भारत महिला टीम ने इंग्लैंड पर पहली T20I श्रृंखला जीतकर बनाया इतिहास

सीरीज़ का विस्तृत विवरण

जब भारत की महिलाएँ इंग्लैंड की धरती पर पहुँचीं, तो सभी का एक ही सवाल था – क्या हम पहली बार T20I में जीत हासिल कर पाएँगे? उत्तर बिल्कुल स्पष्ट था: "हां, और उससे भी बेहतर"। पाँच मैचों की इस तीव्र श्रृंखला में भारत ने 3‑2 से जीत दर्ज की, जो पहले कभी नहीं हुआ था।

पहले मैच में भारत ने 97 रनों से जीत ली, और इस जीत की सबसे बड़ी वजह थी स्मृति मंडाना का एकदम अनोखा प्रदर्शन – उन्होंने पहली ही बार T20I में शतक बनाया। यह शतक न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि थी, बल्कि पूरी टीम के लिए आत्मविश्वास का आधार बना।

दूसरे मैच में टीम ने और भी स्थिरता दिखाते हुए 24 रनों से जीत दर्ज की। यहाँ अहम योगदान अमंजोत कौर और जेमिमाह रोड्रिगेज ने दिया, दोनों ने 63‑63 के शानदार अर्धशतक बनाए। उनके आक्रमणात्मक खेल ने भारत को 2‑0 की स्कोरलाइन दे दी, जिससे इंग्लैंड पर दबाव बढ़ गया।

तीसरे टेस्ट में इंग्लैंड ने पाँच रनों के तंग अंतर से जीत हासिल की, जिससे सीरीज़ एक नई मोड़ पर पहुंची। यह मैच टेनिस कोर्ट जैसा नाटकीय था – हर ओवर में टेंशन और हर बॉल पर जीत का इंतजार। लेकिन भारत ने हार नहीं मानी।

चौथे मैच में भारत ने फिर से विजयी कदम बढ़ाया, केवल छह विकेट से जीत हासिल की। यह मैच कम स्कोर वाला था, लेकिन भारत की गेंदबाजों ने लगातार दबाव बनाया, जिससे इंग्लैंड को बड़ी कठिनाई हुई। इस जीत के साथ भारत ने श्रृंखला जीतने का भरोसा मजबूत कर लिया।पाँचवाँ और आखिरी क्रिकेट का सामना एक और रोमांचक खींचतान में बदला। इंग्लैंड ने पाँच विकेट से जीत ली, लेकिन भारत पहले ही 3‑2 से सीरीज जीत चुका था। अंतिम ओवर में नजदीकी अंत हुआ, लेकिन इस बार जीत का जश्न भारत की टीम ने पहले ही मना लिया था।

ओडीआई में जीत की कहानी

टी‑20 के साथ-साथ तीन मैचों की ODI सीरीज़ भी खेली गई। भारत ने इस श्रृंखला को 2‑1 से अपने नाम किया। पहला ODI भारत ने चार विकेट से जीतकर शुरू किया, जहाँ दीप्ति शर्मा ने unbeaten 62 रन बनाकर टीम को मजबूत किया।

दूसरा ODI बारिश के कारण कठिन रहा, लेकिन इंग्लैंड ने आठ विकेट से जीत हासिल की, जिससे सीरीज़ संतुलित हो गई।

तीसरे और आखिरी ODI में भारत ने 13 रनों के अंतर से जीत पक्की की। इस मैच में कप्तान हरमनप्रीत कौर ने अपना सातवाँ ODI शतक बनाया – 102 रन। उनका यह शतक सिर्फ व्यक्तिगत रिकॉर्ड नहीं, बल्कि टीम को जीत की अंतिम दिशा में ले जाने वाला प्रमुख कारक था। इसके साथ ही टीम की तेज़ गेंदबाज़ी में भी चमक दिखी; क्रांति गौड़ ने अपना पहला ODI पाँच विकेटों का चमकता हुआ आंकड़ा 6/52 से तैयार किया।

इस पूरी दौड़ ने दिखा दिया कि भारत महिला क्रिकेट अब सिर्फ प्रतिभा नहीं, बल्कि निरंतर जीत की गाथा लिख रहा है। इंग्लैंड जैसे मजबूत प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ जीत सिर्फ अंक नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और भविष्य की रणनीति के लिए एक बड़ा कदम है। टोकन‑20 और ODI दोनों में टीम ने दिखा दिया कि दबाव में खेलना, व्यक्तिगत तिथियों को तोड़ना और पूरी टीम की एकता के साथ जीत पाना अब उनका अभ्यस्त हिस्सा बन गया है।

इस टूर की सफलता से महिला क्रिकेट को नया उछाल मिला है। युवा लड़कियों के लिए यह एक प्रेरणा बन गई है कि अगर मेहनत और टीम भावना हो तो कोई भी सीमा नहीं। आगामी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत की महिला टीम को क्या नई ऊँचाइयां मिलेंगी, यह सबको बड़ी उत्सुकता से देखना बाकी है।

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