अंशुल कम्बोज ने रचा इतिहास, रणजी ट्रॉफी में लिए सभी 10 विकेट
अंशुल कम्बोज: रणजी ट्रॉफी में एक ऐतिहासिक उपलब्धि
हरियाणा के उभरते हुए तेज गेंदबाज अंशुल कम्बोज ने रणजी ट्रॉफी में अपनी पहचान दर्ज कर ली है। एक शानदार प्रदर्शन करते हुए, उन्होंने केरल के खिलाफ मैच में एक पूरी पारी में सभी 10 विकेट चटकाकर इतिहास रच दिया। यह अद्वितीय उपलब्धि 23 वर्षीय कम्बोज के करियर में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा सकती है, जिसने उन्हें भारतीय घरेलू क्रिकेट के प्रसिद्ध पृष्ठों में जगह दिलाई है।
यह मुकाबला हरियाणा के लाहली में स्थित चौधरी बंसीलाल क्रिकेट स्टेडियम में हुआ था, जहां अंशुल ने अपने गेंदबाजी कौशल का अद्भुत प्रदर्शन करते हुए विरोधी टीम को 291 रनों पर समेट दिया। उनकी गेंदबाजी आंकड़े 30.1 ओवरों में 9 मेडन रखकर 49 रन देकर 10 विकेट थे, जो दिखाते हैं कि यह सफलता कोई साधारण प्राप्ति नहीं थी।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
रणजी ट्रॉफी में इस तरह की उपलब्धि की बात करें तो इससे पहले केवल दो बार इस प्रकार की सफलता दर्ज की गई है। एक बार 1956-57 के सत्र में बंगाल के प्रेमांगसु चटर्जी ने असम के खिलाफ 10/20 के आंकड़े दर्ज किए थे। अन्य बार 1985-86 के सत्र में राजस्थान के प्रदीप सुंदरम ने विदर्भ के खिलाफ 10/78 लिए थे। इन महायुगों की तुलना में अंशुल का प्रदर्शन भी गरिमा में अपनी जगह बनाता है।
कम्बोज का क्रिकेट करियर
कम्बोज के क्रिकेट करियर की शुरुआत मात्र 14 वर्ष की आयु में हुई, जब उन्होंने क्रिकेट को गंभीरता से लेना शुरू किया। हरियाणा के लिए खेलने के बाद, उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें आईपीएल तक पहुंचाया, जहां वो इस वर्ष मुंबई इंडियंस की टीम का हिस्सा थे। इसके अलावा, विजय हजारे ट्रॉफी और दुलीप ट्रॉफी जैसे अन्य घरेलू टूर्नामेंटों में भी उन्होंने श्रेष्ठ प्रदर्शन किया, जो उनके उभरते करियर की झलक प्रस्तुत करता है।
कम्बोज की कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो खेल के क्षेत्र में अपना नाम कमाना चाहते हैं। उनके इस रिकॉर्ड ने ना सिर्फ घरेलू क्रिकेट में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उन्हें पहचान दिलाई है।
रणजी ट्रॉफी का महत्व और खिलाड़ियों का योगदान
भारतीय क्रिकेट में रणजी ट्रॉफी का महत्व अपार है। यह वह मंच है जहां से कई भारतीय क्रिकेट महानायक उभरे हैं। घरेलू क्रिकेट में खिलाड़ियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण मंच साबित होता है जहां वे अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित कर सकते हैं। हरियाणा के अंशुल कम्बोज के इस प्रदर्शन ने इस मंच की महत्ता को पुनः सिद्ध कर दिया है।
क्रिकेट जैसे खेल में कप्तान और टीम के अन्य खिलाड़ियों का भी योगदान अहम होता है, जो खिलाड़ी को समर्थन और प्रेरणा देते हैं। इस संदर्भ में कम्बोज भी नहीं भूलते कि उनके इस सफर में उनके कोच, साथी खिलाड़ी और परिवार का बहुत बड़ा योगदान है।
इस प्रकार, अंशुल कम्बोज की इस अभूतपूर्व उपलब्धि ने भारतीय घरेलू क्रिकेट में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। उनके इस प्रदर्शन ने निश्चित ही आने वाले खिलाड़ियों को प्रेरणा दी है और यह साबित किया है कि मेहनत और जुनून से कुछ भी संभव है।
Bhupender Gour
नवंबर 17, 2024 AT 15:41sri yadav
नवंबर 19, 2024 AT 10:32Pushpendra Tripathi
नवंबर 21, 2024 AT 09:42Indra Mi'Raj
नवंबर 22, 2024 AT 18:16Harsh Malpani
नवंबर 24, 2024 AT 09:23INDRA SOCIAL TECH
नवंबर 24, 2024 AT 13:15Prabhat Tiwari
नवंबर 24, 2024 AT 19:01Palak Agarwal
नवंबर 26, 2024 AT 17:38