BCCI की बड़ी गलती: सरफ़राज खान को भाई मुसheer के रूप में दिखाया रंजि ट्रॉफी स्कोरकार्ड में
जब सरफ़राज अहमद खान, 27 साल के मुंबई के मध्य क्रम के बल्लेबाज़, को भारत क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने गलत तरीके से शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में खुले हुए इन्निंग्स में शुरुआती बल्लेबाज़ बताया, तो हाथ में धड़कन तेज़ हो गई। असल में यह उनका 19‑साल का छोटा भाई मुसheer अहमद खान था, जिसने खोले और तीन गेंदों में डक बना दिया। यह गलती 14 अक्टूबर 2025 को मुंबई‑जम्मू & कश्मीर के प्रथम रंजि ट्रॉफी मैच के दौरान हुई।
गलती कैसे हुई?
मैच स्कोरर ने इलेक्ट्रॉनिक स्कोरिंग सिस्टम में खिलाड़ी का नाम टाइप करते समय सरफ़राज के बजाय मुसheer के नाम को दर्ज कर दिया। BCCI की आधिकारिक वेबसाइट bcci.tv पर प्रकाशित स्कोरकार्ड ने सरफ़राज को ओपनिंग बल्लेबाज़ और 2.2 ओवर में औकिब नबी (जम्मू & कश्मीर के तेज़ गेंदबाज) द्वारा डक आउट दिखाया। यह त्रुटि फैंस के स्क्रीनशॉट और ट्विटर (X) पर वायरल होने के बाद ही सुधारी गई।
मैच की मुख्य झलकियां
वास्तविक ओपनर मुसheer ने केवल तीन गेंद देखी और डक बना दिया। उनका भाई सरफ़राज क्रमशः पाँचवें क्रम में आया और 48 गेंदों में 42 रन बनाए, जिसमें छह चौके और एक छक्का शामिल था। रन‑आउट के बाद जम्मू & कश्मीर के विकेटकीपर परवेज़ अज़ीज़ ने दबाव बनाया। दूसरे विकेट पर आयुष़ म्हात्रे (28 रन) और अजीनक्य राहाणे (27 रन) ने जल्दी‑जल्दी अतिरिक्त भागीदारी दोड़ी, कुल मिलाकर 61 रन जोड़ते हुए। मुंबई ने पहला दिन 302/5 पर समाप्त किया, जिसमें सिद्धेश लाड 86* और शम्स मुलानी 23* अंश में रहे।
बसी के बयान और फैंस की प्रतिक्रिया
बसी के प्रेसिडेंट रॉजर बिन्नी ने कहा, "हम स्कोरिंग प्रक्रिया को तेज़ और सटीक बनाने के लिए तकनीकी सुधार करेंगे। यह हमारी पहली बार नहीं है, पर इस बार असर ज़्यादा दिखा।" फैंस ने सोशल मीडिया पर "क्या बसी का दिमाग कहीं छुट गया?" जैसे व्यंग्यात्मक टिप्पणियाँ कीं, जबकि कुछ ने मुसheer को "अगला बड़ा स्टार" कह कर समर्थन दिखाया।

रंजि ट्रॉफी 2025‑26 का महत्व
रंजि ट्रॉफी का 91वाँ संस्करण 38 टीमों के साथ 14 अक्टूबर से 24 फ़रवरी 2026 तक चल रहा है। defending champion Vidarbha, जिसके कप्तान फ़ैज़ फ़ज़ल हैं, पिछले सीज़न में Kerala को 1 विकेट से हराकर खिताब जिता था। मुंबई, 42 बार विजेता, इस सीज़न में अपना प्री‑मियाऽस खिताब फिर से जोड़ने की कोशिश में है।
भविष्य में क्या बदलाव आने की संभावना?
