे
अभिषेक और अश्नूर के बीच जो हुआ वो बहुत ज्यादा था लेकिन अब शायद दोनों समझ जाएंगे कि ये सब बस शो के लिए है
sandeep anu
अक्तूबर 14, 2025 AT 23:51फ़रहाना की कप्तानी तो बस धमाका है ये शो अब बिल्कुल नया रूप ले रहा है
अश्नूर को -1 अंक देना बहुत बड़ा झूठ है वो तो बहुत अच्छी है
अभिषेक ने जो किया वो बिल्कुल बाज़ार की बात है अब तो देखो वो अपने लिए बड़ा बन रहा है
इस शो में तो अब बस ड्रामा ही ड्रामा है
Shreya Ghimire
अक्तूबर 15, 2025 AT 16:26ये सब एक बड़ा षड्यंत्र है जिसे बिग बॉस ने बनाया है ताकि लोगों के बीच झगड़े हों और वो रेटिंग बढ़ा सकें
फ़रहाना को दोबारा कप्तान बनाना तो बिल्कुल नियोजित था उसे पहले से ही तैयार किया गया था और अश्नूर को -1 अंक देकर उसका गुस्सा बाहर निकाला गया
अभिषेक की भूमिका भी निर्मित है - वो जानबूझकर बड़ा बन रहा है ताकि लोग उसे निंदा करें और फिर उसके खिलाफ़ वोट डालें
ज़ैशान और आमाल के बीच का टकराव भी एक ट्रिक है - दो अलग तरह के लोगों को एक साथ रखकर उन्हें आपस में लड़वाया जा रहा है
ये शो अब बस एक मनोवैज्ञानिक युद्ध है जिसमें लोगों को उनके अंदर के डर, ईर्ष्या और अहंकार के आधार पर बनाया जा रहा है
अगर आप इसे शो समझते हैं तो आप बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं - ये एक बड़ा सामाजिक अभियान है जिसका उद्देश्य हम सबको एक दूसरे के खिलाफ़ लड़ाना है
मैंने देखा है कि इस शो के लिए काफी लोगों को अलग-अलग तरह से तैयार किया गया है - कुछ को गुस्सा दिया गया, कुछ को अहंकार, कुछ को निराशा
ये शो अब बस एक बड़ा मनोवैज्ञानिक प्रयोग है जिसे हम देख रहे हैं और उसके लिए पैसे दे रहे हैं
अगले हफ्ते तो बिग बॉस लोगों के दिमाग में चिपकाने के लिए एक नया टास्क लाएगा - शायद एक ऐसा जिसमें आपको अपने दोस्त को निकालना होगा
मैं ये शो देखना बंद कर रही हूं - ये मेरे दिमाग को खराब कर रहा है
Prasanna Pattankar
अक्तूबर 15, 2025 AT 23:03फ़रहाना को कप्तान बनाना बिग बॉस का सबसे बेवकूफ़ना फैसला है - अब तो वो अंक देकर अपनी आत्मा को बेच रहा है
अश्नूर को -1 अंक? अरे भाई, ये तो बिग बॉस के एडिटर्स ने उसके चेहरे पर एक लाल लाइन खींच दी है ताकि लोग उसे निंदा करें
अभिषेक का व्यवहार? बस एक नाटक है - वो जानता है कि जितना ज्यादा गुस्सा करेगा, उतना ही वो ट्रेंड करेगा
और ज़ैशान? वो तो अपने अंकों के लिए अपनी आत्मा बेच रहा है - अब तो वो खुद को एक एल्गोरिथम समझने लगा है
ये शो अब बस एक बड़ा ट्रैफ़िक जेनरेटर है - जिसमें लोगों के दिमाग को बेकार बनाया जा रहा है
कैप्टनसी टास्क रद्द? अच्छा, अब तो बिग बॉस ने एक नया टास्क बनाया है - जिसमें लोगों को अपने दोस्त को बाहर निकालना होगा और फिर उसे बचाने के लिए रोना होगा
