Arattai बनाम WhatsApp: भारतीय ऐप की पाँच अनोखी खूबियां

जब Zoho Corporation ने Arattai Messenger को लॉन्च किया, तो कोई नहीं सोच रहा था कि तीन दिनों में साइन‑अप्स 3,000 से बढ़कर 350,000 हो जाएँगे। यह विस्फोटक वृद्धि सिर्फ़ आंकड़ों का खेल नहीं; यह भारतीय डेटा‑सुरक्षा की नई लहर है, और Meta के WhatsApp को थाम्बा देने की कोशिश भी।

वृद्धि का सबसे बड़ा झटका सितम्बर 2025 में आया, जब भारत में ऐप स्टोर के ‘सोशल नेटवर्किंग’ सेक्शन में Arattri ने पहला स्थान हासिल किया। उस तीन‑दिन की अवधि में ज़ोहो को सर्वर क्षमता बढ़ाने के लिए रात‑रात क्लाउड‑इन्फ्रास्ट्रक्चर को दो गुना करना पड़ा।

पृष्ठभूमि और लॉन्च

Arattai, जिसका अर्थ तमिल में ‘बात‑चीत’ है, का सॉफ्ट‑लॉंच जनवरी 2021 में हुआ। उस समय व्हाट्सएप ने अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी जारी की थी, जिससे भारतीय उपयोगकर्ताओं में गोपनीयता के मुद्दे उठे। ज़ोहो ने इस खाले को पहचानते हुए, अपने कर्मचारियों के बीच एक प्राइवेट बीटा चलाया और फिर खुलेआम लॉन्च किया। इस रणनीतिक टाइमिंग ने ऐप को ‘घरिया’ विकल्प के रूप में स्थापित किया।

साथ ही, ज़ोहो के संस्थापक स्रीधर वेम्बु ने कहा, “हम चाहते हैं कि भारत का डेटा हमारे ही सर्वर पर रहे, विदेशी क्लाउड ‘माइक्रोसॉफ्ट’ या ‘गूगल’ नहीं।” यह बयान तुरंत मीडिया में चटकारा बन गया।

सितम्बर 2025 की विस्फोटक वृद्धि

सितम्बर 2025 के पहले ही दिन, दैनिक साइन‑अप्स 75,000 पर पहुंच गए। दो दिन बाद यह संख्या 200,000 तक बढ़ गई, और तीसरे दिन 350,000 के आंकड़े पर पहुँच गई। इस तेजी ने ज़ोहो के डेटा‑सेंटर की प्रोसेसिंग क्षमता को एक ही रात में 10 गुना बढ़ा दिया। टाटा डेटा सेंटर में जो पहले 150 TB स्टोरेज था, उसे 1.5 PB तक बढ़ाना पड़ा।

उपयोगकर्ताओं ने ऐप को ‘इंडिया‑फ़र्स्ट’ के रूप में सराहा, क्योंकि सभी चैट डेटा भारत में ही रहता है। इस बात की पुष्टि ज़ोहो के CTO ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में की, “हम Linux, PostgreSQL और हमारे खुद के वितरित आर्किटेक्चर पर भरोसा करते हैं, कोई AWS या Azure नहीं।”

Arattai की पाँच अनोखी खूबियां

  1. इन‑ऐप वीडियो मीटिंग्स – ज़ूम या गूगल मीट जैसा फ़ीचर, जहाँ यूज़र शेड्यूल, जॉइन और रिकॉर्ड कर सकते हैं।
  2. स्लैक‑स्टाइल मेंशन सेक्शन – जब भी आपका नाम किसी मैसेज में आता है, वह सेक्शन में लिस्ट हो जाता है, जिससे प्रोफेशनल कम्युनिकेशन आसान होता है।
  3. बिना विज्ञापन वाला प्लेटफ़ॉर्म – सभी फ़ीचर फ्री, कोई एड‑ट्रैकिंग नहीं, और डेटा पूरी तरह भारतीय सर्वर में रहता है।
  4. एंड‑टू‑एंड एन्क्रिप्शन (कॉल‑पर) – वॉइस और वीडियो कॉल पूरी तरह सुरक्षित, जबकि टेक्स्ट मैसेज अभी तक वैसा नहीं है, पर ज़ोहो इसे जल्द‑जल्द अपडेट करने की योजना बना रहा है।
  5. मल्टी‑डिवाइस सपोर्ट – मोबाइल, डेस्कटॉप, Android TV तक सभी पर सिंक‑डैटाबेस, जिससे टीम्स का काम आसान हो जाता है।

