मुंबई में केवल 6 घंटों में 130 मिमी से अधिक बारिश, कई इलाकों में जलभराव

मुंबई में भारी बारिश के कारण हालात बिगड़े

मुंबई में पिछले कुछ दिनों से अनवरत हो रही मूसलधार बारिश ने शहर के कई हिस्सों में हालात बिगाड़ दिए हैं। केवल छह घंटों में 130 मिमी से अधिक बारिश होने के कारण कई क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इस भारी बौछार का प्रभाव इतना गहरा रहा कि अंधेरी सबवे को यातायात के लिए बंद करना पड़ा, जिससे रोज़ाना आवागमन करने वाले लोग परेशान हो गए।

नगर निगम के अनुसार, सबसे अधिक बारिश ट्रॉम्बे में दर्ज की गई, जो 142 मिमी थी। इसके बाद घाटकोपर में 132.6 मिमी, मानखुर्द में 132 मिमी, सांताक्रुज में 127.8 मिमी और बीकेसी में 119 मिमी बारिश हुई। कोलाबा में रविवार सुबह तक 1,044 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिससे उसने 1,000 मिमी के निशान को पार कर लिया।

निवासियों की दिक्कतें बढ़ीं, जलभराव ने किया परेशान

लगातार बारिश के कारण मुंबई के कई हिस्सों में जलभराव हो गया है। निवासियों को अपने सामान्य कार्यों के लिए भी पानी में चलना पड़ रहा है। नागरिक निकाय ने ऐसे कई क्षेत्र पहचाने हैं जहां जलभराव से समस्या गंभीर हो सकती है। निम्न-स्तरीय क्षेत्रों जैसे मलाड, दहिसर, मानखुर्द, खार और पोइसर में जलभराव रोकने के लिए पानी पंप लगाए गए हैं। इसके अलावा, बीएमसी ने जलभराव वाले क्षेत्रों में समय पर उपाय करने की घोषणा की है ताकि किसी दुर्घटना से बचा जा सके।

नगर निगम के जल विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जून से अब तक सांताक्रुज स्टेशन में 1,580 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जिसमें से 1,233 मिमी बारिश केवल जुलाई में ही हुई है। इस वर्ष मुंबई के झीलों के जल स्तर ने भी सकारात्मक संकेत दिए हैं। जल विभाग के अनुसार, रविवार सुबह तक कुल जल संग्रहण 43.41% हो चुका है, जो 6.28 लाख मिलियन लीटर के बराबर है।

प्राकृतिक आपदा प्रबंधन की स्थिति

रविवार को नगर निगम ने बताया कि पिछले 24 घंटों में शहर में 23 पेड़ों के गिरने और 10 शार्ट सर्किट की घटनाएं हुई हैं। हालांकि, खुशी की बात यह रही कि इन घटनाओं में किसी तरह की जनहानि नहीं हुई है। बारिश और जलभराव के बावजूद आपातकालीन सेवाओं ने त्वरित कार्रवाई की, जिसकी वजह से स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सका।

मुंबई के लोग इस मौसम में भारी बारिश की आदत डाल चुके हैं, लेकिन लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने उनके धैर्य की परीक्षा ली है। बेमौसम बारिश द्वारा उत्पन्न इस स्थिति ने प्रशासन पर बड़ा दबाव डाल दिया है कि वह जल्द ही जलप्रवाह की बेहतर व्यवस्था करे।

16 टिप्पणि

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    udit kumawat

    जुलाई 24, 2024 AT 06:49
    ये बारिश फिर से? हर साल यही कहानी। पानी भर जाता है, पंप लगाते हैं, फिर भूल जाते हैं। कोई स्थायी समाधान? नहीं।
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    Paras Chauhan

    जुलाई 25, 2024 AT 16:20
    इतनी बारिश के बावजूद कोई जानहानि नहीं हुई - ये तो बड़ी बात है। बीएमसी और आपातकालीन टीम्स ने अच्छा काम किया। लेकिन अब बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान देना होगा। जल निकासी के लिए नए डिज़ाइन चाहिए, सिर्फ पंप नहीं।
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    Jinit Parekh

    जुलाई 25, 2024 AT 22:11
    अगर हम अपने शहर की देखभाल नहीं करेंगे, तो दुनिया को क्या फर्क पड़ेगा? ये बारिश भारत की कमजोरी नहीं, हमारी लापरवाही है। अपने घर के आसपास गंदगी निकालो, ड्रेन खुले रखो - ये सब अपने घर से शुरू होता है।
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    Prasanna Pattankar

    जुलाई 26, 2024 AT 09:24
    अरे भाई, बीएमसी ने जलभराव वाले क्षेत्रों में उपाय करने की घोषणा की है... यानी अभी तक कुछ नहीं किया? ये सब बस ट्वीट और प्रेस रिलीज़ का खेल है। जब तक बजट नहीं बढ़ाया जाएगा, तब तक ये चक्र चलता रहेगा। 😒
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    Jasvir Singh

