DSP विकस चंद्र की मुफ्त कोचिंग से 140 पास, JPSC 2023 परिणाम में 342 में 140 चयन
जब Vikas Chandra Srivastav, Deputy Superintendent of Police (Jharkhand Police) की मुफ्त कोचिंग ने JPSC परिणाम में हलचल मचा दी, तो सबका ध्यान इस ओर गया कि 342 चयनितों में से 140 छात्र उसी की ‘पाठशाला’ से निकले हैं। इस बीती जलाई में, Ashish Akshat, जो Inspector Subodh Srivastav के बेटे हैं, ने पहला क्रमांक हासिल किया, फिर Abhay Kujur दूसरे और Ravi Ranjan Kumar ने तीसरा स्थान पकड़ा। यह सभी जाँच 25 जुलाई 2025 को Jharkhand Public Service Commission (JPSC) ने जारी किए।
परिणामों का सारांश
JPSC सिविल सर्विसेज एग्जाम 2023 के अंतिम परिणाम में कुल 342 उम्मीदवार चयनित हुए। सबसे बड़ा आश्चर्य यह था कि विकस चंद्र की पाथशाला से निकले चार छात्र टॉप‑10 में स्थायी रहे: Ashish Akshat (रैंक 1), Abhay Kujur (रैंक 2), Sweta (रैंक 5), Sandeep Prakash (रैंक 8)। कुल 140 से अधिक छात्र, जो कुल चयनितों का लगभग 41 % हैं, ने इस मुफ्त कोचिंग से फायदा उठाया।
डिप्टी सुपरिंटेंडेंट विकस चंद्र की भूमिका
विकस चंद्र ने 2024 के फरवरी में शुरू की गई अपनी पाथशाला को पूरी तरह निशुल्क चलाया। उनके अनुसार कोई फीस नहीं ली जाती, बल्कि उनका लक्ष्य ‘ऑफ़िसर मेकर’ बनना है। कई छात्रों ने बताया कि उनका पढ़ाने का तरीका, मोड्यूलर नोट्स और सुबह‑शाम की दोहराव वाली टेस्टिंग ने उन्हें आत्मविश्वास दिया। "परिश्रम का कोई विकल्प नहीं," उन्होंने कहा, "और मैं इसे सबके लिए सुलभ बनाना चाहता हूँ।"
भर्ती प्रक्रिया का चरणबद्ध विकास
- फ़रवरी 2024 – JPSC ने 2023 सिविल सर्विसेज एग्जाम की नोटिफ़िकेशन जारी की।
- 17 मार्च 2024 – प्रारंभिक परीक्षा आयोजित, 7,011 उम्मीदवार मैनस्टर में क्वालिफ़ाई हुए।
- 22 अप्रैल 2024 – प्री‑टेस्ट परिणाम जारी, मैनस्टर के लिए 7,011 में से 864 को बुलाया गया।
- 22‑24 जून 2024 – मैनस्टर परीक्षा रांची में हुई।
- 21 मई 2025 – इंटरव्यू के लिये 864 नामांकित, इंटरव्यू परिणाम घोषित।
- 25 जुलाई 2025 – अंतिम परिणाम प्रकाशित; 342 चयनित।
रांची में 22‑24 जून की मैनस्टर परीक्षा के दौरान, कई छात्र कोविड‑19 की नई लहर से ग्रस्त रहे, पर बोर्ड ने सुरक्षा प्रोटोकॉल कड़ाई से लागू किए।
उम्मीदवारों की प्रतिक्रिया और विरोध
परिणामों में देरी को लेकर रांची, हज़ारीबाग, धनबाद और गढ़वा जैसे जिलों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए। छात्रों ने गेट पर कब्रों की तरह बिछाए बोर्डिंग, मेमो जमा किए और सोशल मीडिया पर #JPSCDelay ट्रेंड चलाया। वे उत्तरदायित्व, उत्तर कुंजी की शुद्धता और मूल्यांकन प्रक्रिया की पारदर्शिता की माँग कर रहे थे। अंत में लोक विधायक और सांसदों ने हस्तक्षेप किया, जिससे आयोग ने परिणाम जारी करने की दिशा में कदम बढ़ाया।
आगामी प्रक्रिया और नियुक्ति
अब चयनित उम्मीदवारों को दस्तावेज़ सत्यापन, ट्रेनिंग शेड्यूल और पोस्टिंग की सूचना का इंतज़ार है। सबसे अधिक रिक्तियां डिप्टी कलेक्टर (207 पद), राज्य कर अधिकारी (56 पद) और डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ऑफ़ पुलिस (35 पद) में हैं। आरक्षण के अनुसार 155 अनरिज़र्व्ड, 88 ST, 31 SC, 15 OBC‑1, 24 OBC‑2 और 29 EWS उम्मीदवारों को पद मिलेंगे।
पिछला इतिहास और तुलना
पिछले पाँच वर्षों में JPSC की औसत चयन दर 8 % रही है, पर 2023 में यह 4.9 % (342/7,011) रही। इसी साल विकस चंद्र की पाथशाला ने 140 छात्रों को चुना, जो पिछले किसी भी निजी कोचिंग संस्थान से अधिक है। कई विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐसी निशुल्क पहल से सामाजिक समानता में सुधार होगा, क्योंकि आर्थिक बाधाओं से कई प्रतिभाशाली युवा बाहर रहे थे।
Frequently Asked Questions
JPSC 2023 में 140 पास उम्मीदवारों का चयन कैसे संभव हुआ?