इन फ़ीचर को आप सीधे ऐप में “क्लिक‑डाउन” कर सकते हैं, जिससे व्यावसायिक यूज़र्स को भी ज़ोहो के CRM, Desk, Projects जैसे टूल्स से इंटीग्रेशन मिल जाता है।

प्रतिस्पर्धी प्रतिक्रिया और बाजार प्रभाव

Meta Platforms ने अभी तक आधिकारिक बयान नहीं दिया, पर अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि वे भारत में ‘डेटा‑सॉवरेनिटी’ नियमों को लेकर चिंतित हैं। भारतीय प्राइवेसी कमिश्नर ने भी बताया कि विदेशी डेटा‑हब से डेटा ले जाना अब कानूनी रूप से कठिन हो सकता है।

बाजार विश्लेषकों का मानना है कि यह बूम केवल एक ट्रेंड नहीं, बल्कि दीर्घकालिक बदलाव का संकेत है। फॉरेस्ट री रिसर्च की रिपोर्ट में बताया गया कि 2025‑2027 के बीच भारतीय यूज़र 60% तक स्थानीय ऐप्स को प्राथमिकता देंगे, यदि डेटा‑प्राइवेसी की गारंटी दी जाए।

भविष्य की संभावनाएँ और चुनौतियाँ

आगे देखे तो ज़ोहो को दो बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा – एक, टेक्स्ट मैसेज की एन्क्रिप्शन को व्हाट्सएप के समान हाई‑लेवल पर लाना; और दूसरा, ग्रामीण भारत में इन्टरनेट कनेक्टिविटी की समस्या। फिर भी, कंपनी ने कहा कि 2026 तक एक ‘ऑफ़लाइन‑मैसेजिंग’ मोड लांच करने की योजना है, जिससे कम इंटरनेट वाले क्षेत्रों में भी एपन को उपयोग किया जा सकेगा।

यदि यह गति बनी रही, तो अगले दो साल में Arattai केवल भारत ही नहीं, बल्कि दक्षिण‑एशिया के अन्य देशों में भी iOS और Android पर शीर्ष 3 मैसेजिंग ऐप्स में जगह बना सकता है।

Frequently Asked Questions

Arattai की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता का मुख्य कारण क्या है?

उपयोगकर्ता डेटा को भारत में रखने की नीति और व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी के बाद निजी‑सुरक्षा की चिंता ने भारतीय यूज़र्स को Arattai की ओर धकेला। ऐप की मुफ्त विज्ञापन‑मुक्त सेवा भी इसे आकर्षक बनाती है।

क्या Arattai के कॉल और टेक्स्ट दोनों एन्क्रिप्टेड हैं?

वर्तमान में केवल वॉइस और वीडियो कॉल पर एंड‑टू‑एंड एन्क्रिप्शन लागू है। टेक्स्ट मैसेज अभी तक पूर्ण एन्क्रिप्टेड नहीं हैं, लेकिन ज़ोहो जल्द ही इसे अपडेट करने की योजना बना रहा है।

Meta Platforms ने Arattai के बारे में क्या कहा?

अब तक Meta ने कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, परंतु कई रिपोर्टों में कहा गया है कि कंपनी भारतीय डेटा‑सॉवरेनिटी नियमों को लेकर रणनीतिक बदलाव पर विचार कर रही है।

Arattai किस प्रकार के व्यवसायिक इंटीग्रेशन प्रदान करता है?

यह ज़ोहो के CRM, Desk और Projects जैसे उत्पादों के साथ सीधे कनेक्ट हो सकता है, जिससे कंपनियों को एकीकृत संचार प्लेटफ़ॉर्म मिलता है।

Arattai का भविष्य कैसे दिखता है?