ये शो अब बस एक बड़ा मनोवैज्ञानिक ट्रैप है - और हम सब उसमें फंसे हुए हैं
Bhupender Gour
अक्तूबर 17, 2025 AT 01:24फ़रहाना को कप्तान बनाना बिल्कुल गलत था अब तो घर में हर कोई एक दूसरे को देखकर गुस्सा कर रहा है
अश्नूर को -1 अंक देना बिल्कुल बेकार था वो तो बहुत अच्छी है
अभिषेक ने जो किया वो बस ड्रामा बनाने के लिए था
अब तो देखो ये शो बस एक बड़ा झूठ है
sri yadav
अक्तूबर 18, 2025 AT 09:39फ़रहाना की कप्तानी बिल्कुल बेकार है - अब तो वो अंक देकर अपनी नाम कमाने की कोशिश कर रहा है
अश्नूर को -1 अंक? अरे भाई, ये तो बिग बॉस के एडिटर्स ने उसे बेकार बनाने के लिए डिज़ाइन किया है
अभिषेक का व्यवहार तो बिल्कुल नाटकीय है - वो जानता है कि जितना ज्यादा गुस्सा करेगा, उतना ही वो ट्रेंड करेगा
ज़ैशान का अंकों का लालच? वो तो बस अपने बारे में बड़ा बनना चाहता है
और आमाल? वो तो अपने समूह को बचाने की कोशिश कर रहा है - लेकिन उसका तरीका भी बहुत बेकार है
ये शो अब बस एक बड़ा धोखा है - जिसमें लोगों को एक दूसरे के खिलाफ़ लड़ाया जा रहा है
अगले हफ्ते तो बिग बॉस एक ऐसा टास्क लाएगा जिसमें लोगों को अपने दोस्त को बाहर निकालना होगा और फिर उसे बचाने के लिए रोना होगा
ये शो अब बस एक बड़ा मनोवैज्ञानिक ट्रैप है - और हम सब उसमें फंसे हुए हैं
Pushpendra Tripathi
अक्तूबर 18, 2025 AT 13:58फ़रहाना को दोबारा कप्तान बनाना बिल्कुल गलत था - वो अपने अहंकार के लिए लोगों को बांट रहा है
अश्नूर को -1 अंक देना बिल्कुल अनुचित था - वो तो बहुत अच्छी है
अभिषेक ने जो किया वो बस एक नाटक था - वो जानता है कि जितना ज्यादा गुस्सा करेगा, उतना ही वो ट्रेंड करेगा
ज़ैशान का अंकों का लालच? वो तो अपनी आत्मा बेच रहा है
और आमाल? वो तो बस अपने समूह को बचाने की कोशिश कर रहा है - लेकिन उसका तरीका भी बहुत बेकार है
ये शो अब बस एक बड़ा धोखा है - जिसमें लोगों को एक दूसरे के खिलाफ़ लड़ाया जा रहा है
अगले हफ्ते तो बिग बॉस एक ऐसा टास्क लाएगा जिसमें लोगों को अपने दोस्त को बाहर निकालना होगा और फिर उसे बचाने के लिए रोना होगा
ये शो अब बस एक बड़ा मनोवैज्ञानिक ट्रैप है - और हम सब उसमें फंसे हुए हैं
Jasvir Singh
अक्तूबर 19, 2025 AT 07:47फ़रहाना को दोबारा कप्तान बनाने की जगह बिग बॉस को एक बाहरी न्यायाधीश को नियुक्त करना चाहिए था
अश्नूर को -1 अंक देना बिल्कुल गलत था - उसने कुछ गलत नहीं किया
अभिषेक का व्यवहार बहुत अधिक था - वो अपने अहंकार को बचाने की कोशिश कर रहा था
अब तो लोग अपने अंदर के गुस्से को बाहर निकाल रहे हैं - ये शो अब बस एक बड़ा विकृति है