विकस चंद्र की मुफ्त कोचिंग ने सिलेबस को सरल बनाया, नियमित टेस्ट आयोजित किए और व्यक्तिगत मेंटरशिप दी। इस मॉडल ने छात्रों को परीक्षा के पैटर्न को समझने में मदद की, जिससे बड़ी संख्या में उम्मीदवार सफल रहे।
परिणाम में देरी के पीछे मुख्य कारण क्या थे?
JPSC की नेतृत्व में परिवर्तन और मूल्यांकन प्रक्रिया में तकनीकी त्रुटियों ने समय‑सीमा को प्रभावित किया। उम्मीदवारों ने इस बात पर जोर दिया कि उत्तर कुंजी की पुनः जाँच और इंटरव्यू के समन्वय में देरी मुख्य कारण थे।
किसे चयनित पदों में सबसे अधिक मौके मिलेंगे?
डिप्टी कलेक्टर पदों की अधिक संख्या होने के कारण अधिकांश उम्मीदवार इस विभाग में नियुक्ति की उम्मीद रख सकते हैं। इसके बाद राज्य कर अधिकारी और डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ऑफ़ पुलिस के पद आते हैं।
क्या इस वर्ष की सफलता का कोई स्थायी मॉडल बन सकता है?
यदि सरकारी या निजी संस्थाएँ इस तरह की मुफ्त कोचिंग को समर्थन दें, तो यह मॉडल अन्य राज्यों में भी दोहराया जा सकता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि स्केलेबिलिटी के लिए ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म और सामुदायिक फंडिंग की जरूरत होगी।
आगामी दस्तावेज़ सत्यापन कैसे होगा?
चयनित उम्मीदवारों को अगले दो हफ्तों में जिला स्तर पर दस्तावेज़ सत्यापन के लिए बुलाया जाएगा। इसमें शैक्षणिक प्रमाणपत्र, शारीरिक क्षमता प्रमाणपत्र और बायो‑डेटा अपलोड करना शामिल होगा। उल्लिखित सभी जानकारी उचित रूप से सत्यापित होने पर अंतिम नियुक्ति प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
16 टिप्पणि
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टैग: JPSC परिणाम Vikas Chandra Srivastav Ashish Akshat Ranchi civil services
Prince Fajardo
अक्तूबर 4, 2025 AT 19:23देखो, 140 लोग मुफ्त कोचिंग में पास हो गए, अब क्या कहते हो? ऐसा लग रहा है जैसे कोई जादू की छड़ी चल गई हो।
Subhashree Das
अक्तूबर 4, 2025 AT 19:33सच में, इतनी बड़ी संख्या में पास होना कोई छोटा काम नहीं है, लेकिन क्या इस सिस्टम में पारदर्शिता है? कई छात्रों ने कहा कि वही पुराने नेटवर्क वाले लोग ही फोकस रखते हैं। रिपोर्ट में दिखाया गया है कि मज़दूर वर्ग के बच्चे अब भी धक्का मार रहे हैं। यह मुफ्त कोचिंग भी कभी‑कभी खासकर उन लोगों को फ़ायदा पहुँचाता है जो वाकई मेहनत करते हैं। लेकिन कृपया यह भी देखो कि चयन प्रक्रिया में कहीं पक्षपात तो नहीं।
Shashikiran R
अक्तूबर 4, 2025 AT 19:43किसी को भी सच्चे मंसूबे की हक़ीक़त नहीं दिखनी चाहिए। अगर फ्री कोचिंग में एतबार नहीं है तो हमारा सिस्टम तोड़ने के लिये कौन जिम्मेदार है? इस वाक़े में तो सब कुछ उल्टा‑पुल्टा हो रहा है।
SURAJ ASHISH
अक्तूबर 4, 2025 AT 19:53और क्या? वही पुराना ढेर।
PARVINDER DHILLON
अक्तूबर 4, 2025 AT 20:03मैं सोचता हूँ कि ऐसी पहल सभी के लिये उम्मीद की किरण हो सकती है 😊 लेकिन साथ ही हमें यह देखना चाहिए कि क्वालिटी बनी रहे। सभी को समान अवसर मिलना चाहिए।
Nilanjan Banerjee
अक्तूबर 4, 2025 AT 20:13विकास चंद्र की मुफ्त कोचिंग ने इस साल की जज्बातों को असामान्य दिशा दी।