इस घटना के बाद बसी ने स्कोरिंग सॉफ़्टवेयर में दो‑स्तरीय वेरिफ़िकेशन और लाइव फ़ीडबैक लूप लगाने की घोषणा की है। मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (MCA) भी अपने क्लरेन्ट स्कोरर ट्रेनिंग को अपडेट करने का वादा किया है। यदि ये उपाय सफल होते हैं, तो आगे ऐसे ग़लतियों को कम किया जा सकता है और दर्शकों का विश्वास फिर से बनाया जा सकेगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
सुरफ़राज खान की स्थिति पर इस स्कोरकार्ड त्रुटि का क्या असर पड़ा?
सुरफ़राज को इस गलती से एक ओपनर के रूप में दर्शाया गया, जिससे उनका टेस्ट चयन की संभावनाओं पर सवाल उठे। हालांकि, उन्होंने अंत में 42 रन बनाकर अपनी मध्य‑क्रमी क्षमता सिद्ध की, और अधिकारियों ने बाद में स्पष्ट कर दिया कि यह केवल एक प्रशासनिक त्रुटि थी।
क्या बसी ने इस घटना के बाद कोई आधिकारिक माफी जारी की?
हाँ, बसी ने आधिकारिक रूप से माफी मंगाई और कहा कि स्कोरिंग प्रणाली में सुधार के लिए तुरंत कदम उठाए जाएंगे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में रॉजर बिन्नी ने कहा कि यह घटना एक सीख है और भविष्य में दोहरी जांच लागू की जाएगी।
मुसheer खान को इस अवसर पर क्या प्रतिक्रिया मिली?
मुसheer ने कहा कि वह भाई की जगह ओपनिंग में आया और जल्द ही अपने करियर में आगे बढ़ना चाहता है। कई फैंस ने सोशल मीडिया पर उनका समर्थन किया और कहा कि वह भविष्य में बड़े मैचों में दिखेगा।
रंजि ट्रॉफी में आने वाले मैचों में ऐसे त्रुटियों से बचने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
बसी ने स्कोरिंग सॉफ़्टवेयर में दो‑स्तरीय डेटा एंट्री और रीयल‑टाइम वैरिफ़िकेशन लागू करने की योजना बताई है। साथ ही प्रत्येक स्टेडियम को एक स्वतंत्र क्वालिटी कंट्रोल टीम दी जाएगी ताकि किसी भी डेटा एंट्री में गलती तुरंत पकड़ी जा सके।
क्या इस घटना से मुंबई टीम की टाइटल की संभावनाओं पर असर पड़ा?
वर्तमान में मुंबई 302/5 के साथ मजबूत स्थिति में है और इस स्कोरिंग गड़बड़ी ने टीम के प्रदर्शन को नहीं बदला। सिलसिलेवार जीत और अनुभवी खिलाड़ियों की मौजूदगी से उनके 42वें ट्रॉफी के लक्ष्य में बाधा नहीं आएगी।
Bhaskar Shil
अक्तूबर 15, 2025 AT 23:13डेटा एंट्री प्रक्रिया में डुअल-वैलिडेशन मैकेनिज्म अपनाना आवश्यक है, ताकि नाम‑प्लेयर मिसमैच जैसे केस टाले जा सकें। स्कोरिंग सॉफ्टवेयर में रीयल‑टाइम एरर‑डिटेक्शन मॉड्यूल को एम्बेड करने से त्रुटियाँ तुरंत फ़्लैग हो जाती हैं। इसके अतिरिक्त, एंट्री ऑपरेटर को प्रति ओवर में दो‑बार वेरिफ़िकेशन करने की प्रोटोकॉल लागू करनी चाहिए। इस तरह के जटिल जर्गन‑हेवी वैरिफ़िकेशन से सटीकता में 99.9% तक सुधार हो सकता है।
अंत में, क्लासिक “ओपनिंग‑बेट्समन” टैग को स्वचालित रूप से जनरेट न करके मैन्युअल कॉन्फ़र्मेशन को प्राथमिकता देना चाहिए।