    जुलाई 26, 2024 AT 14:45
    मैंने दहिसर में अपने दोस्त को देखा - उसका घर पानी में डूब गया था। उसने कहा, 'हम बस इंतज़ार कर रहे हैं कि कोई आएगा।' ये दर्द सुनकर दिल टूट गया। बीएमसी को अब बोलने की जगह, एक्शन लेना चाहिए।
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    Yash FC

    जुलाई 28, 2024 AT 06:16
    कभी-कभी लगता है कि मुंबई का हर बारिश का मौसम एक नया टेस्ट है - न केवल इंफ्रास्ट्रक्चर का, बल्कि हमारे सामूहिक दिमाग का। क्या हम सिर्फ बरसात का इंतज़ार करेंगे, या इसके लिए तैयार होंगे?
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    sandeep anu

    जुलाई 28, 2024 AT 13:31
    अरे यार, ये बारिश तो बस एक अवसर है! लोग बाहर निकले, पानी में नाचे, फोटो डाले, वायरल हो जाएं! ये नहीं कि घर में बैठे रहो - जीवन जियो! 🌧️💥
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    Shreya Ghimire

    जुलाई 30, 2024 AT 08:53
    ये सब एक योजना है। बीएमसी और सरकार जानते हैं कि जब तक लोग डरे रहेंगे, तब तक वे अपनी नीतियों को जारी रखेंगे। ये बारिश नहीं, ये नियंत्रण है। जलभराव के बाद जब तक लोग बाहर नहीं आएंगे, तब तक वे अपनी नई राजमार्ग योजनाएं नहीं लाएंगे।
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    Shraddha Dalal

    अगस्त 1, 2024 AT 05:17
    मुंबई के जल संग्रहण का आंकड़ा 43.41% है - ये तो एक अच्छा संकेत है। लेकिन ये बात भूल जाते हैं कि जल संग्रहण और जल निकासी दो अलग चीजें हैं। हमने जल संग्रहण के लिए बड़े झीलों को बचाया, लेकिन जल निकासी के लिए कुछ नहीं किया। ये एक विकृत प्राथमिकता है।
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    Indra Mi'Raj

    अगस्त 2, 2024 AT 10:00
    कभी-कभी लगता है कि ये बारिश हमें याद दिला रही है कि प्रकृति का हाथ हमारे नियंत्रण से बाहर है। हमने इतना कुछ बनाया, लेकिन अभी भी एक बारिश से बेबस हैं। शायद ये हमारी सबसे बड़ी सीख है।
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    Ankit Gupta7210

    अगस्त 4, 2024 AT 06:53
    कोलाबा में 1044mm? ये तो बारिश नहीं बरसात है। ये तो बारिश का एक जुनून है। लेकिन इतनी बारिश के बाद भी सबवे बंद? बीएमसी के लोगों को भी जानकारी देनी होगी।
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    Bhupender Gour

    अगस्त 5, 2024 AT 21:51
    पंप लगाना तो आसान है बस बजट बढ़ा दो। लेकिन जब तक नए ड्रेन नहीं बनेंगे तब तक ये सब बस धुंधला लालच है। बीएमसी को रोज ट्वीट नहीं, रोज गड्ढे खोदने चाहिए।
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    Pushpendra Tripathi

    अगस्त 6, 2024 AT 19:03
    तुम सब बारिश की बात कर रहे हो। लेकिन क्या किसी ने पूछा कि ये बारिश किसके लिए बढ़ रही है? जब तक शहर के बाहर के निवासी अपने घरों में बारिश का पानी नहीं बहाएंगे, तब तक ये सब बस एक नाटक है।
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    sri yadav

    अगस्त 8, 2024 AT 06:19
    मुंबई के लोग बारिश के लिए तैयार हैं? नहीं। वे बारिश के लिए तैयार नहीं हैं। वे बारिश के लिए बस भागने के लिए तैयार हैं। और यही तो हमारी संस्कृति है - भागना।
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    mahak bansal

    अगस्त 8, 2024 AT 11:07
    मैंने देखा कि घाटकोपर में एक बच्चा पानी में खेल रहा था। उसकी माँ बस हंस रही थी। शायद हमें इस बारिश को डर के बजाय एक यादगार अनुभव बनाना चाहिए। बस थोड़ी सी उम्मीद और जुनून चाहिए।
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    Paras Chauhan

    अगस्त 10, 2024 AT 00:34
    हम बारिश के बारे में बहुत बात करते हैं, लेकिन जब तक हम अपने घरों के आसपास के ड्रेन नहीं साफ करेंगे, तब तक कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा। ये नहीं कि बीएमसी को दोष देना है - ये हमारी जिम्मेदारी है।

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