भारतीय विमान सेवाओं को 50 से अधिक बम धमकी, सुरक्षा प्रावधानों में सख्ती की तैयारी
भारतीय विमान सेवाओं पर बम धमकियों की बाढ़
अक्टूबर 27, 2024 को भारतीय विमान सेवाओं को बड़ी संख्या में बम धमकियों का सामना करना पड़ा। ये धमकियां एक ही दिन में नहीं आईं बल्कि पिछले 14 दिनों में ऐसी 350 से अधिक धमकियां आ चुकी हैं। हर एक धमकी ने अब तक विमान सेवाओं को बड़ी मुसीबत में डाल दिया है। इन के कारण विमान संचालन में रुकावटें आईं और आर्थिक नुकसान लगभग 600 करोड़ रुपये तक हो चुका है। इस सन्दर्भ में सिविल एविएशन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा है कि सरकार इन धमकियों को गम्भीरता से ले रही है और फर्जी धमकी देने वालों के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएंगे।
सुरक्षा प्रावधानों में सख्ती और सुधार की योजना
वर्तमान संकट से निपटने के लिए सिविल एविएशन मंत्रालय हवाई सुरक्षा के नियमों में बदलाव की तैयारी कर रहा है। सरकार दो नागरिक उड्डयन सुरक्षा अधिनियमों, एयरक्राफ्ट सेफ्टी रूल्स और द सप्रेशन ऑफ अनलॉफुल एक्ट्स अगेंस्ट सेफ्टी ऑफ सिविल एविएशन एक्ट में संशोधन करने की सोच रही है। इन संशोधनों का उद्देश्य 'होअक्स कॉलर्स' को 'नो-फ्लायर लिस्ट' में डालने की प्रक्रिया को शामिल करना है। इस योजना के तहत, फर्जी बम धमकियों का मजाक उड़ाना या गलत जानकारी देना अब कानूनी अपराध माना जाएगा।
ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी की सक्रियता
हर छोटी-बड़ी घटना पर लगातार नजर रखने वाला ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) अमूमन ऐसी परिस्थितियों में सतर्क रहता है। इस बार भी उसने अपने सक्रियता का परिचय दिया है। BCAS लगातार गृह मंत्रालय के संपर्क में है और स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा उपायों को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है। साथ ही, विमान कंपनियों को कोई भी अप्रिय घटना से बचने के लिए यात्री के सामान की भी कड़ी जांच के निर्देश दिए गए हैं।
हाल ही में हुई फर्जी धमकियों का परिणाम यह रहा कि पिछले सप्ताह में आठ विमानों को अपने मार्ग बदलने पड़े हैं। सिर्फ एक दिन में ही अकासा एयर की 15 उड़ानों को सुरक्षा चेतावनी के तहत अलर्ट पर रखा गया। ये सब कदम भले ही यात्रियों को असुविधा दे रहे हों, लेकिन इनकी मदद से उड़ान सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहायता मिल रही है।
आर्थिक नुकसान और उद्योग पर प्रभाव
इन धमकियों के चलते विमान उद्योग को आर्थिक नुकसान का भी सामना करना पड़ा है। एक ही दिन में उड़ानों के प्रभावित होने से लाखों रुपये की क्षति हुई है। सिर्फ 9 दिन में यह नुकसान करीब 600 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। यह संकट न केवल एयरलाइन्स के लिए बल्कि पर्यटन और अन्य सम्बद्ध सेवाओं के लिए भी चिंताजनक स्थिति है। विमानों के समय पर उड़ने न होने से यात्रियों को भी मानसिक और शारीरिक थकान का सामना करना पड़ रहा है।
नई सुरक्षा नीतियों की आवश्यकता
धमकियों के चलते सुरक्षा व्यवस्थाओं को मजबूत करने की बात सामने आई है। विमान सेवाएं अब अपने सुरक्षा उपायों को बढ़ा रही हैं और नए सुरक्षा चक्र को लागू कर रही हैं। इसमें बोर्डिंग से पहले हैंडल पैक की जांच, पहचान पत्रों की सत्यता की जांच, और यात्रियों की व्यक्तिगत जांच शामिल हैं। यह सभी कदम इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए अत्यावश्यक हैं।
हवाई यात्रा की सुरक्षा सुनिश्चत करना सरकार की पहली प्राथमिकता होना चाहिए। इसके लिए न केवल तकनीकी बल्कि संगठनात्मक ढांचे को भी सशक्त करना होगा। हर एक व्यक्ति की जिम्मेदारी होती है कि वह इस प्रक्रिया में सही जानकारी का आदान-प्रदान करे और सुरक्षा के प्रति सजग रहे।
Harsh Malpani
अक्तूबर 29, 2024 AT 01:28Indra Mi'Raj
अक्तूबर 29, 2024 AT 17:39Prabhat Tiwari
अक्तूबर 31, 2024 AT 13:47Palak Agarwal
नवंबर 1, 2024 AT 03:08Paras Chauhan
नवंबर 1, 2024 AT 16:56Jinit Parekh
नवंबर 2, 2024 AT 19:53udit kumawat
नवंबर 3, 2024 AT 10:36Ankit Gupta7210
नवंबर 5, 2024 AT 07:02INDRA SOCIAL TECH
नवंबर 5, 2024 AT 21:15Drasti Patel
नवंबर 7, 2024 AT 03:21