जैसे ही परिणाम प्रकाशित हुए, हर कोने में हर्ष और आश्चर्य की लहर दौड़ गई।
परंतु इस सफलता की कहानी सिर्फ अंक नहीं, बल्कि असीम प्रयास का प्रतिबिंब है।
हर सुबह दो घंटे बैठकर नोट्स बनाना, हर शाम मॉक टेस्ट देना, यह उनकी रोज़मर्रा की दिनचर्या बन गई।
यह मॉडल न केवल आर्थिक बाधाओं को तोड़ता है, बल्कि सामाजिक असमानताओं को भी घटाता है।
जब 140 विद्यार्थी बिना फीस के चुनिंदा बनते हैं, तो यह संकेत मिलता है कि शिक्षा का सही मार्ग खुल रहा है।
परंतु कुछ लोगों का कहना है कि यह एक अस्थायी उद्यम है जो हमेशा बना नहीं रहेगा।
वास्तव में, निरंतर समर्थन और सरकारी सहयोग के बिना इसे टिकाना मुश्किल हो सकता है।
फिर भी, इस पहल से प्रेरित कई युवा ने अपने सपनों को पुनः प्रज्वलित किया है।
उन्हें अब यह विश्वास है कि मेहनत और सच्ची लगन से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
साथ ही, यह कोचिंग अन्य राज्याओं के लिए एक मॉडल बन सकता है, अगर इसे सही ढंग से स्केल किया जाए।
आगामी वर्षों में हमें देखना चाहिए कि क्या यह सफलता की लहर और विस्तारित हो पाती है।
स्थानीय प्रशासन और सामुदायिक सहयोग इस प्रक्रिया को और मजबूती प्रदान करेंगे।
यदि यह पहल स्थायी रूप से विकसित होती है, तो यह राष्ट्रीय स्तर पर भी एक सकारात्मक बदलाव लाएगी।
अंत में, यह कहना उचित होगा कि शिक्षा में समानता के इस सफर में यह कदम एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
sri surahno
अक्तूबर 4, 2025 AT 20:23क्या तुम नहीं देख रहे कि इस तरह की मुफ्त कोचिंग पीछे छिपे किसी बड़े हित के लिये चल रही है? अक्सर सरकार ऐसी पहल को जनता की आँखों से छुपाकर निजी अभिजात्य वर्ग को फायदा पहुँचाती है। यह सब कुछ एक जाल हो सकता है।
Varun Kumar
अक्तूबर 4, 2025 AT 20:33ये सब सरकार का ड्रामा है।
Madhu Murthi
अक्तूबर 4, 2025 AT 20:43भाई, इतना बड़ा स्कोर देख कर तो मन खुश हो गया 😂 लेकिन सच में, क्या ये सभी के लिये फेयर है?
Amrinder Kahlon
अक्तूबर 4, 2025 AT 20:53हं, देखो तो सही, मुफ्त में पढ़ाया और सब टॉप पर चढ़े, अब क्या करूँ मैं?
Abhay patil
अक्तूबर 4, 2025 AT 21:03मैं समझता हूँ कि सबको समान मौका मिलना चाहिए, पर साथ ही क्वालिटी की भी देखभाल जरूरी है, इसलिए थोड़ा संतुलन बनाना होगा।
Neha xo
अक्तूबर 4, 2025 AT 21:13यह सच में दिलचस्प है।
Rahul Jha
अक्तूबर 4, 2025 AT 21:23डेटा दिखाता है कि ऐसे मॉडल से चयन दर 20% तक बढ़ सकती है 😊
Gauri Sheth
अक्तूबर 4, 2025 AT 21:33अपने दिल की बात कहूँ तो मुझे लगता है कि इस तरह की मुफ्त कोचिंग वास्तव में अति आवश्यक है, क्योंकि कई गरीब परिवारों के बच्चे अभी भी सपने देखते हैं और उम्मीद खो रहे हैं। लेकिन अगर प्रक्रिया में कोई पक्षपात है तो यह सब बेकार हो जाएगा। इसलिए पारदर्शिता सबसे बड़ी माँ है।
om biswas
अक्तूबर 4, 2025 AT 21:43देश के लिए ऐसी पहलें जरूरी हैं, लेकिन हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि राष्ट्रीय हित ही प्राथमिकता हों। कोई भी बाहरी एजेंसी को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
sumi vinay
अक्तूबर 4, 2025 AT 21:53आशा है कि आगे भी ऐसी सकारात्मक पहलें जारी रहेंगी, और हम सब मिलकर शिक्षा को हर कोने तक पहुंचा सकेंगे! 😊