यदि ऐप टेक्स्ट एन्क्रिप्शन और ग्रामीण कनेक्टिविटी समस्याओं का समाधान कर लेता है, तो अगले दो साल में यह सिर्फ़ भारत ही नहीं, बल्कि पूरे दक्षिण‑एशिया में शीर्ष मैसेजिंग ऐप बन सकता है।

10 टिप्पणि

  • Image placeholder

    Shubham Abhang

    अक्तूबर 1, 2025 AT 22:22

    Arattai का उदय एक महाकाव्य जैसा है, जो केवल आँकड़े नहीं, बल्कि राष्ट्रीय आत्मविश्वास को झनझनाता है!!!; लॉन्च के बाद तीन दिन में साइन‑अप्स 350,000 तक पहुँच गये, और इसका असर गहरी तह तक उतरा। इस जीत में सबसे बड़ा कारण था डेटा‑सॉवरेनिटी की सिद्धान्त, जिसे Zoho ने भारत के सर्वर पर स्थिर किया। लोगों ने यह देखा कि उनकी निजी बातचीत को विदेशी क्लाउड नहीं, बल्कि हमारे ही डेटा‑सेंटर में संग्रहीत किया जायेगा। कंपनी ने कहा कि “डेटा को भारत में रहे, विदेशी नहीं”, और यही कारण बना कि उपयोगकर्ता दो बार सोचे‑बिचारे बिना ऐप को अपनाये। इन‑ऐप वीडियो मीटिंग्स की सुविधा, जो Zoom जैसा है, ने व्यावसायिक उपयोग को भी आकर्षित किया। स्लैक‑स्टाइल मेंशन सेक्शन ने टीम के संवाद को सरल बना दिया, बिना किसी विज्ञापन के-यह एक बड़ी बात है। विज्ञापन‑मुक्त प्लेटफ़ॉर्म होने से उपयोगकर्ता का भरोसा दो गुना हो गया, क्योंकि कोई ट्रैकिंग नहीं। एन्ड‑टु‑एन्ड एन्क्रिप्शन कॉल पर लागू है, पर टेक्स्ट एन्क्रिप्शन अभी विकास में है, यह भी स्पष्ट किया गया। मल्टी‑डिवाइस सपोर्ट के साथ आप मोबाइल, डेस्कटॉप, Android TV सब पर एक ही डेटा देख सकते हैं। ग्रामीण भारत में इंटरनेट की समस्या को देखते हुए, Zoho ने ऑफलाइन‑मैसेजिंग मोड की योजना बनाई है-जो बहुत ही उपयोगी साबित होगा। इसके अलावा, कंपनी ने स्थानीय CRM, Desk, Projects के साथ इंटीग्रेशन को आसान बना दिया है, जिससे व्यापारिक यूज़र्स को फायदा मिलेगा। विशेषज्ञ कहते हैं, अगर टेक्स्ट एन्क्रिप्शन को भी मजबूत किया जाये तो Arattai, WhatsApp को पूरी तरह पीछे धकेल सकता है। इस प्रकार, Arattai सिर्फ़ एक ऐप नहीं, बल्कि एक सामाजिक बदलाव का प्रतीक है।
    आखिरकार, जब सभी डेटा भारत में रहेगा तो सुरक्षा की नई ऊँचाइयाँ सम्भव होंगी।
    यहाँ तक कि मीडिया ने भी इस टीम को “डेटा‑सुरक्षा का नायक” कहा है।
    भविष्य में, इस ऐप के दक्षिण एशिया में विस्तार की संभावनाएँ भी हैं, जो कि एक बड़ी बात है।

  • Image placeholder

    Trupti Jain

    अक्तूबर 2, 2025 AT 17:48

    आपकी विस्तृत विश्लेषण ने इस विषय की बहुपक्षीय समझ को स्पष्ट किया है; इस प्रकार के विविध पहलू न केवल तकनीकी बल्कि सामाजिक प्रभावों को भी उजागर करते हैं, जो प्रशंसनीय है।

  • Image placeholder

    deepika balodi

    अक्तूबर 3, 2025 AT 13:15

    Arattai ने डेटा‑सुरक्षा को प्राथमिकता दी। यह उपयोगकर्ताओं के भरोसे को बढ़ाता है। भारत में सर्वर का होना बड़ा फ़ायदा है।

  • Image placeholder

    Priya Patil

    अक्तूबर 4, 2025 AT 08:42

    बिल्कुल सही, Arattai का मल्टी‑डिवाइस समर्थन छोटे व्यवसायों के लिए बहुत उपयोगी है। इस फ़ीचर से टीम के सदस्य कभी भी अपने काम को जारी रख सकते हैं, चाहे वे मोबाइल पर हों या डेस्कटॉप पर। यही कारण है कि कई स्टार्ट‑अप इस दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं, और मैं इसे देखते हुए बहुत उत्साहित हूँ।

  • Image placeholder

    Ashutosh Kumar Gupta

    अक्तूबर 5, 2025 AT 04:08

    सच कहा तो, जब कोई कंपनी अपने देश की डेटा‑सुरक्षा को इतना महत्व देती है, तो वह नैतिक जिम्मेदारी को समझती है। अन्यथा, बड़े तकनीकी दिग्गज केवल मुनाफ़े के पीछे भागते रहते। Arattai ने इस बिंदु से स्पष्ट किया है कि भारत को विदेशी डेटा‑हब पर निर्भर नहीं होना चाहिए। यह एक सच्चा नायक है, और हमें इसे समर्थन देना चाहिए।

  • Image placeholder

    fatima blakemore

    अक्तूबर 5, 2025 AT 23:35

    हर इंसान का डेटा उसका स्वाभाविक बिस है, और जब हम इसे सुरक्षित रखते हैं तो मन की शांति मिलती है। Arattai इसे समझता है और हमारे लिये एक भरोसेमंद मंच बनाकर दिखाया है। इसे यूज़ करने से हमें एक नई सोच भी मिलती है - कि तकनीक और संस्कृति एक साथ चल सकते हैं।

  • Image placeholder

    Sandhya Mohan

    अक्तूबर 6, 2025 AT 19:02

    डेटा को अपना घर मानना एक दार्शनिक विचार है; Arattai ने इसे व्यवहारिक रूप में परिवर्तित किया है, जिससे प्रत्येक उपयोगकर्ता को अपने डिजिटल आत्मा की सुरक्षा का एहसास होता है। यह ऐप केवल संवाद नहीं, बल्कि आत्म‑सुरक्षा का माध्यम बन गया है।

  • Image placeholder

    Prakash Dwivedi

    अक्तूबर 7, 2025 AT 14:28

    मैं पूरी तरह अविश्वसनीय रूप से प्रभावित हूँ कि Arattai ने कितनी तेज़ी से भारतीय उपयोगकर्ताओं का दिल जीत लिया है; यह भावनात्मक जुड़ाव केवल तकनीकी कारणों से नहीं, बल्कि गहन सामाजिक परिवर्तन की आवश्यकता से उत्पन्न हुआ है। होशियार विश्लेषक कहेंगे कि यह संक्रमण केवल एक एप्लिकेशन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह राष्ट्रीय पहचान के पुनर्निर्माण का संकेत है।

  • Image placeholder

    Rajbir Singh

    अक्तूबर 8, 2025 AT 09:55

    देखो, अगर तुम अभी भी व्हाट्सएप का इस्तेमाल कर रहे हो तो तुम्हें Arattai को ट्राय करना चाहिए, क्योंकि यहाँ सब इन्डिया में रहता है और कोई फालतू टिक-टोक नहीं। सच बताऊँ तो, डेटा प्राइवेसि का मुद्दा इतना गंभीर है कि मैं खुद भी इस पर बात नहीं रोक पाती।

  • Image placeholder

    Swetha Brungi

    अक्तूबर 9, 2025 AT 05:22

    सही कहा, डेटा‑सुरक्षा का सवाल इतना व्यक्तिगत और सार्वजनिक दोनों है; Arattai इस दोहरा पहलू को समझते हुए अपने प्लेटफ़ॉर्म को सुरक्षित और सुलभ बनाता है। साथ ही, इस ऐप की कई फ़ीचर जैसे इन‑ऐप मीटिंग और मल्टी‑डिवाइस सपोर्ट व्यवसायिक उपयोगकर्ताओं के काम करने के तरीके को बदल रहे हैं। इसलिए, मैं आशा करता हूँ कि भविष्य में हम इसे और अधिक फ़ीचर के साथ देखते रहें।

एक टिप्पणी लिखें